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मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम शिवांगी है. मेरी उम्र 23 वर्ष है, मेरी हाइट 5’5″, रंग गोरा और मेरा साइज 32-30-32 है. मैं कंपनी सेक्रेट्री कोर्स कर रही हूं।
इस साइट पर यह मेरी पहली कहानी है. यहाँ पर मैंने बहुत सी सेक्सी कहानियां पढ़ी हैं।
दोस्तो, आमतौर पर सब लोग यही मानते हैं कि सेक्स को लेकर लड़कों में बहुत ही जोश होता है. यह बात सही भी है लेकिन यह बात भी मान लीजिए कि लड़कियों में भी सेक्स को लेकर उतना ही जोश होता है बस हम लड़कियां लड़कों को पता नहीं लगने देती।
आज मैं आप सभी से जो कहानी शेयर कर रही हूँ … इससे बस यही साबित होता है कि एक लड़का और लड़की के बीच सिर्फ एक ही रिश्ता हो सकता है और वह आप सभी जानते होंगे.
लीजिए मैं अपनी कहानी पर आती हूं।
यह बात 3 साल पहले की है जब मेरी उम्र सिर्फ 20 वर्ष थी उस समय मेरी दीदी प्रेग्नेंट थी तो उनकी देखरेख के लिए मैं उनके घर गई हुई थी और मैं दीदी के साथ ही उनके कमरे में सोती थी। उनका 3 सदस्यों का परिवार है, दीदी की सास मेरे जीजू और दीदी।
दीदी का आखरी महीना चल रहा था, एक दिन जब दीदी को दर्द हुआ तो मेरे जीजू और दीदी की सास दीदी को हॉस्पिटल लेकर गए, मैं घर की देखभाल के लिए घर पर ही रह गई थी।
घर का सारा काम निपटा कर मैंने सोचा कि चलो अब नहा लिया जाए क्योंकि घर पर कोई नहीं था तो मैंने अपने सारे कपड़े निकाले और नंगी ही बाथरूम में नहाने चली गई। बाथरूम में आकर मैं अपने आप को शीशे में निहारने लगी तो मैंने देखा कि मेरे नीचे के बाल भी बड़े हो गए हैं. मैंने सोचा कि आज घर पर तो कोई है नहीं तो क्यों ना अपनी चूत पर से बाल ही साफ कर लूं। बाल साफ करने के बाद मैं खूब अच्छी तरीके से नहाई और नहाने के बाद मैं नंगी ही कमरे में आ गई।
जैसे ही मैं कमरे में आई तो मैं जीजू को कमरे में बैठा देखकर चौंक गई, मुझे पता ही नहीं चला कि जीजू हॉस्पिटल से कब वापस आ गए.
जीजू की नजर जैसे ही मेरे ऊपर पड़ी तो वे मुझे ऊपर से नीचे तक निहारने लगे मैं भी एकदम स्तब्ध खड़ी रही। सब इतना अचानक हुआ था कि मुझे यह याद ही नहीं रहा कि मैं एकदम नंगी हूं, जैसे ही मुझे याद आया कि मैं तो एकदम नंगी हूं और जीजू मुझे नंगा देख रहे हैं तो मैं वापस बाथरूम में भागी।
बाथरूम में आकर मैं जीजू से बोली- सॉरी जीजू, मुझे नहीं पता था कि आप वापस आ गए हैं. प्लीज मेरे कपड़े पकड़ा दो ना?
जीजू- इसमें सॉरी मांगने वाली क्या बात है साली जी, मेरी तो किस्मत ही खुल गई आज!
मैं- प्लीज जीजू मेरे कपड़े दे दो ना!
जीजू- शिवांगी, ये लो अपने कपड़े!
जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, जीजू जबरदस्ती बाथरूम में आ गए उनको देखते ही मैं एकदम चौंक पड़ी क्योंकि जीजू एकदम से नंगे थे और उनका लंड एकदम खड़ा था और झटके ले रहा था. उनको इस हालत में देख कर मेरी हंसी छूट गई, तभी जीजू ने मुझे पीछे से पकड़ लिया.
मैं थोड़ी वासनामयी होने लगी थी लेकिन मैं बोली- प्लीज छोड़ो मुझे … यह ठीक नहीं है जीजू.
जीजू- इसमें क्या गलत है शिवांगी? आखिर तुम मेरी साली हो और साली पर तो जीजू का हक होता ही है.
मैं- प्लीज जीजू, ऐसा मत करो, कोई देख लेगा तो प्रॉब्लम हो जाएगी.
