तन्हाई में मन बहलाने को चुत चुदाई-1

हॉट आंटी Xxx कहानी में पढ़ें कि मेरी मुलाकात एक आंटी से हुई. वो अपने पति की बेरुखी से दुखी थी. मैंने उन आंटी की मदद की. उनकी सेक्स की कमी पूरी की.

नमस्कार दोस्तो, मैं विक्की सेक्स कहानी वाली साइट पर एक बार फिर से आपका स्वागत करता हूं.
आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद जो आप लोगों ने मेरी सेक्स कहानी को पढ़कर मुझे काफी रिस्पांस दिया.

मेरी पिछली कहानी थी: पापा के दोस्त से पहली मस्त चुदाई

अब तो ऐसा लगता है कि मेरी किसी भी इल्तजा का कुछ लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

मैं एक फिर से कहना चाहूंगा कि मैं किसी भी लड़की या औरत जिससे मैं मिलता हूं, उसकी कोई भी पहचान संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दे सकता हूँ. मैं किसी की भी गोपनीयता का इतना अधिक ख्याल रखता हूं कि अपने साथ सेक्स कर रही लड़की से दूसरी लड़की तक की कोई जिक्र तक नहीं करता हूँ, तो फिर मैं आपसे कैसे उसकी गोपनीय जानकारी दे दूँगा. हर किसी की अपनी लाइफ है. प्लीज़ समझा कीजिए.

जब कोई लड़की या भाभी मुझ पर विश्वास करती है, तभी वो मुझे मिलने के लिए बुलाती है. मैं उनकी जानकारी रेवड़ी की तरह बांट कर गलत करने लगा, तो यह सही नहीं होगा. इस तरह का व्यवहार करके मैं किसी के विश्वास को तोड़ नहीं सकता.

मैं आज जिस हॉट आंटी Xxx कहानी का जिक्र करने जा रहा हूं, वह मेरी एक प्रशंसक ही है.

मुझे लगने लगा था कि महिलाएं सिर्फ सेक्स की भूख मिटाने के लिए ही मुझे मुझसे संपर्क करती हैं.
लेकिन इस बार इन मोहतरमा ने मुझे एक सीख भी दी थी और एक अलग तरीके का अहसास दिलाया था कि महिलाएं और लड़कियां बिना सेक्स के कितनी अधूरी हैं. उन्हें सेक्स तो चाहिए ही, लेकिन उससे ज्यादा उनकी भावनाओं को समझने के लिए भी कोई होना चाहिए.

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उनकी भावनाओं को समझने वाला आदमी चाहे पैसे लेकर ही यह काम करे, मगर उनकी भावनाओं को सुनें और समझे. तभी उसको संतुष्टि और आत्मिक खुशी मिलती है.

इस सेक्स कहानी में सेक्स पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया है. जो भी पाठक अपनी चुदाई की भूख को शांत करने की उम्मीद लगाकर इस सेक्स कहानी को पढ़ रहे हैं, उनके लिए यहां पर कुछ भी विशेष नहीं है.

हुआ कुछ यूं कि एक महिला ने मुझे मैसेज किया, तो वो मुझसे गोल मोल होकर बातें कर रही थीं. मतलब वो सीधे तौर पर अपनी दबी हुई कामेच्छा को नहीं लिख रही थीं.

इसका एक कारण ये भी था कि एकदम से कोई भी महिला या लड़की किसी पर सीधे तौर पर विश्वास नहीं करती है.

चूंकि मुझे इस बात का अनुभव हो गया है, तो मैं इस बात को समझने लगा था. यह मैडम भी शुरुआत में बात करने में बहुत ज्यादा हिचकिचा रही थीं.

उनके साथ करीब 15 दिन तक बात करने के बाद जब उन्हें लगने लगा कि वो मुझ पर विश्वास कर सकती हैं, तो उन्होंने बताया कि वो मुझसे मिलना चाहती हैं.

इसके बाद मैंने उनसे उनके शहर का नाम पूछा. संयोग से वो मेरे ही शहर की निकलीं.

अब जब हम दोनों का एक ही शहर था, तो मैंने भी उन्हें अपने शहर का नाम बता दिया.

उन्हें ये जानकर बहुत खुशी भी हुई. वो बोलीं- चलिए अच्छा हुआ कि आप इधर के ही हैं. मैं तो विश्वास ही नहीं कर सकती थी कि आप भी मेरे शहर में ही हैं. मुझे दूसरे शहर में जाने में भी काफी समस्या आ सकती थी.

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कुछ देर तक औपचारिक बातचीत के बाद मैंने उनसे उनकी उम्र और उनकी फोटो मांगी.

उन्होंने कहा- जब हम दोनों एक ही शहर के हैं, तो पहले कहीं एक साधारण मुलाकात कर लेते हैं.
मैंने हामी भर दी.

