स्कूल में पहला सेक्स किया हैंडसम लड़के को पटाकर

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दोस्तो, मेरा नाम रितिका सैनी है और जो कहानी मैं आपको बताने जा रही हूँ उस वक्त मैं बाहरवीं कक्षा की छात्रा थी। मेरा फिगर बिल्कुल मस्त है जिसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए।
अपनी फीगर के बारे में आपको एक आइडिया दे देती हूँ. मेरी 34 की चूचियाँ हैं, 28 की कमर और 36 की गांड है। जो वाकया मैं आपको बताने जा रही हूँ उस वक्त मेरी 18 की उम्र थी। गांड पूरी बाहर निकली हुई थी। चलते हुए जब मेरी गांड ऊपर नीचे होती है तो किसी बूढ़े आदमी के मुंह में भी पानी आ जाए। मैं अपनी फैमिली के बारे में आपको बता दूं कि मेरे घर में मैं, मेरी मम्मी और पापा रहते हैं।

उस समय जवानी का नया नया जोश था। चूत में खुजली शुरू होने लगी थी और झांटें भी आ चुकी थीं लेकिन मुझे चिकनी चूत ज्यादा पसंद है तो मैं अपनी चूत पंद्रह से बीस दिन में साफ करती रहती थी।
स्कूल में काफी सहेलियों के बॉयफ्रेंड भी थे और कई सहेलियों के तो कॉलेज के बॉयफ्रेंड थे और ज्यादातर ने जवानी के मज़े ले लिए थे। वो रोज अपनी कहानी बताती कि कैसे उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया। मुझे उनकी बातें सुनकर जलन होती थी और मज़ा भी आता था।

ग्याहरवीं कक्षा से बाहरवीं में ही आई थी मैं। स्कूल में काफी बच्चे नए आये थे जिसमें एक सौरव नाम का लड़का बहुत ही अच्छा लगा मुझे. मैं उससे बात करना चाहती थी। वह काफी हैंडसम और इंटेलीजेंट लड़का था। मैंने उसे देखते ही सोच लिया था कि चुदना तो इसी से है।

एक दिन मैडम ने उसको कुछ काम बताया और मैडम ने कहा कि सब छात्रों को भी बता दे और कह दे कि कल याद करके और लिख कर भी लाना है. ऐसा कह कर मैडम चली गई।

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सौरव ने छात्रों को काम बता दिया लेकिन मेरी बुक सेकंड हैंड थी. उसमें कुछ लेसन नहीं थे। किस्मत देखो कि मैडम ने याद करने के लिए वही लेसन दिया था जो मेरी बुक में नहीं था. मैं खड़ी होकर सौरव के पास गई और उससे पूछने लगी कि मेरी बुक में तो ये लेसन है ही नहीं।
तो उसने मेरे हाथ से बुक लेकर देखा और बोला- हां, आपकी बुक में नहीं है।

मेरे दिमाग में आईडिया आया. मैंने उससे कहा अगर मैं कल ये काम नहीं करके आई तो मैडम बहुत मारेगी।
मैंने कहा- तुम मेरा व्हाट्सएप्प नंबर ले लो और मुझे इस लेसन की ये फोटो सेंड कर देना।
उसने मुझे एक बार देखा और कहा- ठीक है.
मैंने उसे अपना नंबर दे दिया।

जब मैं सौरव को नम्बर बता रही थी तो बाकी छात्र हम दोनों की तरफ ही देख रहे थे। मैं आराम से आकर सीट पर बैठ गई।
मेरी दो-चार सहेलियाँ भी आ गईं, मुझसे पूछने लगीं- क्या चक्कर चल रहा है तेरे और सौरव के बीच में?
मैंने मजाक में कह दिया कि वो मेरा नंबर मांग रहा था तो मैंने दे दिया।
मेरी सहेलियाँ भी खुश हुईं और मैं भी हँसने लगी।

जब घर पहुँची तो मोबाइल देखा. व्हाट्सएप्प पर किसी का मैसेज नहीं आया था। मैं दुखी हो गई और इंतज़ार करने लगी।
शाम पांच बजे के आस-पास उसका मैसेज आया. हेल्लो मैं सौरव, मैसेज करके उसने फ़ोटो भेज दी. मैं खुश हो गई.
उसकी प्रोफाइल देखी और फिर स्टेटस देखा तो ‘सिंगल’ लिखा हुआ था. यह देखकर तो मैं और ज्यादा खुश हो गई.