जीजू- घर पर कोई नहीं है, सिर्फ हम दोनों हैं तो कौन देखेगा, इस मौके का फायदा उठाओ शिवांगी और प्यार करो। मैं तो कब से अपनी प्यारी साली को चोदने के चक्कर में था. आज जाकर मौका मिला है, प्लीज मना मत करो.
मुझे इन बातों में मजा आ रहा था लेकिन मैं नखरे दिखाती हुई बोली- जीजू कुछ तो शर्म करो, बहुत हो गया … प्लीज छोड़ो मुझे!
जीजू- शिवांगी, तुम बहुत सेक्सी हो, तुम्हारी चूची कितनी प्यारी है. प्लीज शिवांगी एक बार चोद लेने दो मुझे, तुम को भी बहुत मजा आएगा. प्लीज समझा करो … कितने दिन हो गए. तुम्हारी दीदी तो दे नहीं सकती इस हालत में प्लीज एक बार तुम दे दो, उसके बाद मैं तुमको परेशान नहीं करूंगा और किसी को पता भी नहीं चलेगा.
यह कहते हुए जीजू ने पीछे से ही मेरे दोनों बूब्स पकड़ लिए और मेरी गर्दन पर किस करने लगे. मुझे बहुत अजीब सा फील हो रहा था, अच्छा लग रहा था लेकिन मैं लाज के मारे बार-बार जीजू को मुझे छोड़ने के लिए बोल रही थी लेकिन जीजू पर तो सिर्फ जुदाई का नशा चढ़ा हुआ था और वे मुझे चोदने का मौका नहीं छोड़ना चाहते थे।
क्योंकि जीजू मेरे पीछे से चिपके हुए थे और मेरी पीठ उनकी तरफ थी और जीजू का लंड पीछे से ही मेरे दोनों पैरों के बीच से मेरी चूत पर दस्तक दे रहा था। मैं सोच रही थी कि शुक्र है जीजू मुझे आगे से नहीं देख पा रहे हैं लेकिन यह मेरी गलतफहमी थी क्योंकि जीजू की नजर सामने लगे हुए शीशे पर थी और वह मेरे बूब्स दबाते हुए सामने लगे शीशे में मुझे देख रहे थे उनकी नजर मेरी चूत पर ही थी।
मैंने जैसे ही शीशे में देखा कि जीजू के लंड का सुपारा मेरी चूत के नीचे से झांक रहा है मैं शर्म से एकदम लाल हो गई.
यह देखते ही जीजू ने अपना एक हाथ मेरी चूत पर रख दिया और बोले- शरमाओ मत मेरी साली रानी, लो मैंने तुम्हारी पिंकी को अपने हाथ से छुपा लिया, अब इसको कोई नहीं देख पाएगा, वैसे तुम्हारी चूत बहुत ही सुंदर है. तुम्हारी दीदी की चूत से तो बहुत ज्यादा ही सुंदर है, कम से कम एक बार तो अपनी साली की चूत जरूर चोद दूंगा चाहे कुछ भी हो जाए.
मैं- जीजू, मैं अभी तक कुंवारी हूं, मैं आपसे नहीं चुदवा सकती. आपका बहुत बड़ा और मोटा है मैं सहन नहीं कर पाऊंगी, प्लीज मुझे छोड़ दो.
जीजू- शिवांगी, तुम घबराओ मत, आराम से डालूंगा तुम्हारी चूत में … तुम को जरा भी परेशानी नहीं होने दूंगा. आखिरकार तुम मेरी साली जो हो! लेकिन आज बिना चोदे नहीं छोड़ सकता, तुम समझ सकती हो मेरी मजबूरी!
मैं- सॉरी जीजू, यह सब मैं नहीं कर सकती, चाहे आपको बुरा लगे तो लगे!
मेरी यह बात सुनकर जीजू समझ गए कि शिवांगी चोदने नहीं देगी और जबरदस्ती करने पर प्रॉब्लम हो सकती है. यह सोचते हुए उन्होंने कहा- ठीक है शिवांगी, अगर तुम नहीं चुदवाना चाहती हो तो जबरदस्ती नहीं करूंगा लेकिन ऊपर ऊपर से तो प्यार करने दो आखिरकर इतना हक तो बनता है मेरा!
मैं- ऊपर ऊपर से मतलब?
जीजू- मतलब मुझे अपने बूब्स चूसने दो, अपनी चूत चाटने दो और तुम मेरे लंड को किस करो और चूसो. मैं वायदा करता हूं अगर तुम यह करने दोगी तो मैं लंड को तुम्हारी चूत में नहीं डालूंगा
मैं- जीजू यह भी नहीं कर सकती.
