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मेरा नाम आकाश है. मेरी उम्र 23 साल है.
यह मेरी पूजा दीदी की चुदाई की कहानी है. उसकी उम्र 28 साल है और उसके चुचे एकदम गोल और बहुत बड़े हैं. इतने बड़े साइज़ के चूचे हैं कि एक हाथ में आ ही ना पाएं. उसकी गांड बहुत चौड़ी है. एक बार मेरी बहन को 4 बूढ़ों ने जमकर चोदा था. आज वही कहानी आप से शेयर करना चाहता हूँ.
मेरी बहन एक कंपनी में काम करती थी और मैं भी उसी की कंपनी में जॉब करता था. पूजा के ऑफिस में दो बॉस और एक उनका बूढ़ा ड्राइवर और एक नौकर था. जिसकी उम्र भी ड्राईवर के करीब की ही थी.
ऑफिस में सभी के प्रमोशन हुए, पर दीदी और मुझको 4 साल से कोई प्रमोशन नहीं दिया गया था. इससे दीदी बहुत दुखी रहती थी. मेरे दोस्त मुझसे कहते थे कि यार बुरा मत मान, पर बॉस तेरी बहन के साथ भी वही करना चाहता है, जो उसने शेफाली और निशा के साथ किया है.
निशा और शेफाली को बॉस हर हफ्ते चोदता था. इस कारण उनको प्रमोशन भी समय पर मिलता था. शेफाली मेरी गर्लफ्रेंड भी थी, तो मैं सब कुछ जानता था.
शेफाली मुझे बोलती थी- जब तक तू अपनी दीदी को बॉस से नहीं चुदवा देता, प्रमोशन की बात तो तू भूल ही जा.
एक दिन शेफाली ने दीदी को बॉस से चुदाई के लिए तैयार कर लिया. शेफाली ने बॉस से बात की और बॉस मान गया.
बॉस ने मुझे बुलाया. उसने मुझसे सीधे साफ़ साफ़ शब्दों में पूछा- तो आकाश … तुम तैयार हो अपनी बहन को चुदवाने के लिए?
मुझे बहुत गुस्सा आया, लेकिन मैंने हां में सर हिला दिया.
बॉस बोला- मैं अपने बिज़नेस पार्टनर विकास अग्रवाल के साथ संडे को आऊंगा.
मैंने बोला- सर लेकिन आप अकेले आने वाले थे.
बॉस- अरे … आकाश मेरा अकेला का बिज़नेस नहीं है. अग्रवाल साब भी हिस्सेदार हैं. हम दोनों पार्टनर हैं … इसलिए हर काम मिलकर करते हैं. ये 20000 रुपए लो. अपनी दीदी को दुल्हन की तरह सजा कर तैयार रखना.
मैं वहां से चला आया. मैंने सारी बात शेफाली और दीदी को बता दी.
शेफाली बोली- इन पैसों से दीदी के लिए बॉस की पसंद की ब्रा और पैंटी के साथ एक ड्रेस भी खरीद कर ले आना.
दीदी ने उससे सब पूछा, शेफाली सब जानती थी. उसने दीदी को सब बता दिया.
शानिवार को शेफाली सारा सामान लेकर घर आ गयी. दीदी केवल ब्रा पैंटी पहन कर बाहर आयी. छोटी से ब्रा पर बहुत कम कपड़ा था. पैंटी पर चुत छुपाने भर कपड़ा था.
शेफाली बोली- कैसी लग रही है … आकाश?
मैंने कहा- बॉस तो केवल चोदेगा … कुछ भी पहना दो.
दीदी बोली- मुझे बहुत डर लग रहा है क्योंकि मैंने कभी किसी लड़के के साथ चुदाई नहीं की है.
शेफाली बोली- तो चलो पहले चुदना सीख लो.
फिर वो दीदी के साथ ब्लू फिल्म देखने लगी. ब्लू फिल्म देखते हुए शेफाली गर्म हो गयी और बोली- अभी मैं तुम्हारे भैया से चुद कर दिखाती हूँ कि चुदाई कैसे होती है.