मैंने दिमाग चलाना शुरू कर दिया कि इस पर अपना जादू कैसे चलाया जाये. मैं दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगी. फिर जो उसने फ़ोटो भेजी थी मैंने फ़ोटो डाउनलोड किये और उनको याद करने लगी।

याद करते-करते शाम हो गई। मैं शाम को खाना खाकर मोबाइल चलाने लगी। व्हाट्सएप्प पर देखा तो सौरव ऑनलाइन था। मैंने मैसेज किया- खाना खा लिया?
तो उसने ‘हम्म’ कहा और मैं उससे वैसे ही नॉर्मल बातें करने लगी।

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अगले दिन स्कूल में भी मैं बहाने से उससे बातें करने लगी। काफी दिन हो गए हम दोनों को बातें करते-करते। अब हम अच्छे दोस्त बन गए थे। अब वो मुझसे सारी बातें शेयर करने लगा था. कभी जोक भेज देता व्हाट्सएप्प पर और कभी फ़ोन पर भी मजाक करता था।

एक दिन मैंने उससे ऐसे ही पूछ लिया- तुम्हारी गर्लफ्रैंड कैसी है?
सौरव- मेरी तो कोई भी गर्लफ्रैंड है ही नहीं।
मैं- झूठ मत बोलो, इतने हैंडसम हो और कोई गर्लफ्रैंड नहीं है?
सौरव- हाँ सच में कोई नहीं है.
फिर उसने कहा- वैसे ढूंढ तो रहा था. कोई हो तो बताना. ऐसा लिख कर उसने एक स्माइल का इमोजी भेजा।
मैंने कहा- ठीक है।
वो मजाक करने लगा और मैं भी उसकी बात पर हँसने लगी.

उसके बाद उसने भी मेरे साथ फ्लर्ट करना शुरू कर दिया और कुछ-कुछ पूछने लगा. उसने पूछ लिया- तुम्हारे कितने बॉयफ्रेंड हैं?
मैं- कितने से क्या मतलब है तुम्हारा? एक ही तो होता है और फिलहाल मैं अभी सिंगल ही हूं.

फिर मैंने भी मजाक में लिख दिया कि मैं भी उसकी तरह कोई ढूंढ रही थी कि कोई मिल जाये लेकिन अब लगता है कि मिल गया है शायद! इतना लिखने के बाद मैंने एक नॉटी सा इमोजी भेज दिया.
वो बोला- क्या? सच में?
मैंने कहा- नहीं, वैसे ही बोल रही थी।
वो बोला- वैसे मेरे में क्या कमी है?
मैंने कहा- कमी तो कुछ नहीं है.
फिर उसने कहा- आप भी सिंगल हो और मैं भी, क्यों न आप और मैं …!

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बस उसने इतना ही लिखा. मैंने मैसेज देखा और कुछ रिप्लाई नहीं किया. फिर उसका भी कोई मैसेज नहीं आया।
थोड़ी देर के बाद उसका मैसेज आया- अगर बुरा लगा हो तो सॉरी!
मैंने कुछ रिप्लाई नहीं दिया और मोबाइल साइड में रख कर सोचने लगी।

फिर रात को करीब 1 बजे उसका मैसेज आया- आई लव यू … मैं उसका मैसेज देखकर खुश हो गई.
मगर मैंने फिर भी कुछ रिप्लाई नहीं दिया और उसके बारे में सोचते-सोचते नींद आ गयी।

सुबह स्कूल में आते ही उसने मुझे देखा. मैंने उसे स्माइल दी. उसने भी मुझे स्माइल दी और मेरे पास आकर बात करने लगा। मैंने और उसने कल रात वाली बात पर कोई बात नहीं की और ऐसे ही नॉर्मल बातें करने लगे।
अब हम फ़ोन पर काफी देर तक बातें करते थे। लेकिन मैंने अभी तक उसके ‘आई लव यू’ का कोई रिप्लाई नहीं दिया था.

