तन्हाई में मन बहलाने को चुत चुदाई-2

हिंदी आंटी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने एक महिला की तन्हाई भरी जिन्दगी को अपनी चुदाई के सुख से कुछ रंगीन करने का प्रयास किया.

हैलो फ्रेंड्स, मैं विक्की अपनी सेक्स कहानी में एक 44 साल की महिला की तन्हाई भरी जिन्दगी को अपनी चुदाई के सुख से कुछ रंगीन करने का प्रयास कर रहा था.
हिंदी आंटी सेक्स स्टोरी पिछले भाग
पति की बेरुखी से दुखी औरत
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं मैडम के साथ उनके घर में ही था और उनके शरीर के साथ खेल रहा था.

अब आगे हिंदी आंटी सेक्स स्टोरी:

कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और कॉफी के मग उठा लिए. अब तक कॉफी लगभग ठंडी होने को थी.

हम दोनों ने कॉफी पी और बात करना शुरू की.
तब उन्होंने अपनी जिंदगी की सारी बातें खोलना शुरू कर दीं.

धीरे धीरे सारी बातों को मेरे सामने रखने लगीं कि उनके हस्बैंड का अपना बिजनेस है. वो उसके चक्कर में लगभग बाहर ही रहते हैं उनके बच्चे अपनी पढ़ाई के कारण बाहर रहते हैं. उनसे ज्यादा बात भी नहीं हो पाती है.

वो आगे बोली- घर वालों ने मेरी शादी सिर्फ मेरे पति के पैसे को देखकर ही की थी. हस्बैंड मुझे कोई ज्यादा भाव नहीं देता था, हमेशा तिरस्कृत करता रहता था. उस चक्कर में सेक्स लाइफ भी लगभग बर्बाद हो गई थी. इस शादी से मुझे ना मानसिक शांति मिली, ना शारीरिक.

ये सब सुनकर मैंने उन्हें समझाया कि जो भी होना होता है, वही होता है. इंसान को अपने दिमाग को स्थिर रखना चाहिए और हर परिस्थिति में खुद के लिए एक मार्ग बना लेना चाहिए, जिससे जीवन को सुख पूर्वक बिताया का सके.

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मैंने इस तरह से उन्हें मानसिक रूप से सपोर्ट देने की कोशिश की.

अंत में मैंने कहा- मुझसे आपको क्या चाहिए?
उन्होंने कहा- पहले तो मैं तुमको सिर्फ शारीरिक सुख के लिए बुलाना चाहती थी. लेकिन मुझे नहीं पता था कि तुम मेरे ही शहर के निकलोगे. अब तुम्हारी सोच देख कर मुझे काफी अच्छा लग रहा है.

ये कह कर मैडम मुस्करा दीं.

मैंने भी उनकी आंखों में आंखें डालकर मुस्कान बिखेर दी.

मैडम आगे बोलीं- मैंने सोचा था कि मैं अपने जिस्म की जरूरतों के साथ तुमसे मानसिक शांति भी पा सकूँ, अगर तुम मुझे दे सको, मेरे साथ अच्छे से बातें कर सको … तो ये भी मेरे लिए काफी होगा. फिर इतने दिन में तो तुम मुझे विश्वास के लायक लगने लगे कि मैं तुमसे अपने मन की हर बात शेयर कर सकूं.

उसके बाद मैडम मेरी आंखों में देखने लगीं और कहने लगीं- तुम मुझे सप्ताह में दो या तीन दिन 3-4 घंटे के लिए अपना टाइम दे सकोगे?

मैंने ओके कह दिया.
हम दोनों का एक ही शहर में था तो मुझे कोई दिक्कत नहीं थी.

उसके बाद वह मेरी आंखों में बड़ी हसरत भरी नजरों से देखे जा रही थीं. मैंने उन्हें हग किया और आगे बढ़ कर किस कर दिया.

वो बस इस पल को इंजॉय करना चाह रही थीं. अब वह मेरा साथ भी दे रही थीं और पूर्ण रूप से अपने आपको समर्पित भी कर चुकी थीं.

कुछ देर तक मैंने उनके साथ अपने दिल की धड़कनों को साझा किया, कुछ चुम्बन भी किए.

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फिर मैंने उनसे उनकी रुचि जाननी चाही कि आपकी सेक्स में पसंद क्या है, मैं वही करूंगा.
उन्होंने कहा- आज तुम जो भी करोगे .. मुझे अच्छा लगेगा. क्योंकि मैं तुमसे मानसिक रूप से भी जुड़ चुकी हूं.

मैंने उनसे पूछा- आपको फोरप्ले अच्छा लगता है कि नहीं!
उन्होंने कहा- तुम कुछ भी करो … मैं आज बिना सेक्स किए ही तुमसे संतुष्ट हो चुकी हूं.

