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दोस्तो, आपने मेरी पिछली सेक्सी कहानी
पड़ोस की देसी सेक्सी लड़की की चूत की प्यास
को पढ़ा, कैसी लगी बताइएगा जरूर. आज उसी सेक्स कहानी का दूसरा पार्ट लेकर मैं हाजिर हूँ.
आपको तो मालूम ही है कि मैं पड़ोस की देसी सेक्सी लड़की मोना को अक्सर अपने कमरे में बुला कर खूब चोदा करता था.
पर मेरी नजर मकान मालिक की लड़कियों पर भी थी, जिसे मोना भी जानती थी. कई बार उसे चोदते टाइम मैं उससे डोली और पूजा को चोदने की बात किया करता था.
एक दिन मैं और मोना मेरे कमरे में चुदाई का कार्यक्रम चला रहे थे कि हमसे एक गलती हो गयी. पता नहीं किस तरह खिड़की खुली रह गयी. उस दिन मैंने मोना को पूरी नंगी करके तीन बार चोदा था.
शायद डोली को खिड़की से दिख जाने से ये पता चल गया था और वो हमारी चुदाई को खुली खिड़की से देखती रही.
यह बात मुझे तब पता चली, जब हम दोनों कपड़े पहनने के लिए खड़े हुए. अब तक मोना के भाई के आने का टाइम हो गया था और वो जाने की कह रही थी.
मैं जैसे ही खड़ा हुआ … मेरी नजर खिड़की पर पड़ी. मैंने देखा वहां डोली खड़ी थी और हमारी चुदाई देख रही थी.
एक बार को तो मैं झटका खा गया, पर जब वो मुस्कुरा कर मेरे लंड को एक नजर देख कर पलट कर चली गयी. तो मुझे मेरे अरमान पूरे होते नजर आए.
बाद में मोना ने बताया कि वो खिड़की उसने डोली के ही खोली थी … ताकि डोली हमारी चुदाई देख ले … और मेरे लिए डोली तैयार हो सके.
यह भी मुझे बाद में पता चला कि इस बात के लिए उन दोनों की बात पहले ही हो चुकी थी.
मोना को तो उम्मीद थी कि पूजा भी देख लेगी. मगर वो बोली कि उसकी चुदाई का इंतजाम वो बाद में कर देगी.
अब मेरा दिल डोली को चोदने के लिए और भी बेक़रार हो गया, अब मुझे मालूम था कि डोली भी मेरे लंड से चुदना चाह रही थी.
मैं उसके आने की राह देखने लगा. मुझे लगा था कि वो खुद ही मेरे पास आएगी. मगर दो-तीन दिन तो वो मुझे दिखाई ही नहीं दी.
चौथे दिन दोपहर को वो कहीं से आयी और मेरे पास आकर बोली- क्या आपके पास ठंडा पानी है?
मैंने उसे देखा और बिना कुछ कहे उसे पानी दे दिया.
फिर मैंने पूछा- क्या ज्यादा प्यास लगी थी?
मेरी इस बात का जबाव न देते हुए वो बोली- उस दिन आप मोना के साथ क्या कर रहे थे?
अब वो खुद ही ऐसी बात शुरू कर देगी, इसकी मुझे उम्मीद कम थी. मैं समझ रहा था कि वो बस आएगी और मुझे ही उसे रेडी करने के लिए उसके साथ कुछ शुरू करना पड़ेगा.
खैर … जब बात शुरू हो ही गयी, तो मैं मौका क्यों छोड़ता. मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ इतनी जोर से खींचा कि वो मेरे सीने से आ लगी. उसकी 32 इंच की चुचियां मेरे सीने से लग गईं. उसकी चुचियां छोटी थीं और बिल्कुल रुई के गोलों के जैसी नर्म थीं.
मैंने उसे अपने सीने से लगा कर पूछा- क्या तुम भी वैसा करना चाहोगी?
मेरे पकड़ते ही उसके माथे पर पसीने की बूंदें छलक आयी थीं. उसके चेहरे पर घबराहट और शर्म के मिले-जुले भाव थे.
मैंने उससे फिर से कहा- मैं भी तुमको चोदना चाहता हूँ … तुम मेरे लंड से चुद कर बहुत खुश हो जाओगी.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने देखा उसने उस दिन गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ था, वो बहुत कामुक लग रही थी.
उसकी तरफ से न तो विरोध था … न समर्पण था. मैं समझ गया कि चुदाई देखने का इस पर पूरा असर हुआ है.