मुझे शेफाली ने नंगा कर दिया और मेरे लंड को मेरी दीदी के सामने ही चूसने लगी. मैं शेफाली की चूचियों से खेलने लगा और अपने होंठों से उसके मम्मों को रबर की तरह खींच कर चोदता रहा.
शेफाली ने चूत से लंड चूसते हुए दीदी से बोला- कुछ सीखा … चुदाई कैसे होती है? कल तैयार रहना क्योंकि वो दोनों मंजे हुए चुदक्कड़ हैं, तुझे तेरे भाई के सामने चोदेंगे, वो तुझे छोड़ेंगे नहीं.
फिर शेफाली जोर से हँसने लगी और अपने कपड़े पहन कर सोफे पर बैठ गयी.
दीदी के चहरे पर साफ़ पसीना आ गया क्योंकि ये उसकी पहली चुदाई होने वाली थी.
शेफाली बोली- यार आकाश, कल तेरी दीदी बहुत रोने वाली है, ये तो डर रही है.
मैंने पूछा- तो क्या करूं?
शेफाली बोली- इसकी अगर आज चुदाई हो जाए, तो इसका डर दूर हो जाएगा.
मैंने दीदी से कहा- अपने किसी ब्वॉयफ़्रेंड को बुला लो.
लेकिन उसने कहा- मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है.
हमारे पास केवल आज रात का समय था. शानिवार को शाम के 8 बज रहे थे.
शेफाली बोली- तुम्हारा नौकर भी तो है.
मैंने कहा- पागल हो मैं नौकर रमेश से अपनी बहन को नहीं चुदवा सकता.
तभी दीदी बोली- कोई बात नहीं, रमेश को बुला लो.
दीदी रमेश को अच्छा आदमी समझती थी. वो दीदी से 18 साल बड़ा और मजबूत था. उसका काला बदन मजबूत सांड जैसा था.
रमेश दीदी की कोई बात नहीं टालता था. लेकिन मुझे पता था, वो कितना बड़ा हरामी है. अपनी हर महीने की तन्खाह से रंडी चोदने कोठे जाता और हमेशा दीदी के आस पास रहता था. उसने दीदी के बाथरूम में छोटा छेद कर दिया था और वहां से कई बार दीदी को नंगा देख मुठ मारता था.
जब भी दीदी लेटकर बुक को पढ़ती थी, तो उसकी गांड को देखता रहता. दीदी के मम्मों को झांक कर देखने की कोशिश करता रहता था.
एक बार मुझे बहुत गुस्सा आया क्योंकि एक बार हमारे घर की लाइट चली गयी थी. उसने माचिस ढूँढने के बहाने दीदी के मम्मों को जोर से दबा दिया था. दीदी ने सोचा था कि गलती से दब गया होगा. उसकी इन्हीं हरकतों की वजह से मैं रमेश से दीदी को कभी चुदते हुए नहीं देख सकता था.
लेकिन मजबूरी थी.
मैं रमेश को बुलाने गया और वो तुरंत आ गया.
रमेश- जी साब … कुछ चाहिए क्या?
शेफाली बोली- रमेश आज तुम्हारी सबसे बड़ी इच्छा पूरी होने वाली है. अपनी मालकिन को आज जम कर चोद दो.
यह सुनकर रमेश डर गया. वो माफ़ी मांगते हुए कहने लगा कि वो आगे से कभी दीदी से उल्टी सीधी हरकत नहीं करेगा.
मैंने कहा- ठीक है, कल तुम अपने गांव हमेशा के लिए चले जाओ. आज तुम दीदी को चोद कर कभी अपनी शक्ल नहीं दिखाना.
कुछ देर बाद जब उसे यकीन हो गया कि सच में उसे दीदी को चोदना है, तो रमेश ख़ुश हो गया. वो बोला- ठीक है साब.
मैं और शेफाली सोफे पर बैठ कर पूजा को देखने लगे.
फिर रमेश शरमाते हुई दीदी के साथ बेड पर बैठ गया. रमेश बहुत डर रहा था … क्योंकि मैं वहीं बैठा था. फिर उसने दीदी के दूधों को रगड़ना शुरू कर दिया और दूध को चूसने लगा.