फिर एक दिन स्कूल में फंक्शन था। मैं अकेली खड़ी थी। उसका एक दोस्त मेरे पास भागा हुआ आया और बोला- रितिका, सौरव आपको सेकेंड फ्लोर पर बुला रहा है।
सभी छात्र बाहर थे। बस जिन्होंने फंक्शन में भाग लिया था, वे अंदर थे क्योंकि वो वहाँ पर क्लास में कपड़े चेंज करने के लिए रुक गये थे।

मैं सेकेंड फ्लोर पर गई। ऊपर जाने के बाद मैं सौरव को ढूंढ रही थी कि उसने मुझे पीछे से आकर पकड़ लिया और अपना लंड मेरी गांड पर हल्का सा लगा दिया। मैं डर गई. उसने मेरे मुँह पर हाथ रखा और बोला- रितिका, मैं हूं सौरव!
कहकर उसने हाथ हटा लिया।

मैंने बिना मुड़े और बिना उसकी पकड़ से छूटे बिना ही कहा- ठीक है … लेकिन तुमने मुझे यहाँ बुलाया क्यों हैं और मुझे ऐसे क्यों पकड़ा हुआ है?
वो बोला- मैं तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूं.
यह बात सुनकर मुझे मन ही मन खुशी हो रही थी लेकिन फिर भी मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया.

उसने मेरे खुले बालों को गर्दन के एक साइड से हटाते हुए अपनी गर्दन मेरे कंधों पर रख दी। मैंने ऐसे ही नाटक करते हुए कहा- ये सब तुम क्या कर रहे हो?
लेकिन मुझे असल में मजा आ रहा था. मैं उसकी हरकत का कोई विरोध नहीं कर रही थी.

उसने फिर से मुझे ‘आई लव यू’ कहा और मेरी गर्दन पर किस करने लगा. मुझे मज़ा आ रहा था, मैं चुपचाप खड़ी हुई मज़े ले रही थी।
मुझे उसने अपनी तरफ घुमाया ओर मुझे दीवार से लगा दिया और मेरे लबों चूमने लगा. मेरा यह पहला चुम्बन था और वो भी सौरव जैसे हैंडसम लड़के के होंठों द्वारा.

मुझे काफी मज़ा आ रहा था, मैंने सौरव को दूर करते हुए कहा- आई लव यू टू!

मेरा जवाब सुनकर वो खुश हो गया और फिर से मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे चूचों को दबाने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर कुछ ही देर के बाद उसने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये. मैं उसको मना करने लगी.
मैंने कहा- ये सही जगह नहीं है. फिर कभी कर लेना वो सब.

सौरव ने मुझे कुछ नहीं कहा और फिर से मेरे होंठों को चूसने लगा. उसने दोबारा से मेरे चूचों को दबाना शुरू किया और काफी देर तक मेरे होंठों को चूसते हुए अपना रस मुझे पिलाता रहा. मुझे सच में बहुत मजा आया उस पल में.

उसके बाद फंक्शन खत्म हो गया और सब अपने घर चले गये.
घर पहुंचने के बाद सौरव का फोन आया और मुझसे पूछने लगा- कैसा लगा?
मैंने कहा- बहुत मजा आया.
थोड़ी देर तक उससे बातें करने के बाद मैंने फोन रख दिया.

उसके कुछ दिन बाद गर्मी की छुट्टियाँ होने वाली थीं. मैं गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा के घर चली गई. वहाँ पर भी रोज सौरव से फोन पर बात होती रही. मुझे सौरव से मिलने का मन कर रहा था. मैं माँ से पूछने के बाद अकेली ही घर वापस आ गई. सुबह पापा चले जाते थे और शाम को वापस आते थे.

मेरे मन में आया कि क्यों न सौरव को बुला कर घर पर मजे ले लूँ?
मैंने ये बात सौरव को भी बता दी. वह बहुत खुश हुआ और अगले दिन पापा के जाते ही मैंने सौरव को फोन कर दिया. वह गली में सबकी नजरों से बचता हुआ मेरे घर आ पहुंचा. उसको अंदर लेने के बाद मैंने गेट बंद कर लिया. मैं उसको अपने बेडरूम में ले गई.

गर्मी हो रही थी तो मैंने उसको पहले पानी पीने के लिए पूछा. उसने पानी माँगा तो मैं अंदर पानी लेने चली गई. तभी सौरव ने पीछे से आकर मुझे पकड़ लिया. वह अपनी बांहों में लपेट कर मुझे जकड़े हुए मेरे चूचों के निप्पलों को मसलने लगा. मेरे गालों को चूमते हुए उसने मुझे आई लव यू बोला. मैंने भी उसे जवाब दिया और फिर मैंने उसको पानी पीने के लिए दिया. पानी पीकर उसने गिलास एक तरफ रखा और मुझे उठा कर बेडरूम में ले गया.

