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कामुक्ताज डॉट कॉम के सभी पाठक और पाठिकाओं को मेरे लंड की तरफ से खड़ा नमस्कार!
मैं कामुक्ताज डॉट कॉम का दैनिक पाठक हूं. आज मैं आप लोगों के सामने अपनी कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूं.
कहानी पर आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूं. मेरा नाम आर्यन है. उम्र 21 से ऊपर ही हो रही है. मैं जमशेदपुर, झारखंड का रहने वाला हूं.
दोस्तो, हिन्दी सेक्स कहानी लिखने का मुझे ज्यादा अनुभव तो नहीं है. मेरी यह पहली सेक्स कहानी है जिसे मैंने काफी मेहनत से लिखा है. मैं उम्मीद करता हूं कि आपको मेरी यह आपबीती पसंद आयेगी. चूंकि यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है इसलिए अगर कोई गलती हो जाये तो माफ करना.
एक दिन मैं कामुक्ताज डॉट कॉम पर जिगोलो की कहानी पढ़ रहा था. कहानी पढ़ते हुए ही मेरे दिमाग में ये ख़याल आया. मैंने सोचा ऐसी बहुत सी औरतें और लड़कियां होंगी जो चुदाई का मजा लेना चाहती होंगी. मगर बदनामी के डर से अपनी इच्छाओं को दबा कर रखती होंगी.
लड़की के मन में बदनामी डर स्वाभाविक भी है. लड़कियों की इज्जत ही उनका गहना होती है. आज के जमाने में किसी का भरोसा नहीं है इसलिए सावधानी बहुत जरूरी हो जाती है.
जिगोलो वाली कहानी के पढ़ते हुए ही मैंने सोचा कि मैं भी कॉलब्वॉय बन जाता हूं. मुझे लड़कियों की चूत चुदाई का मजा भी आयेगा और इस तरह से मैं उनको बिना किसी डर के सेक्स का आनंद भी दे पाऊंगा.
इंस्टाग्राम पर यही सोचकर मैंने अपना अकाउंट बना दिया. यहीं से मेरी कहानी की शुरूआत हो गई.
एक दिन मुझे एक लड़की का मैसेज आया. उसका नाम रतिजा (बदला हुआ) था. मैसेज चैट पर उसने बताया कि वो एक स्टूडेंट है और शहर में ही रहती है.
पहले तो रतिजा को मेरी बातों पर भरोसा नहीं हुआ. फिर मैंने उसे भरोसा दिलाया कि जो कुछ भी वो मुझसे बोलेगी वो बस हम दोनों के बीच में ही रहेगा. फिर उसको धीरे-धीरे मेरी बातों का यकीन हो गया.
वो बोली कि उसको चुदाई का मजा लेना है. मगर वो ब्वॉयफ्रेंड के चक्कर में नहीं पड़ना चाह रही थी. उसको बस लंड से चुद कर अपनी चूत को संतुष्टि देनी थी.
मैंने उससे कहा- मैं उसको चुदाई का पूरा मजा दूंगा. लेकिन ये बात हम दोनों तक ही रहेगी. इससे तुम्हें भी फायदा रहेगा और मुझे भी. हम दोनों बिना किसी डर के सेक्स का मजा ले सकेंगे.
रतिजा ने मुझसे मेरा रेट पूछा.
मैंने उससे कहा कि चूंकि तुम मेरी पहली कस्टमर हो इसलिए रेट बाद में तय हो जायेगा. अगर तुम्हें मेरे साथ मजा आये तो फिर उसके हिसाब से ही हम पैसे तय कर लेंगे.
इतनी बात होने पर वो राजी हो गयी. उसने कहा कि वो मिलने का पता और टाइम मैसेज के जरिये बता देगी.
कुछ दिन तक मैं इंतजार करता रहा. अभी तक उसका कोई मैसेज मुझे नहीं मिला.
फिर अचानक एक दिन उसने मुझे एक होटल में आने के लिए कहा. उसने सब कुछ पहले से ही फिक्स कर लिया था. मैसेज में उसने रूम नम्बर भी लिखा हुआ था. टाइम उसने 10 बजे का दिया.
मुझे खुशी भी हो रही थी और थोड़ी घबराहट भी. यह मेरा पहला काम था. मैंने रतिजा की फोटो भी नहीं देखी थी इसलिए थोड़ा डर भी लग रहा था कि पता नहीं कौन होगी और कैसी दिखती होगी. साथ ही ये भी विचार मन में चल रहे थे कि पता नहीं मैं उसे खुश कर पाऊंगा या नहीं.
उसके बताये होटल में पहुंच कर मैंने उसे फोन किया. वो बोली कि जो रूम नम्बर बताया गया था उसी में सीधे आ जाओ. रूम पर पहुंच कर मैंने दरवाजे को नॉक किया. जब दरवाजा खुला तो मुझे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ.