वो उत्तेजित होकर दीदी के मम्मों को दांत से दबा देता था, जिससे दीदी की चीख निकल जाती. फिर धीरे धीरे चुदाई शुरू हो गई. उसका लंड बहुत बड़ा था. वो 2 घण्टे तक दीदी को सीधा-उल्टा करके हर एंगल से चोदता रहा.
फिर थक कर दीदी की चूत में ही झड़ गया और एक तरफ लुड़क कर सो गया.
दीदी और शेफाली भी थक कर सो गयी थीं. थका तो मैं भी था, पर मैं रात भर जागता रहा.
रात को रमेश बार बार दीदी को सोते में चोदने लगता था. दीदी केवल ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज़ निकालती रहीं.
रमेश की ट्रेन सुबह 6 बजे की थी. उसने आखिरी बार दीदी को 5 बजे चोदा और 20 मिनट तक दीदी के मम्मों से खेल कर चला गया.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा.
अगली सुबह दीदी और शेफाली तैयारी करने लगे. दीदी ने शाम 4 बजे से तैयार होना शुरू कर दिया. दीदी ने लाल रंग की साड़ी पहनी. शेफाली ने बेड को गुलाब के फूलों से सजा दिया. मैं दो बोतल दारू लेकर आया.
शाम को दोनों बॉस अपने ड्राइवर और उनके नौकर के साथ घर पर आए. बॉस का मैंने और शेफाली ने स्वागत किया.
बॉस ने कहा- अरे आकाश … कहां है मेरी बुलबुल?
मैंने कहा- दीदी अन्दर आपका इंतज़ार कर रही है.
वो सीधा रूम में घुस गया. दीदी बेड पर घूंघट में बैठी थी.
बॉस मुझसे बोला- जाओ ड्राइवर और मेरे पर्सनल नौकर को बुला लाओ.
मैं उन दोनों को ले आया.
बॉस ने कहा- तुम दोनों यहीं बैठो … और मज़े लो.
मैंने कहा- सर लेकिन आप ने केवल दो लोगों के लिए कहा था.
बॉस बोला- अरे यार, ये दोनों केवल अपनी बीवी को चोदते हैं. आज बोलने लगे, सर क्या हम दोनों भी चोद लें, तो अग्रवाल साब को दया आ गयी और उन्होंने हां कर दी.
मैं समझ गया कि दीदी आज चार लंड से चुदने वाली है.
मैंने दीदी और शेफाली को पूरी बात बताई, तो शेफाली ने कहा- आज की रात जो होना है, हो जाने दो. बस इतना याद रखना कि आज की रात के बाद तुम्हारी सैलरी 40000 हज़ार से डेढ़ लाख हो जाएगी.
दीदी ने बेमन से ‘ठीक है.’ कह दिया.
मेरे दोनों बॉस 45 और 50 साल के लगभग थे. मेरे बॉस ने कहा- आकाश और शेफाली तुम लोग यहीं रूम पर रहना. कुछ चाहिए होगा तो मंगवाना पड़ेगा.
हम दोनों ड्राइवर और नौकर के बगल में बैठ गए.
बॉस ने दीदी से कहा- दारू के पैग बनाओ.
दीदी ने पैग बनाया.
अग्रवाल सर ने दीदी से कहा- गोद में बैठ जा.
दीदी बॉस की गोद में बैठ गयी. फिर बॉस ने दीदी को पूरा नंगा कर दिया. दोनों बॉस और उनके ड्राइवर और नौकर की आंखें फटी की फटी रह गईं.
दीदी को नंगा देख सबका लंड टाइट हो गया था.
ड्राइवर मुझसे बोला- आकाश बाबू, तुम्हारी दीदी को आज मैं जम कर ठोकूंगा.
मैं बस यही सोच रहा था कि किसी तरह बस आज की रात निकल जाए.
बॉस ने पूरी बोतल दीदी के दूधों पर गिरा दी और मम्मे चाटने लगे. फिर ड्राइवर और नौकर दीदी के मम्मों को चाटने लगे. उन सबका थूक दीदी के दूध पर लग गया.