बेड पर लिटा कर वो मेरे ऊपर आ गया और मुझे किस करने लगा. मैं भी उसको जोर से किस करने लगी. उसका एक हाथ मेरे चूचों को बारी-बारी से दबा रहा था. मेरे चूचे दबाने की वजह से मैं चुदासी हो गई थी. फिर वह खुद नीचे लेट गया और मुझे उसके ऊपर आने के लिए कहा.

मैं उसके ऊपर बैठ गई और पूरी तरह से चुदने के मूड में हो चुकी थी. मैं उसकी छाती पर लेट कर उसके होंठों को चूसने लगी. वह अपना एक हाथ मेरी कमर पर घुमा रहा था और दूसरे हाथ से मेरी गांड को दबा रहा था. उसकी इस हरकत से मेरे अंदर की चुदास और तेज हो गई.

उसके बाद सौरव ने उठ कर अपनी शर्ट उतार दी और मेरी भी शर्ट उतारने लगा. जब मेरी शर्ट उतरी तो मैंने नीचे से रेड कलर की ब्रा पहन रखी थी जो मेरे गोरे बदन पर कहर ढहा रही थी. मेरी लाल रंग की ब्रा जैसे ही उसने देखी तो वह उस पर टूट पड़ा और उसके ऊपर से ही मेरे चूचों को चूसने लगा. फिर उसने धीरे से पीछे हाथ ले जाकर मेरी ब्रा के हुक भी खोल दिये.
हुक खुलते ही मेरे तने हुए चूचे बाहर आकर उछल गये.

उसने ब्रा को हाथ में लेकर एक तरफ फेंक दिया और मेरे चूचों के निप्पलों को अपने दांतों से काटने लगा. आह्ह … मुझे मजा आने लगा मगर उसके दांतों से मीठा सा दर्द भी हो रहा था. मैं उसके बालों में हाथ फिरा कर उसको प्यार देने लगी. फिर उसने मुझे बेड पर प्यार से लेटाया और मेरे पेट के नीचे वाले पूरे हिस्से को चूमने लगा.

नीचे आते हुए उसने मेरी स्कर्ट का बटन भी खोल दिया. मेरी स्कर्ट को नीचे सरका कर उसने मेरी लाल पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर होंठ रख दिये. स्स्स … मैं तड़प सी गई. बदन में आग सी धधक उठी. पहली बार किसी लड़के ने मेरी चूत पर अपने होंठ रखे थे.

सौरव के होंठ भी बहुत रसीले थे और वह अपने गर्म होंठों से मेरी चूत को चूमने लगा. मेरा मन करने लगा कि अपनी गांड को उठा कर अपनी चूत उसके मुंह में धकेल दूं लेकिन मैं सौरव को ही मौका देना चाहती थी. उसने चाट-चाट कर मेरी पूरी पैंटी को गीला कर दिया.

फिर उसने मेरी पैंटी को उतारा तो मेरी चूत से रस टपक रहा था. उसने मेरी चूत को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैं स्स्स … स्स्स … करने लगी. उसने अपने हाथों में मेरी दोनों टांगों को उठा लिया और मेरी चूत में जीभ को अंदर घुसा-घुसा कर मुझे मजा देने लगा. आह्ह् … मैं तो पागल हो उठी. सौरव मेरी चूत में जीभ घुसा-घुसा कर उसको अंदर तक उत्तेजित करने लगा. मैं अपने सिर को बेड पर पटकने लगी. मेरी गांड उठ-उठ कर उसके मुंह में चूत को धक्का देने लगी.

अब सौरव ने जीभ को बाहर निकाल लिया और अपनी पैंट को खोल दिया. पैंट उतारते ही उसके अंडरवियर में तना हुआ लंड मुझे दिखाई दिया. पहली बार मैंने अपनी आंखों के सामने इस तरह किसी लड़के के लंड को यूं तना हुआ देखा था. उसका लौड़ा बहुत ही मस्त लग रहा था. मेरे मुंह में उसको देख कर ही पानी आने लगा.

सौरव ने मेरी तरफ देख कर आंख मारी तो मैं उसका इशारा समझ गई. मैंने उठ कर उसके अंडवियर को नीचे खींचा और उसका लंड फनफनाकर बाहर आ लटका. मैंने पल भर की देरी किये बिना ही उसके लाल सुपारे वाले गोरे से लंड को अपने मुंह में भर लिया और उसके रस को जीभ से चाटती हुई उसके लंड को चुसाई का मजा देने लगी. मैंने पहली बार किसी मर्द के कामरस का स्वाद अपनी जीभ पर महसूस किया था. मेरे लिए यह एक अनोखा अनुभव था.