मैंने बिना कुछ कहे उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया. एक दो पल कसमसाने के बाद वो भी मेरे साथ लता की तरह लिपट गयी. उसके हाथ ने मेरे लंड को पकड़ा और छोड़ दिया. शायद उसे झिझक हो रही थी.
एक लम्बा किस करने के बाद मैंने दरवाजा बंद करने के लिए जैसे ही दरवाजे की तरफ देखा, वहां मोना खड़ी मुस्कुरा रही थी.
मोना दरवाजा बंद करके अन्दर आ गयी और बोली- उस दिन डोली ने मेरी चुदाई देखी थी … आज मैं इसकी चुदाई देखूंगी.
वो नजदीक आकर डोली को किस करने लगी और डोली के कपड़े उतारने लगी.
डोली को भी मोना के आ जाने से कुछ हिम्मत मिल गई थी. वो अब मुस्कुराने लगी थी.
मोना मुझसे बोली- तुम भी अपने कपड़े उतारो … इसने सब कुछ पहले ही देखा हुआ है … अब देर क्यों करते हो?
मैंने अपने कपड़े उतार दिए. इधर मोना ने डोली को नंगी कर दिया. डोली ने ब्रा पेंटी कुछ नहीं पहना हुआ था. सूट उतरते ही वो पूरी नंगी हो गयी.
मैंने नजर भर के उसके मदमस्त शरीर को देखा. आह … क्या कमसिन बदन था … बिल्कुल दूध जैसा गोरा रंग, संतरे जैसे चूचे … पतली कमर, पेट पर नाभि ऐसी लग रही थी, जैसे अजंता एलोरा की मूरत हो. हल्का सा उभरा हुआ पेड़ू और उसके नीच हल्के रोएंदार चुत, जैसे मक्खन में लाइन बना दी गई हो.
उसे देखते ही मेरा लंड तन्ना गया. आज मेरे लंड में कुछ ज्यादा ही तनाव आ गया था.
कुछ ही देर में मोना भी अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी और एक तरफ कुर्सी पर बैठ गयी.
अब मैं डोली की तरफ बढ़ा, डोली नजरें नीचे किए खड़ी थी. मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और उसके होंठों को चूसने लगा. इस बार वो भी खुल कर मेरे होंठों को चूस रही थी.
इसी बीच मोना अपनी जगह से उठी और हमारे बीच में आ गयी. वो मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी और डोली की चुत को सहलाने लगी.
कभी वो मेरा लंड चूसती, कभी मोना की चुत को चूसने लगती. कभी मोना खुद अपनी चुत में उंगली डालने लगती.
हम दोनों किस करते रहे. मेरे हाथ कब डोली की चुचियों पर आ गए, पता ही न चला.
जब डोली का खड़े रह पाना मुश्किल हो गया तो वो एकदम से पीछे हटी और बेड पर गिर पड़ी.
अब मोना बोली- अब देर मत करो राजा … इसकी चुत का बाजा बजा दो.
मोना तेल लेकर मेरे लंड पर लगाने लगी. मेरा लंड एकदम चिकना होकर चमचमा रहा था और चुत को फाड़ने के लिए बेताब था.
लंड को मोना ने सहलाते हुए कहा- आज तो बड़ा गुस्से में लग रहा है. जरा धीरे से चुत फाड़ना … कहीं ऐसा न हो कि ये डोली की चुत का पहली बार में ही भोसड़ा बना दे.
मैं हंस दिया और मेरे लंड ने हिनहिना कर हामी भर दी.
फिर मोना ने डोली की चुत पर भी तेल लगा दिया. उसने अपनी एक उंगली से डोली की चुत को रगड़ा और उसके दाने को मींजते हुए डोली की आवाजें निकलवा कर चैक करने लगी कि चुत कितनी गर्म हुई है.
इस समय मोना एक सेक्स स्पेशलिस्ट लग रही थी.
फिर मोना ने मुझे इशारा किया, तो मैं डोली के ऊपर चढ़ गया और उसकी चुची मसलते हुए उसके होंठों को चूसने लगा. डोली के हाथ भी मेरी कमर पर घूम रहे थे. मेरा लंड उसकी चुत को टक्कर मार रहा था. डोली भी अपनी कमर उठा रही रही थी … मानो उसकी चुत लंड को पकड़ना चाहती हो.
मैंने उसकी दोनों टांगें उठा कर अपने कंधों पर रखीं और चुदाई की पोजीशन में आ गया. मैंने अपना लंड उसकी चुत के मुँह पर रख कर जोर लगाया, लेकिन लंड फिसल गया.