जीजू- फिर शिवांगी, मैं तुम्हें जबरदस्ती चोदूंगा चाहे कुछ भी हो जाए.
क्योंकि घर में कोई नहीं था तो मैं सोचने लगी अगर इतना करके चुदने से बच सकती हूं तो कोई बुराई नहीं है आखिर इतना तो जीजा साली के बीच में चलता ही है और किसी को पता भी नहीं चलेगा, मैं कुछ मजा भी ले लूंगी. हालांकि मैं भी सेक्स का मजा लेना चाहती थी लेकिन पहली बार के होने वाले दर्द से डरती थी.
यह सोचते हुए मैंने जीजू से कहा- ठीक है, लेकिन प्रॉमिस करो कि आप मुझे चोदोगे नहीं, सिर्फ ऊपर ऊपर से ही प्यार करोगे?
जीजू- यह हुई ना मेरी साली वाली बात, प्रॉमिस जब तक तुम खुद नहीं बोलोगी तब तक मैं तुम्हें न हीं चोदूंगा.
मैं- जीजू, आप से कभी भी चोदने के लिए नहीं कह सकती, यह भूल जाओ जीजू कि मैं खुद तुमसे मुझे चोदने के लिए कहूंगी.
जीजू- चलो तुम्हारी बात ही मान लेते हैं शिवांगी लेकिन बाकी सब करने से तुम मुझे नहीं रोकोगी.
मैं- ठीक है जीजू कर लो जो करना है.
मेरे मुंह से इतना सुनते ही जीजू ने मुझे अपनी तरफ पलट लिया और मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगे उनकी नजर बार बार जाकर मेरी चूत पर ही रुक जाती थी. जीजू ने मुझे अपनी दोनों बांहों में कस लिया और मुझे किस करने लगे, मेरे दोनों बूब्स जीजू की छाती से चिपक गए एकदम से और धीरे धीरे मेरे दोनों हाथ भी जीजू से लिपट गए, अब हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. जीजू ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और मेरे होठों को चूसने लगे।
फिर जीजू ने अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रखा और दूसरा हाथ मेरी चूत पर रख दिया और मुझसे बोले- साली जी, तुम भी तो मेरे लंड को पकड़ो!
मैं जीजू को मुस्कुराते हुए देखने लगी और फिर प्यार से उनके लंड को पकड़ लिया और लगी सहलाने, जीजू भी मेरी चूत को सहलाने लगे।
जीजू- शिवांगी, एक बात पूछूं?
मैं- बोलो जीजू?
जीजू- मेरी साली ने आज ही अपनी चूत पर से बाल साफ किए हैं ना?
मैं- हां जीजू, मैंने आज ही बाल साफ किए हैं.
जीजू- किसके लिए?
मैं- अपने प्यारे जीजू के लिए.
जीजू- लेकिन तुम तो मुझे चोदने नहीं दे रही?
मैं- जीजू आपने प्रॉमिस किया है अंदर नहीं डालोगे तो अपना प्रॉमिस नहीं तोड़ना, समझे?
फिर जीजू मेरे बूब्ज़ चूसने लगे और बच्चों की तरह मेरे निप्पल चूसने लगे और एक हाथ से मेरी चूत फैलाने लगे. थोड़ी देर बाद जीजू ने मुझे फर्श पर नीचे बैठा दिया और अपने लंड को मेरे होठों पर रख दिया और मुझसे कहा- इसे चूमो!
तो मैं उनके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर चूमने लगी. जीजू के मुंह से आहे निकलने लग गई, जीजू बोल रहे थे- शिवांगी, तुम कितनी अच्छी हो … प्लीज करो ना … और करो शिवांगी … प्लीज साली जी, लंड चूसो ना अपने जीजू का!
कहते हुए जीजू ने अपना लंड मेरे मुंह के अंदर कर दिया, फिर मैं जीजू के लंड को करीब 5 मिनट तक चूसती रही.
जीजू- शिवांगी, तुम लंड तो मस्त चूसती हो, पहले कभी किसी का चूसा है?
मैं- जीजू आप बहुत शरारती हो, पहली बार मैंने किसी का लंड देखा है तो कैसे चूस सकती हूँ फिर?
जीजू- फिर तो तुम्हारी किसी ने चूत भी नहीं चूसी होगी, चलो आज मैं अपनी प्यारी साली की गोरी गुलाबी चूत को चाटने का शुभारंभ करता हूं.