काफी देर तक उसका लंड चूसने के बाद उसने मुझे नीचे पटक दिया और मेरे ऊपर आकर मेरी चूत पर अपना लंड लगा दिया. मेरी चूत पर लंड को रख कर उसने हल्का सा धक्का मारा तो चिकनी हो चुकी चूत में लंड दो इंच तक फिसल कर घुस गया. मगर साथ ही उम्म्ह… अहह… हय… याह… थोड़ा दर्द भी हुआ. उसका लंड मोटाई में काफी अच्छा खासा था. उसने दूसरा धक्का मारा तो मेरी चीख निकलने को हो गई मगर उससे पहले ही उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर मुझे शांत करने का प्रयास शुरू कर दिया.

उसके होंठों का रस मेरे मुंह में जाने लगा. नीचे से उसका लंड मेरी चूत में था. बहुत ही कामुक पल था वो. सौरव जैसे हैंडसम लड़के का लंड मेरी चूत में जगह बनाता हुआ गहराई में उतर रहा था और मैं उसकी लार को उसके मुंह से खींचने की कोशिश कर रही थी.

आह्ह … उसने तीसरे धक्के में पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया. मैंने उसको जोर से अपनी बांहों में भींच लिया और उसको गर्दन पर काटने लगी. मेरे नाखून उसकी पीठ को नोंचने लगे.

फिर सौरव मेरी चूत में लंड डाल कर नीचे से धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। अब मुझे भी चुदाई का असली मज़ा आने लगा. चूत में पहली बार लंड का घर्षण हो रहा था. वह कभी लिप्स चूसता कभी मेरे निप्पल चूसता।

कुछ देर की चुदाई के बाद उसका छूटने को हुआ तो उसने अपना लंड जैसे ही निकाला उसका वीर्य मेरे पेट पर छूट गया. पिचकारी के बाद पिचकारी मारते हुए उसने सारा वीर्य मेरे गोरे पेट पर फेंक दिया. उसके लंड पर मेरी चूत का खून लगा था। उसका वीर्य बहुत गर्म था। एक के बाद एक धार उसके वीर्य की मेरे पेट पर गिर रही थी।

सारा माल लंड से टपकने के बाद वह उठा और मेरे माथे पर एक किस करके बाथरूम में चला गया जो मेरे बेडरूम में ही था. फिर मुझे भी उठा कर टॉयलेट में ले गया और चूत को साफ करने में मेरी मदद की. मैंने टाइम देखा तो 11 बजे थे।

मुझे खाना बनाना नहीं आता था और भूख भी लग रही थी तो वह बाहर से खाना ले आया और हमने मिल कर खाना खाया और ऐसे ही बिना कपड़ों के नंगी होकर मैं उसके ऊपर लेटी हुई थी.

बातें करते-करते हम दोनों का फिर से मूड बन गया। उसने दोबारा से मेरी चूत को घोड़ी की पोजीशन में चोदा. दूसरी चुदाई बीस मिनट तक चली. मजा आ गया सौरव के लंड से चुद कर. सौरव के लंड से चुदते हुए मेरी चूत ने दो बार पानी छोड़ा था जो मेरे लिए मजेदार अहसास था मगर चूत में बहुत दर्द हो रहा था।

उसने मुझे कहा कि वह मेरी गांड का दीवाना है और मेरी गांड मारना चाहता है। मगर मैंने मना कर दिया। उसने मुझसे काफी जिद की पर मेरे कहने पर वह मान गया और उसने उस दिन मेरी गांड नहीं मारी.

मगर वह भी कहां रुकने वाला था. मेरी गांड को उसने कैसे चोदा वह स्टोरी मैं आपको अगली बार बताऊंगी.
कई सालों तक मैं सौरव से ही चुदती रही और चुदते-चुदते रंडी ही बन गई.

दोस्तो, आपको स्कूल गर्ल सेक्स की स्टोरी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं। मैं जल्दी ही अपनी चुदाई की अगली कहानी लेकर वापस लौटूंगी.

लेखक की अगली कहानी : हैंडसम लड़का पटाकर चूत चुदाई के बाद गांड मरवायी