रतिजा देखने में बेहद खूबसूरत थी. अच्छा खासी हिरोइनें भी उसके सामने पानी मांगें. उसने टीशर्ट और जीन्स पहनी हुई थी.
दरवाजा खोलते ही मुझे अन्दर ले गयी. हमने दरवाजा लॉक कर दिया.
उसकी फीगर को देख कर मैंने अन्दाजा लगाया कि उसके बूब्स 34 के साइज के होंगे. कमर 26 के लगभग बिल्कुल ही पतली और चूतड़ 32 के करीब थे.
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं इतनी सेक्सी माल को चोदूंगा.
मैं उसको घूर ही रहा था कि वो मेरी तरफ देख कर बोली- अब दूर ही खड़े रहोगे या कुछ करोगे भी?
ये सुनते ही मैं उसके पास गया. थोड़ी घबराहट हो रही थी. इससे पहले ऐसे किसी अन्जान लड़की के साथ मैंने कुछ नहीं किया था.
रतिजा की कमर में हाथ डाल कर मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया. वो भी मेरा साथ देने लगी. अब उसकी जीभ भी मेरे मुंह में आ रही थी. दोनों एक दूसरे के मुंह से रस को खींचने लगे थे. 15 मिनट तक ऐसे ही किसिंग चलती रही. मुझे ये भी ध्यान रखना था कि सबकुछ उसकी मर्जी के मुताबिक हो क्योंकि वो मेरी कस्टमर थी.
फिर उसने बेड पर चलने के लिए कहा. बेड के नजदीक पहुंच कर मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया. उसकी चूचियों को टीशर्ट के ऊपर से ही दबाने लगा. उसकी मुलायम चूचियां दबाते हुए मेरा लौड़ा एकदम से सख्त होकर रॉड के जैसा हो गया था.
मैं उसके गले और कान के पीछे किस करने लगा. मुझे अब जोश चढ़ने लगा था. घबराहट धीरे-धीरे करके छू मंतर हो गयी थी. अब रतिजा के मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं.
फिर मैंने उसका टीशर्ट निकाल दिया. उसने सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उसकी ब्रा के ऊपर से ही मैं उसकी चूचियों पर टूट पड़ा. उनको जोर से दबाने लगा. वो सिसकारने लगी. उसकी चूचियां सच में बहुत ही मस्त थीं.
उसके बाद मैंने उसकी जीन्स की तरफ हाथ बढ़ा दिये. उसकी जीन्स को खोलते हुए मैंने उसकी जांघों से नीचे कर दिया. उसकी मोटी सी गांड में जीन्स फंसी हुई थी. उसने भी जीन्स निकलवाने में मदद की.
नीचे से उसने नीले रंग की पैंटी पहनी हुई थी. अब रतिजा मेरे सामने ब्रा और पैंटी में ही थी. सफेद ब्रा और नीली पैंटी में वो गजब की माल लग रही थी. उस रूप में उसको देख कर किसी बुड्ढे का लंड भी तनतना जाता.
मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि ये खूबसूरत परी अपनी प्यास को बुझाने के लिए एक जिगोलो के लंड का सहारा ले रही है. उसके लिए तो कोई भी लड़का जान देने के लिए तैयार हो जाता. मगर सबकी अपनी अपनी पसंद होती है. उसने पहले ही कह दिया था कि वो रिलेशनशिप के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती है.
अब उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये. उसने मेरी शर्ट को निकाला. मेरा लौड़ा पैंट में तना हुआ था.
मेरे लंड पर हाथ फिराते हुए वो बोली- बस थोड़ा सा इंतजार, उसके बाद तुम मेरे छेद में अंदर जाने वाले हो.
ये कहकर वो मुस्करा दी.
उसने मेरी पैंट को भी उतार दिया. मैं अब केवल अंडरवियर में था.
फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया. उसकी चूचियां नंगी हो गईं. उसकी गोरी चूचियों पर भूरे रंग के निप्पल थे. उनको देख कर तो मैं देखता ही रह गया. पल भर की देर किये बिना ही मैंने उसकी चूची को मुंह में ले लिया.
बारी-बारी से मैं उसकी एक एक चूची को चूसने लगा. एक चूची पर मेरा मुंह लगा हुआ था और दूसरी को मैं हाथ से दबा रहा था. वो भी जोर से सिसकारियां ले रही थी.
जब मैं उसकी चूची को मुंह में लेकर चूस रहा था तो वो बोली- मेरे निप्पल को दांत से काटो.
उसके कहने पर मैंने वैसा ही किया. उसका हाथ अब मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहला रहा था. मैंने भी अपना एक हाथ उसकी पैंटी पर रख दिया. उसकी पैंटी को अपने हाथ से दबाने और सहलाने लगा. उसकी चूत की शेप मुझे अपनी उंगलियों पर महसूस करते हुए और ज्यादा मजा आ रहा था.