फिर जब उन्होंने मुझसे मेरी फोटो मांगी, तो मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें अपनी फोटो दे दी.
इसका कारण उन्होंने बताया कि मैं ये पक्का करना चाहती हूँ कि कहीं आप मेरे परिचित तो नहीं हैं. साथ ही उन्होंने मुलाक़ात के समय मुझे पहचान लेने के लिए भी मेरी फोटो मांगी थी.

उनके साथ 15 दिन से बात करने के कारण मुझे इतना तो विश्वास हो ही गया था कि वो सच में सीरियस हैं.

हम दोनों ने अपने शहर के किसी एक बड़े पार्क में मिलने का प्लान बनाया.
हमने बुधवार का प्लान बनाया क्योंकि संडे को उनकी अपनी कुछ व्यस्तता थी.
मैं मान गया.

मैं निश्चित दिन पर उनसे मिलने के लिए चला गया. चूंकि मैं उन्हें अपनी फोटो दे चुका था तो वो तो मुझे पहचान सकती थीं लेकिन मैं अभी भी अंधेरे में ही था.

पहले उन्होंने मुझे ऑफर किया था कि वह मुझे पिक कर लेंगी.
लेकिन मैंने कहा कि नहीं मैं आ जाऊंगा, आप वहां पर पहुंच जाइएगा.

उनका घर उस पार्क से काफी पास में ही था और मुझे जाने में करीब 40 मिनट लगने थे.

वो मुझसे पहले ही आ गई थीं और उन्होंने मुझे फोन लगा दिया था.

मैंने उनसे कहा- आप वहीं पर रुकें, मैं बस पहुंच रहा हूं.

तय समय से दस मिनट देर से मैं वहां पर पहुंचा.
उस समय दोपहर का समय था.

मैडम ने मुझे पहचान लिया और पार्क के बाहर ही मुझे हैलो बोल कर मुझसे मिलीं.

मैंने उन्हें देखा तो मन ही में काफी खुश हुआ.
वास्तव में मैडम लोगों के लिए देखने लायक चीज थीं और मेरे लिए एक बढ़िया चोदने लायक माल थीं.

मैं उनसे गर्मजोशी से हैलो बोलते हुए मिला और हम लोग पार्क के अन्दर आ गए.

बार बार मैं मैडम की तरफ देख रहा था. वो देखने में काफी मस्त लग रही थीं.
उनकी उम्र 30-32 साल की रही होगी. मैडम की शारीरिक नाप तो साधारण ही थी, चेहरे पर कशिश बहुत अच्छी थी.

मैंने उनसे बात शुरू करते हुए पूछा- क्या मैं जान सकता हूँ कि आपकी उम्र क्या है?
उन्होंने तनिक हंस कर कहा- पहले तुम ही मेरी उम्र का अंदाजा लगाओ.

मैंने बोल दिया- यही कोई 30 से 32 साल.
उन्होंने सीना गर्व से फुलाते हुए कहा- बहुत कम उम्र समझी है.

मैंने उनकी चूचियों की तरफ कहा- ओके … आप ही सही बता दो.
उन्होंने कहा- आपकी बताई 32 साल से 12 साल ज्यादा.

मतलब मैडम 44 साल की थीं. ये जानकर मुझे काफी आश्चर्य हुआ.
फिर मुझे अहसास हुआ कि जो महिलाएं अपने आपको संवार कर रखती हैं और उनको अपने शरीर की फिक्र रहती है, तो इससे उनकी उम्र का पता नहीं चलता है.

वो मुझे पसंद आ गई थीं और जब मैंने उनकी तारीफ़ की तो उन्होंने भी मुझे पसंद किया.

उसके बाद हम दोनों ने शाम तक का समय उसी पार्क में बिताया.
समय का मालूम ही नहीं चल रहा था. ये तभी होता है, जब एक दूसरे से दिल लग गया होता है.

शाम हो जाने के बाद हम दोनों ने बाहर निकल कर नाश्ता किया और उसी दौरान उन्होंने मुझसे मिलने की बात करते हुए अगले दिन की बात कही.

मैंने हामी भरते हुए उनसे और कुछ पूछना चाहा, तो उन्होंने कहा- मैं तुम्हें सब कुछ बताऊंगी … कल तो हम मिल ही रहे हैं न!
मैंने हां कह दी.

मुझे समझ नहीं आया कि वो पता नहीं सारा कुछ इतना गोपनीय रखना क्यों चाहती थीं.
शायद वो हर बात को कहने के लिए सही वक्त का इंतजार करती थीं.

मैं ऑटो से आया तो ऑटो लेने के लिए दूसरी तरफ जाने लगा.

मैडम ने जिद की- मैं तुम्हें छोड़ देती हूँ.
मैंने उन्हें काफी मना किया, पर इस बार उन्होंने मुझ पर अधिकार जताते हुए मुझे मेरे रूम के पास छोड़ दिया.

वह जाने से पहले बोलीं- कल तुम मेरे घर ही रात में रुकना.
मैं हामी भर दी और उनकी सारी रात चुदाई की मंशा को समझ लिया.