अग्रवाल सर ने हनी सिंह के गाने लगा दिए और दीदी से बोले- नाचो मेरी जान.
दीदी नंगी नाचने लगी. वो सब दीदी के हिलते मम्मों पर दारू डालकर चाट रहे थे.
कुछ देर बाद सबने दीदी की चूत पर थूक कर उसको गीला किया और अचानक मुझसे बोले- आकाश, कंडोम लाना तो भूल गए.
बॉस ने मुझे 1000 रुपए दिए और कहा- यार कुछ कमजोरी सी लग रही है. एक पत्ता वियाग्रा का भी ले लेना.
तभी ड्राइवर मुझसे बोला- ले बेटा … आज तो समझ तेरी बहन की माँ चुद गयी.
मैं वियाग्रा और कंडोम ले कर आ गया और उन सभी ने एक एक गोली खा ली.
अग्रवाल सर ने दीदी को चोदना शुरू किया. ड्राइवर और अग्रवाल जी दीदी को लंड चुसा रहे थे. नौकर सिर्फ दीदी के दूध पी रहा था.
अग्रवाल ने दीदी को उल्टा लिटा कर पीछे से चूत मारना शुरू किया. हर बार लंड लेते वक्त दीदी की सिसकारियां निकल रही थीं.
उनके कंठ से ‘अअअअ … ईईईईई..’ की जोरदार आवाजें निकल रही थीं.
ड्राइवर और नौकर अपनी दो दो उंगली चुत में डाल कर दीदी का पानी निकाल रहे थी. सबने दीदी को हचक कर चोदा, फिर सब दीदी को बीच में लिटा कर लेट गए. ड्राइवर और नौकर ने रात को बीच में उठ कर दो दो बार चोदा. ड्राइवर तो दीदी के दूध को मुँह में दबा कर सो गया.
सुबह मैंने सोचा कि बॉस अपने घर चले जाएंगे लेकिन मुझे नहीं पता था कि वो अभी और रुकेंगे.
बॉस ने कहा- यार तेरी बहन से मन नहीं भरा.
वो अगले दिनों तक मेरे घर पर रुके और दीदी को पांच दिन एक कपड़ा नहीं पहनने दिया. वो रोज़ बड़ी टीवी पर ब्लू फिल्म देखते और दीदी को भी उसी तरह चोदते.
शेफाली भी 5 दिन तक वहीं रुकी. ड्राइवर और नौकर को दीदी के दूध पीने का मज़ा आता था. उन दोनों ने दीदी को खूब चोदा.
बॉस 5 दिन बाद घर से गए. अगले दिन दीदी और मेरा प्रमोशन कर दिया. अब दीदी को पर्सनल कार और फ्लैट मिल गया. सभी दीदी को बधाई दे रहे थे और दीदी की चुदाई के किस्सों का मज़ा भी ले रहे थे.
ड्राइवर और बॉस के नौकर ने सभी को दीदी की चुदाई की कहानी सुना दी थी. लेकिन सभी को दीदी की बात माननी पड़ती थी क्योंकि वो एक हाई पोस्ट पर पहुंच गई थी.
हालांकि ड्राइवर अब भी कभी कभी दीदी की चूचियों पर हाथ रख देता था. उसका 75 साल की उम्र में भी लंड खड़ा हो जाता था. कभी कभी ड्राइवर न होने पर बॉस का ख़ास आदमी दीदी को ऑफिस से घर भी छोड़ने आता और मेरे सामने ही दीदी के दूध निकाल कर पीने लगता. बॉस का सबसे खास आदमी होने के वजह से दीदी और मैं कुछ नहीं कहते … जिसका वो पूरा फायदा लेता. वो दीदी की चुत में उंगली डालता, कभी दीदी के मम्मों को दबा देता.
हम सोचते कि साला बुड्डा तो हो ही गया है, कब तक जिएगा. इस उम्र में अब इसको नयी लड़की कहां से मिलेगी.
इस तरह बॉस हर प्रमोशन पर लड़कियों को चोदता रहा.
आपको मेरी दीदी की बॉस और नौकर से चुदाई कहानी कैसी लगी, कमेंट करें.