इतनी देर बातें करके उसके बाद हम दोनों किस करने लगे. हमारे होंठ जुड़ गए और ये किस काफी लंबा चला.

वो कुर्ती और सलवार पहने थीं. मैं उनके कपड़ों को धीरे-धीरे अलग करने लगा.

वह इस पल का बड़ी तन्मयता से आनन्द ले रही थीं और इस खेल में पूर्ण रूप में खोने लगी थीं.
ऐसा लग रहा था जैसे हम दो शरीर नहीं थे, हम एक ही हों. जैसे पानी में चीनी घुल जाने के बाद पता ही नहीं चलता है, उसी प्रकार से वो उन पलों में खो चुकी थीं.

मैंने उन्हें पूर्ण नग्न करके बिस्तर पर लिटा दिया.
उनके स्तन काफी सख्त थे. शायद काफी दिनों से पति के साथ संसर्ग न किये जाने के कारण ऐसा था.

मैंने सोचा कि आज इनके साथ कुछ थोड़ा सा अलग किया जाए.

अब मैं उनके नग्न शरीर पर धीरे-धीरे चढ़ता जा रहा था. कभी अपनी उंगलियों से उनके चुचे छेड़ता और कभी हौले से चुंबन कर देता. कभी ऊपर को होकर उनके होंठों को चूमने लगता, छेड़छाड़ करता.

ये सब मैं इतना धीरे धीरे कर रहा था कि उनके शरीर कंपकंपा उठा था.
मेरे हरेक चुम्बन से उनके मुँह से कामुक स्वर निकलने लगता. वो ‘आआहह ..’ करे जा रही थीं.

उनके आनन्द को शब्दों में लिख पाना मेरे लिए काफी मुश्किल है.

मैंने आज तक इतनी लड़कियों और महिलाओं के साथ चुदाई का खेल खेला है, मगर आज इन मैडम के जैसी हालत किसी की नहीं देखी थी. मैडम बिना लंड चुत में लिए ही इतनी अधिक तृप्त से दिखने लगी थीं कि क्या कहूँ.

हर पल उनकी तेज होती मादक और कामुक कराहों से मैं भी मस्त था. मैडम के ‘आआहहह ओहह ..’ के कामातुर स्वर को सुनकर मैं भी बहुत उत्तेजित होता जा रहा था. साथ ही मैं अपनी काम क्रिया को और तेज करता जा रहा था.

इससे उनकी उत्तेजना भी और बढ़ जाती और वो और भी तेज ‘आआआहहह .. ईस्स्स्स्स् .. उम्म ..’ करने लगतीं.

जब मैं उनके स्तन के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचता, तब वह बहुत ही आनंदित भाव से चिहुंक उठतीं.

मैं उन्हें और भी ज्यादा किस करते करते उनके पेट पर आ गया.

उनका शरीर धीरे-धीरे कंपन कर रहा था. वो निरंतर आवाजें भर रही थीं

मैं उनके पेट पर हल्के से अपनी उंगलियां फिराने लगा. उनके पेट पर अपने होंठों से चुंबनों की झड़ी लगा रहा था.
इसी बीच मैंने उनके मुँह में अपने एक अंगूठे को दे दिया था. वह बहुत ही चाव से मेरे अंगूठे को चूस रही थीं और ‘ऊमम्म .. उम्म ..’ भी कर रही थीं.

इसी बीच मैं अपने दूसरे हाथ की उंगली को उनके पेट पर फिराता और उनके चुचे पर भी हाथ फेर देता. फिर चूची पर हल्की से चिकोटी काटते हुए निप्पल को उमेठ देता, जिससे उन्हें आनन्द मिलता.

इस पल में वह जैसे अपने आप को खो चुकी थीं.
वो बस ‘ईस्स्स ऊम्म्म …’ किए जा रही थीं.

धीरे धीरे मैं भी अपने आपको नग्न कर चुका था. धीरे-धीरे उन्हें किस करते हुए जब मैं उनकी चूत पर आया.

उन्होंने मुझे रोकते हुए कहा- नहीं उधर नहीं … वो भी कोई मुँह लगाने की जगह है!
मैंने उनकी आंखों में वासना से देखते हुए कहा- आप चुप रहो और बस इस पल को इंजॉय करो.

मेरी जिद देख कर उन्होंने भी हामी भर दी और मैं उनकी मखमली बुर को सूंघने लगा.
मैडम की चुत पहले से पूरी चिकनी और गीली हो गई थी.

मैंने चुत पर एक मस्ती भरा चुंबन दिया और एक फांक को होंठों से पकड़ कर खींचते हुए चूसा, इससे वह पूर्ण रूप से सिहर उठीं और एक तेज ‘ईस्स्स्स ..’ की आवाज निकाल दी.