यह कहते हुए जीजू ने मुझे गोद में उठा लिया और बाथरूम की स्लैब पर बैठा दिया और खुद स्टूल पर बैठ गए, जीजू ने मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया.
मैंने कहा- जीजू, यह क्या कर रहे हो आप? यह गंदी है प्लीज, यह मत करो!
लेकिन जीजू कहां रुकने वाले थे, उन्होंने तो मेरी चूत पर झड़ी लगा दी, कभी जीजू मेरी चूत की फांकें चूम रहे थे तो कभी चूत के दाने चूम रहे थे.
उसके बाद जीजू ने मेरी चूत की फांकें अपने दोनों हाथों से फैला दी और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगे. जीजू के ऐसा करते ही मैं आउट ऑफ कंट्रोल होने लगी, मैं अपना आपा खोने लगी.
मैं- प्लीज यह मत करो, मेरे को कुछ हो रहा है. प्लीज जीजू, मुझे छोड़ दो यह मत करो.
जीजा- साली जी, तुम्हारी चूत में तो जन्नत का मज़ा है, चाटने दो ना! और तुम भी जवानी का मजा लो.
मैं- जीजू, मेरी हालत खराब हो रही है, अब मुझे छोड़ दो प्लीज!
लेकिन जीजू कहां मानने वाले थे, उनको तो आज एक सुनहरा मौका मिल गया था, जीजू ने अपनी जीभ मेरी चूत के छेद में डाल दी और अपनी जीभ से ही मेरी चूत को चोदने लगे.
करीब 5 मिनट तक जीजू अपनी जीभ से ही मेरी चूत को चोदते रहे। मेरी हालत तो बिल्कुल खराब हो चुकी थी पूरी तरह से चुदासी हो चुकी थी बस मन कर रहा था कि जीजू अपना लंड मेरी चूत में एक ही झटके में अंदर डाल दें और जोर से मुझे चोद दें.
मैं पूरी तरह से अपने काबू से बाहर हो चुकी थी और अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. तो मैंने जीजू के सर को अपनी चूत पर से हटाया और जीजू को खड़े होने के लिए कहा.
जीजू खड़े होकर मुझे देखने लगे.
मैं- जीजू, अब खड़े खड़े क्या देख रहे हो?
जीजू- तो क्या करूं शिवांगी?
मैं- जीजू अपना लंड घुसा दो अपनी साली की चूत में और चोद लो अपनी प्यारी साली को!
जीजू- लेकिन शिवांगी … तुम तो मुझे मना कर रही थी चोदने के लिए? और अब खुद ही चोदने के लिए बोल रही हो?
मैं- बात मत बनाओ … प्लीज चोदो ना अपनी साली को! पेल दो अपने लंबू को मेरी चूत में!
कहते हुए मैंने जीजू को लंड को पकड़ा और अपनी चूत से लगा दिया और जीजू को अंदर घुस आने का इशारा किया.
जीजू ने भी तुरंत मौका देख कर चौका लगा दिया और एक तेज धक्के के साथ अपने लंड को अपनी साली की चूत में करीब आधा घुसा दिया, लंड के अंदर घुसते ही मेरी तो चीख निकल गई क्योंकि जीजू का लंड बहुत मोटा है और करीब 8 इंच लंबा है.
मैं- हाय जीजूजू जू जू जू … उम्म्ह… अहह… हय… याह… यह क्या कर दिया आपने तो मेरी चूत फाड़ दी मार डाला रे मां, प्लीज बाहर निकालो इसे मेरे से सहन नहीं हो रहा मर जाऊंगी मैं!
जीजू- शिवांगी, पहली बार ऐसा होता है. हर लड़की को पहली बार चूत में लंड घुसवाने पर दर्द होता ही है, अभी ठीक हो जाएगा. थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो फिर चूत चुदवाने में बहुत मजा आएगा. साली जी लो संभालो अपने जीजू का पूरा लंड अपनी गोरी गुलाबी चूत में!
यह कहते हुए जीजू ने एक जोर का धक्का और मार दिया इस बार जीजू का पूरा 8 इंच का लंड मेरी चूत में समा गया.
दर्द से मेरी तो जान ही निकली जा रही थी और मैं जीजू को धक्का देने की कोशिश कर रही थी लेकिन जीजू चोदने में पूरी तरह से उस्ताद थे, जीजू ने मेरी कमर अपने दोनों हाथों से कस के जकड़ रखी थी, वे मुझे बिल्कुल भी हिलने नहीं दे रहे थे और जीजू के लंड को मेरी चूत ने पूरी तरह से अपने अंदर जकड़ रखा था.