फिर उन्होंने बोला- कल मैं सुबह 10:00 बजे तुम्हें लेने के लिए यहीं आ जाऊंगी.

मैं उन्हें मना किया- नहीं, आप परेशान न होना … मैं उसी पार्क के पास मिल जाऊंगा. वहीं से आपके घर चलेंगे.

इस पर उनकी प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी, जैसे किसी से उसकी पसंद की चीज छीन लेने की बात कह दी गई हो.

अगले ही पल उन्होंने मुझे आज ही चलने के लिए कह दिया. लेकिन मुझे कुछ काम था, मैंने उनसे कल आने को बोल दिया.

मैडम मुझे बड़े प्यार से देखते हुए बोलीं- मुझे अब से कल तक तुम्हारी बड़ी याद आएगी. प्लीज़ जल्दी आ जाना.

मैं मुस्कुरा दिया और इधर उधर देख कर मैंने एक फ्लाइंग किस उछाल दिया.
मैडम ने भी अपने होंठों को गोल करके मेरे किस का जवाब दे दिया.

अगले दिन ठीक 9:30 बजे उनका मेरे मोबाइल पर कॉल आ गया- मैं तुम्हें रिसीव करने के लिए आ रही हूं, तुम कहां मिलोगे?

मैंने बता दिया कि कल आपने जहां पर मुझे छोड़ा था, मैं दस मिनट में वहीं पर मिल जाऊंगा.

दस मिनट बाद मैडम की कार उस जगह पर आ गई.
वह मुझे लेकर अपने घर आ गईं.

आज मैडम बहुत मुझे शांत लग रही थीं, लेकिन उनकी आंखों में देखने से मुझे लगता था कि वो अपनी आंखों में एक अजीब सी तन्हाई लिए हैं किसी अधूरे पल को पूरा न कर पाने का दुख है, साथ ही तिरस्कृत किये जाने का भाव भी था.

मैंने उनसे कहा- आपके चेहरे पर कुछ और है … और आंखों में कुछ और दिख रहा है. क्या बात है?

उन्होंने मेरी तरफ देखे बिना कहा- ऐसा कुछ भी नहीं है. जो मेरी आंखों में है, वही चेहरे पर भी है.

लेकिन यह बात बोलते हुए उनके चेहरे पर मायूसी और उदासी साफ झलक रही थी.

मैंने कहा- चलिए ईश्वर की कृपा से ऐसा ही हो, लेकिन अगर आप मुझे दोस्त मानती हैं, तो प्लीज़ मुझे अपनी हर बात बताइएगा.

वो मेरी बात सुनकर चुप रहीं.

तो मैंने उनसे कहा कि मैं एक अच्छा श्रोता हूं. आप मुझे अपनी मन की बात बता सकती हैं. वैसे भी आपने मुझे इस वक्त का पेमेंट दिया है. एक अच्छी खासी रकम दी है. आपको शारीरिक सुख के अलावा, मानसिक सुख में भी मैं आपकी मदद कर सकूँ, तो मुझे भी अच्छा लगेगा.

ये सुनकर उनके चेहरे पर एक स्थिरता का भाव आया.

उसके बाद मैंने उनसे बात शुरू करने का इशारा किया, तो उन्होंने मुझसे दोबारा पूछा कि तो तुमको मेरे साथ रात में रुकने में कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना!

मैंने कहा- नहीं होगी. अगर होती, तो मैं पहले बता देता.

उसके बाद वह मेरे लिए कॉफी बनाकर ले आईं और मेरे पास आकर बैठ गईं. उन्होंने कॉफी के मग वाली ट्रे को टेबल पर रख दी.

फिर उन्होंने कहा- क्या तुम मुझे हग कर सकते हो?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं!

इतना सुनकर वो मेरे गले लग गईं.

उनका सर मेरे कंधों पर टिका था. फिर उन्होंने अपनी पकड़ को कुछ टाइट किया, तो मैंने भी उन्हें कस के जकड़ लिया.

उसके बाद मैंने उनकी गर्दन के पीछे एक चुम्बन कर दिया.
वो एकदम से सिहर गईं.

मैंने उनसे कान में फुसफुसाते हुए पूछा- मेरे चुम्बन से कैसा लगा?
वो बोली- बस इसी तरह थोड़ी देर मेरे गले से लगे रहो, मुझे अच्छा लग रहा है.

मैडम शायद आंख बंद किए हुए थीं. मैंने उन्हें कुछ चुम्बन और किये मगर उनकी तरफ से चुम्बन का जवाब नहीं मिला.

दोस्तो, मैडम के साथ क्या कुछ हुआ वो सब मैं हॉट आंटी Xxx कहानी के अगले भाग में लिखूंगा. आपका प्यार ईमेल के जरिये मिलेगा तो मुझे बड़ी ख़ुशी होगी.
आपका विक्की
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