वो काफी देर से गर्म थीं इसलिए मेरे चुत चाटने से ही मेरे मुँह में स्खलित हो गईं.
उनका रस मेरे मुँह को गीला करने लगा लेकिन मैंने फिर भी चुत चाटना चालू रखा.

एक दो मिनट बाद उन्होंने कहा- अब और ना तड़पाओ .. अब मुझे यौन तृप्ति दे दो.

उसके बाद मैंने अपने लंड को उनकी बुर के छेद पर लंड लगाया और लंड से चुत की फांकों को धीरे से रगड़ा.

अब वो एकदम से लंड चुत में लेने के लिए बेचैन हो गई थीं. मगर मैं लंड चुत में पेल नहीं रहा था.

उन्होंने एक लंबी सी सिसकारी ली और बोलीं- अब और नहीं … अन्दर पेलो.

ये सुनने के बाद मैंने एक हल्का सा धक्का दे मारा.
वह तो जैसे इसके इंतजार में भी थीं. इस सरप्राइज़ शॉट से वह एकदम से उछल गईं.

मेरे धक्के लगातार लगने लगे. हर एक धक्के के बाद उन्होंने लंबी सी आहहह … की आवाज दी.

उसके बाद धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा लंड उनकी बुर में घुसा दिया. और उनकी चुचियों से खेलने लगा. मैं लंड चुत में पेलते हुए बीच-बीच में उन्हें किस भी कर रहा था.

पांच मिनट तेज गति से चुत चोदने के बाद अब मैं धीरे-धीरे उनकी बुर में अपने लंड को आगे पीछे आगे पीछे कर रहा था.

वो आनन्द के स्वरों के साथ इन चुदाई के पलों का पूरा सुख ले रही थीं और निरंतर ‘आह ऑहह ईस्स्स्स ..’ कर रही थीं.

उनके चेहरे को देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्हें सब कुछ मिल गया हो.
मैं भी उनको मस्ती के साथ चोदे जा रहा था.

मुझे लग ही नहीं रहा था कि मैं एक उम्रदराज औरत की चुदाई कर रहा हूँ. वो एक मस्त माल थीं. मैं उन्हें किस पर किस किए जा रहा था.

मैंने सोचा कि अभी मैडम को कोई स्वीट बाइट नहीं देना है. वह सब बाद में दूँगा, अगर रात में फिर से चुदाई होगी तो उसके लिए ये सनसनी छोड़ देता हूँ.

फिलहाल मैडम लंड का आनन्द लिए जा रही थीं और मादक आवाजे किए जा रही थीं.

दस मिनट की चुदाई के बाद वो बोलीं- मेरा फिर से निकलने वाला है … क्या इस बार भी तुम मेरे साथ नहीं आओगे?

इससे पहले चुदाई के दौरान मुझे उनके पानी निकलने का दो-तीन बार अहसास हुआ था.
मैंने उनसे कहा- हां क्यों नहीं.

उसके बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
उनकी तेज मादक आवाजों के बीच कुछ सुपरफास्ट धक्कों के बाद मेरा भी रस निकलने वाला था.

मैंने उससे पूछा- कहां निकालूं?
उन्होंने गांड उठाते हुए कहा- अन्दर ही.

उसी पल मैंने जोर की आआह हहह की और छूट गया. हम दोनों दूसरे में समा गए. मैं उनके ऊपर गिर गया.
वो मेरे बालों को बहुत ही संतुष्टि भाव से सहला रही थीं.

फिर उन्होंने मेरे माथे पर एक प्यार भरा चुंबन दिया और मुझे धन्यवाद कहा.

कुछ मिनट बाद हम दोनों उठ गए बाथरूम से साफ़ होकर आए.
मैंने कपड़े पहने मगर उन्होंने मुझे नहीं रोका, तो मैं समझ गया कि आज शायद वो एक बार ही सेक्स चाहती थीं.

मैं जाने लगा तो बोलीं- मुझसे मिलते रहना … मुझे अकेली नहीं छोड़ना.

दोस्तो, यह कहानी 2016 की है. हम लोग करीब 3 साल साथ रहे. उसके बाद उनके हस्बैंड ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए दूसरे शहर में जाना उचित समझा.

उसके बाद हमारी कभी कभी फोन पर बात हो जाती है. वक्त मिलता है तो वो मुझे अपने शहर बुला भी लेती हैं.

मेरी उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव की सेक्स कहानी आपको कैसी लगी. उम्मीद करता हूं कि कुछ अलग चाहने वालों के लिए उन्हें इसमें कुछ नया मिला हो.

अगर इस हिंदी आंटी सेक्स स्टोरी को आपने पसंद किया, तो इस सेक्स कहानी को आगे भी बढ़ाऊँगा.
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