जीजू ने मेरा दर्द कम करने के लिए मेरे बूब्स चूसने शुरू कर दिए जिससे मेरा दर्द कम होने लगा. फिर जीजू ने धीरे धीरे अपने लंड को मेरी चूत में भीतर बाहर करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे अपनी प्यारी साली को चोदने लगे.
अब मुझे भी चूत चुदवाने में मजा आने लगा था तो मैंने जीजू को इशारा किया और कहा- जीजू, अपनी रफ्तार बढ़ाओ ना थोड़ी … अब दर्द कम है!
जीजू- अब कैसा लग रहा है शिवांगी? मजा आ रहा है ना चूत चुदवाने में?
मैं- हां जीजू, अब बहुत मजा आ रहा है, बस आप ऐसे ही अपनी साली को चोदते रहो. मेरे प्यारे जीजू, बहुत मस्त लंड है आपका! मेरी चूत तो धन्य हो गई आप से चुद के!
जीजू- हां शिवांगी, आज बहुत बड़ा दिन है, मैं भी धन्य हो गया आज जो अपनी प्यारी साली की गोरी गुलाबी चूत मैं अपना लंड घुसा कर उसको चोद रहा हूं. मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम्हें चोदने में! मैं तो तुम्हें कब से चोदने की सोच रहा था. शादी के बाद से ही मेरी नजर तुम्हें चोदने में थी और आज तुम हाथ लगी हो.
मैं- तो जीजू आपने बताया क्यों नहीं कि मुझे आप मुझे कितना चाहते हो और मुझे चोदना चाहते हो, मैं तो कब का अपने प्यारे जीजू को अपनी चूत सौंप चुकी होती!
जीजू- साली जी, भगवान के घर देर है अंधेर नहीं … और सब्र का फल मीठा होता है तभी तो आज मैं तुमको चोद पा रहा हूं. और वह भी तुम्हारी क्लीन सेव गोरी गुलाबी चूत जिसे तुमने आज ही साफ किया, आज तो जी भर के चोदूंगा तुम्हारी चूत … चोदने दोगी ना?
मैं- हां जीजू, क्यों नहीं चोदने दूंगी, अब तो आपके लिए ही है ना यह चूत … जब मर्जी आए तब चोदना, जोर से चोदो ना जीजू और जोर से चोदो प्लीज और जोर से चोदो! फक मी हार्ड जीजू जू जू जू जू जू!
जीजू- शिवांगी एक बार और चोदने दोगी ना आज?
मैं- हां मेरे प्यारे जीजू, आज तो पूरी रात आपसे चुदेगी आपकी साली, चोदोगे ना?
जीजू- हां शिवांगी, मेरा मन तो अपना लंड तुम्हारी चूत से बाहर निकालने का ही नहीं है. मन करता है कि पूरी रात अपने लंड को अपनी प्यारी साली की चूत में घुसा के रखूँ.
मैं- ठीक है जीजू, आज पूरी रात आप अपने लंड को मेरी चूत में ही डालकर रखना और जब मर्जी करे चोदना शुरू कर देना अपनी साली की गोरी गुलाबी चूत को!
पूरा बाथरूम मेरी चूत और जीजू के लंड के रोमांचक जंग से गूंज रहा था, मेरी चूत से फच फच फच की आवाज आ रही थी. जीजू ने भी चोदने की स्पीड बढ़ा दी थी और जीजू अपनी पूरी ताकत से मुझे चोद रहे थे. जीजू का लंड पिस्टन की तरह मेरी चूत में भीतर बाहर भीतर बाहर हो रहा था.
अचानक हम दोनों के शरीर एकदम से कांपने लगे और जीजू ने पूरी ताकत से लंड को आखिरी बार मेरी चूत में धक्का मारा और मेरी चूत के अंदर ही अपने लंड से पिचकारी मारने लगे. मेरी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।
तो यह थी मेरी और मेरे जीजू के बीच की पहली चुदाई की सत्य घटना!
उस रात जीजू ने मुझे तीन बार और चोदा और पिछले 3 बरस से लगातार चोद रहे हैं।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर लिखना.
अपनी अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगी कि जीजू ने कैसे मेरी कजिन सिस्टर को चोदा और अपनी दोनों सालियों के साथ कैसे ग्रुप में चुदाई की।
धन्यवाद.
आपकी शिवांगी