ऊपर से मेरे मुंह में उसकी चूचियां थीं और नीचे से उसकी चूत पर मेरा हाथ था. उसकी चूत ने भी गीला पदार्थ छोड़ना शुरू कर दिया था.
फिर वो एकदम से पीछे हटी और उसने मेरे अंडरवियर को निकाल दिया. अंडरवियर उतारते ही मेरा साढ़े पांच इंच का लंड उसके सामने था. वो रतिजा के सामने उछल उछल कर सलामी ठोक रहा था.
रतिजा ध्यान से मेरे लंड को देख रही थी. अचानक से वो मेरी टांगों के बीच में बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. आह्ह … लंड उसके मुंह में जाते ही मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई. वो मेरे लंड को चूसने लगी.
मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसेगी. जवान लड़की के मुंह में लंड देकर मुझे इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊं. मैं तो सातवें आसमान में उड़ रहा था. वो बड़ी ही मस्ती से मेरे लंड को चूस रही थी.
उसके बाद उसने मेरी गोटियों को भी अपने मुंह में ले लिया. अब तो हद ही हो गई. एक दो बार उसने मेरी गोटियों को चूसा तो मैंने उसे रोक दिया.
मैं बोला- आह्ह … बस करो, मेरा (वीर्य) निकल जायेगा.
वो बोली- कोई बात नहीं, निकाल दो. लेकिन अपने माल को मेरे चेहरे पर गिराना.
फिर से वो मेरी गोटियों को चूसने लगी. अब मेरी आंखें बंद हो गईं. मिनट भर के अंदर ही मेरा वीर्य छूटने को हो गया.
मैंने लंड को हाथ में ले लिया और उसके गालों पर पिचकारी मार दी.
उसका पूरा चेहरा मेरे वीर्य से सन गया.
फिर वो वॉशरूम में गई और अपने चेहरे को साफ करके वापस आ गई.
वापस आने के बाद वो बोली- अब तुम्हारी बारी है.
ये सुनते ही मैंने तुरंत उसको बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी को खींच दिया.
उसकी चूत को नंगी कर दिया. रस भरी हुई उसकी चूत फूल चुकी थी. मैंने उसकी चूत की पंखुड़ियों को हाथ से छूकर देखा. उसकी चूत का दाना तना हुआ था. उसकी रसीली चूत को देख कर मेरे मुंह में पानी आने लगा.
देर न करते हुए मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया. रतिजा की चूत का दाना अपने दांतों से काटने लगा. वो सिहर उठी. चूत चुसाई के कारण जोर से सिसकारियां लेने लगी. मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी. बीच-बीच में मैं उसकी गांड को भी चाट लेता था.
उसको गांड चटवाने में भी बहुत मजा आ रहा था. 10 मिनट तक मैं उसकी चूत को चूसता और चाटता रहा. फिर वो मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में जोर से दबाने लगी. उसकी हालत देख कर लग रहा था कि अब ये झड़ने वाली है.
जैसे ही मैंने उसकी चूत के दाने को जीभ से छेड़ा तो वो थोड़े ही अन्तराल के बाद मेरे मुंह में ही झड़ गयी.
झड़ने के बाद वो शांत हो गयी. उसने मुझे मेरे मुंह में झड़ने के लिए सॉरी कहा.
मैं बोला- कोई बात नहीं, मैं तुम्हें मजा देने के लिए ही आया हूं.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. फिर मैंने उसे 69 की पोज में आने के लिए कहा. अब वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर उसकी चूत को चोद रहा था.
कुछ ही देर में दोनों के दोनों फिर से गर्म हो गये.
अब वो चुदाई के लिए तैयार हो गई थी. वो बोली- बस, अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.
मैंने कहा- इससे पहले भी तुमने सेक्स किया है क्या किसी के साथ?
वो बोली- तुम अपने काम से काम रखो. फालतू की बातों में मत पड़ो.
मैंने कहा- ओके, मगर ये तो बताओ कि कॉन्डम से करूं या बिना कॉन्डम के?
उसने कहा- बिना कॉन्डम के ही डालो. लेकिन ध्यान रखना कि चूत के अंदर वीर्य नहीं निकलना चाहिए.
इतना बोल कर उसने मेरे सामने अपनी दोनों टांगें फैला दीं. मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत में लंड को रगड़ने लगा. उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
फिर मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सेट कर दिया. एक जोर का धक्का लगाया और उसके मुंह से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं, पूरा घुस गया क्या?
मैंने कहा- नहीं, आधा ही गया है.
उसके बाद मैंने एक धक्का और लगाया और पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया.