दो बार और कोशिश की मैंने लेकिन लंड बार बार फिसल रहा था. उसकी चुत बिल्कुल बंद थी और मेरा लंड उसके मुकाबले मोटा था. मेरे लंड का सुपारा ही उसकी पूरी चुत को ढक लेता था.
अब मोना ने डोली की चुत के नीचे एक तकिया लगाया, जिससे उसकी चुत कुछ खुल सी गई. फिर मोना ने मेरे लंड को पकड़ कर डोली की चुत पर रखा और सुपारा चुत की फांकों में फंसा दिया.
उसी समय मोना ने मेरी तरफ देखा, तो मैंने उसे इशारा किया. मोना मेरा इशारा समझ गई और उसने डोली को लिपलॉक करके मुझे इशारा दे दिया.
मैंने एक जोरदार धक्का मारा. मेरे लंड का पूरा सुपारा चुत में घुस गया. डोली की चीख उसके हलक में ही घुट कर रह गयी. उसकी आंखों से पानी आ गया. वो छटपटाने लगी.
मैंने जरा सी भी तरस न दिखाते हुए एक और धक्का दे मारा. इस बार मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया. डोली की माँ चुद गई थी और वो बेहद तेजी से छटपटा रही थी. मगर मेरी पकड़ इतनी मजबूत थी कि उसकी टांगें मेरी गिरफ्त से छूट ही नहीं पा रही थीं. ऊपर मोना डार्लिंग ने डोली के हाथों को जकड़ा हुआ था.
अब मोना एक हाथ से उसकी चुची सहलाने लगी और मुझे रुकने का इशारा कर दिया. मैं भी एक हाथ से डोली का एक हाथ पकड़े हुए उसी पोजीशन में रुक गया.
लेकिन मैंने कितनी देर रुकता, दो मिनट बाद मैंने एक और धक्का दे मारा. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया और मैं डोली के ऊपर पूरा लेट गया. मैं मोना को हटा कर उसके होंठों को चूसने लगा और धीरे धीरे उसकी चुदाई करने लगा.
थोड़ी देर बाद डोली का दर्द गायब हो गया और वो भी नीचे से अपनी चुत को ऊपर उठाने लगी और ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ सिसकारियाँ भरने लगी. उसने अपनी टांगों को मेरी कमर के इर्द-गिर्द लपेट लिया था.
मैंने अपनी स्पीड तेज करनी शुरू की और उसकी चुत का भुरता बनाने लगा.
चुत चुदाई की तेजी से, पलंग भी हमारी ताल से ताल मिला रहा था. ये वही पलंग था, जिस पर मोना पचासों बार चुद चुकी थी.
हमारी चुदाई पूरे जोरों से चल रही थी. जिसे देख कर मोना भी जोश में आ गयी और अपनी चुत में उंगली डालने लगी.
तभी डोली ने तेज झटके देने शुरू कर दिए और मेरी कमर को जोर से जकड़ कर शांत हो गयी. लेकिन मेरा अभी बाकी था. मैं लंड निकाल कर डोली के बराबर में लेट गया.
मैं जैसे ही लेटा, मोना आकर मेरे लंड पर चुत रख कर बैठ गई. पूरा लंड एक ही बार में अन्दर लेकर खुद ही अपनी चुत को उठा उठा कर पटकने लगी. मैं भी नीचे से धक्के देता रहा.
दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मोना और मैं एक साथ ढेर हो गए. उसके बाद मैंने डोली और मोना को दो बार और चोदा. वो दोनों मेरी चुदाई से पूरी तरह खुश हो गई थीं. दोनों ने मुझे और एक दूसरे को किस किया. फिर हम सभी ने कपड़े पहने और वे दोनों मुझसे विदा लेकर चली गईं.
अब हमारी चुदाई अक्सर होने लगी.
आप सभी पाठक पाठिकाओं को मेरे खड़े लंड का नमन. आपको कुंवारी गर्म चूत की मेरी चुदाई कहानी पसंद आई होगी. कमेंट कर जरूर बताइएगा. भाभियों से विशेष इल्तिजा है कि अगर उनको लगता है कि मेरी सील पैक चुत चुदाई की कहानी में कोई कमी रह गयी हो, तो प्लीज़ मुझे जरूर बताना. इस कहानी के अगले भाग तक के लिए मैं आपसे विदा चाहता हूँ.