कुछ देर उसने ऐसे ही लंड को अंदर रखने के लिए कहा. थोड़ी देर रुकने के बाद मैं अब उसकी चूत में धक्के लगाने लगा.
दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि रतिजा की चूत को चोदने में मुझे कितना मजा आ रहा था. थोड़ी ही देर में उसकी चूत से फच-फच की आवाज आने लगी.
वो भी कमर हिला-हिला कर चुदाई करवा रही थी. मेरी गोटियां उसके चूतड़ों से जाकर टकरा रही थी. अबकी बार का यह राउंड बीस मिनट तक चला. वो भी कमर हिला हिला कर मजा लेने लगी. मैं झड़ने को हुआ तो मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल लिया. लंड को बाहर निकालते ही मैंने उसकी चूचियों पर सारा माल गिरा दिया.
फिर मैं उसके ऊपर लेट गया और वो भी मुस्कराने लगी.
मैंने उससे मुस्कराने का कारण पूछा तो वो बोली- बहुत मजा दिया तुमने. एक राउंड और कर दो.
मैंने कहा- लेकिन अभी लंड खड़ा नहीं हुआ है.
उसने मुझे साइड किया और मेरे सोये हुए लंड को हाथ में लेकर बोली- इसको तो मैं चूस-चूस कर खड़ा कर दूंगी.
पता नहीं उसके मुंह में ऐसा क्या जादू था. जैसे ही उसने मेरे लंड को मुंह में लिया तो मेरे लंड में तनाव आना शुरू हो गया. पांच मिनट तक लंड को चूसने के बाद उसने लंड को पूरा टाइट कर दिया.
फिर वो बोली- लो, अब ये तैयार है.
मैंने उससे कहा- तो फिर तुम भी अब घोड़ी बन जाओ.
रतिजा ने मेरे सामने अपनी गांड उठा दी. उसकी चूचियां नीचे झूलने लगीं. मुझे जोश चढ़ गया और मैंने उसकी गांड में जीभ लगा दी. मैं उसकी गांड को जोर से चाटने लगा. वो भी सिसकारियां लेने लगी.
दो मिनट के बाद वो बोली- डाल दो अब!
मैंने एक ही झटके में उसकी चूत में लंड को पूरा का पूरा पेल दिया.
वो भी मेरे धक्कों का जवाब धक्कों से ही देने लगी.
20 मिनट का दूसरा राउंड खत्म होने तक दोनों हांफने लगे. मैंने उसकी चूत में से लंड को निकाल लिया और एकदम से उसकी पीठ पर माल को गिरा दिया.
अब दोनों बुरी तरह से थक गये थे. दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे के ऊपर पड़े हुए थे. फिर हम उठे और उसके बाद हम दोनों नहाने के लिए गये. बाथरूम में जाकर हम दोनों साथ में नहाने लगे. उसकी भीगी हुई नंगी चूचियों को देख कर मेरे लौड़े में फिर से तनाव आना शुरू हो गया.
मैंने उसको पलट दिया और उसके चूतड़ों के बीच में लंड को लगा दिया. वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पर दबाने लगी.
मैंने कहा- डाल दूं क्या?
वो बोली- हां, किसका इंतजार कर रहे हो?
मैंने उसको थोड़ा सा झुकने के लिए कहा. जैसे ही वो झुकी तो पीछे से मैंने उसकी चूत में लंड को डाल दिया और उसकी चूत को चोदने लगा.
अब मैं उसकी चूत में धक्के लगाते हुए उसकी चूचियों को भी दबा रहा था. दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने लंड को निकाला और नीचे फर्श पर पिचकारी मार दी.
मैंने कहा- एक बार अपने दूध तो पिला दो.
वो बोली- ठीक है, पी लो.
मैंने उसकी चूचियों को चूस-चूस कर लाल कर दिया. उसके बाद मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड की चुदाई भी करनी है.
गांड चुदाई का नाम सुनते ही वो गुस्सा हो गई और बोली- अपनी हद में रहो.
मैंने उसको सॉरी बोला.
फिर हम दोनों बाहर आ गये. मैंने अपने कपड़े पहन लिये और उसने भी अपने कपड़े पहन लिये.
फिर मैंने उसे हग किया और मैं रूम से बाहर आ गया.
तो दोस्तो, यह थी रतिजा की चुदाई की कहानी.
आपको मेरी पहली स्टोरी कैसी लगी मुझे बताना जरूर. आप मेरी सेक्स स्टोरी पर अपना फीडबैक देने के लिए मुझे नीचे कमेंट करें.
चूंकि मैंने इससे पहले कोई सेक्स स्टोरी नहीं लिखी थी तो आप लोगों के फीडबैक की मुझे बहुत जरूरत है ताकि मैं आगे आने वाली कहानियों में सुधार कर सकूं.