भाभी सेक्स पोर्न कहानी में पढ़ें कि पड़ोस की एक भाभी को स्कूल की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टैब चाहिए था. मैंने उनकी मदद की. इसका फल मुझे क्या मिला?
हाय दोस्तो, कैसे हो?
आप सभी को मेरा नमस्कार.
मेरे बारे में आप सभी लोग जानते ही होंगे. मेरी पिछली सेक्स कहानी
पड़ोस की मस्त प्यासी भाभी की चुदाई
को काफी लोगों ने पसंद किया था और मुझे काफी मेल भी मिले. आप सभी का धन्यवाद कि आपने मुझे मेल किए.
अभी लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. उससे काफी लोगों को दिक्कत आ रही है.
ऑनलाइन पढ़ाई में मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप तो चाहिए ही है, साथ में इंटरनेट भी चाहिए होता है.
इसी से एक घटना घटी, जो मैं इस पोर्न भाभी सेक्स कहानी के जरिये आप तक पहुंचा रहा हूँ. ये घटना मेरे टैबलेट की वजह से हुई थी.
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थीं, वो मुझे बड़ी अच्छी लगती थीं.
पर मुझे तो पहले से ही पड़ोस वाली भाभी हर तरह से मजा दे रही थीं … तो मुझे इन भाभी तक पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ी और मैंने कभी इन पर ध्यान नहीं दिया.
मगर मसला आ गया था तो मैंने इन पर भी अपनी डोर डाल दी.
भाभी के साथ जो भी हुआ, उसे बताने से पहले एक बार इनकी जानकारी दे देता हूँ.
इन भाभी की साइज़ की बात करूं, तो 38-32-40 की है. भरा हुआ बदन है और दिखने में बहुत सेक्सी हैं.
हालांकि भाभी का रंग बहुत अधिक गोरा नहीं है … ना ही काला है. दोनों के बीच का रंग कह सकते हैं.
भाभी इस बात से दिक्कत में थीं कि उनका बेटा ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करे.
इस बात से भाभी काफी परेशान भी थीं.
उनके घर में एक ही स्मार्ट फोन था और वो फोन, उनके पति जॉब पर जाते समय साथ ले जाते थे.
चूंकि उनका आधा काम मोबाइल पर ही होता था, तो वो मोबाइल छोड़ नहीं सकते थे.
लॉकडाउन में कम तनख्वाह में घर भी चलाना था, इस वजह से भाभी नया फोन या टैबलेट नहीं ले पा रही थीं.
मेरे पास एक टैबलेट और फोन भी था. फिर न जाने किसने भाभी से कहा कि मेरे पास टैबलेट है, जो मैं बहुत कम इस्तेमाल करता हूं.
भाभी ने मेरी मम्मी से बात की और मम्मी ने मुझसे कहा.
मैंने भी सोचा कि बच्चे की पढ़ाई ना रुके, इसलिए मैंने भी हां कह दिया.
दूसरे दिन भाभी टैबलेट लेने आईं.
मैंने भाभी को ऊपर से नीचे तक देखा.
तो भाभी ने मुझे देख कर स्माइल दे दी.
मैंने उन्हें टैब को ऑन करके पासवर्ड बताया और उनकी तरफ बढ़ा दिया.
भाभी ने टैब लिया और धन्यवाद कहकर अपने घर चली गईं.
शाम को भाभी मेरे घर में आई थीं, मैं उस समय घर पर नहीं था.
जब मैं घर आया तो मेरी मम्मी ने मुझसे कहा- तेरी बगल वाली भाभी आई थी, वो टैब का कुछ पूछ रही थी. तू नहीं था, सो वो वापस चली गई. मैंने उससे कह दिया था कि जब तू आएगा तो तेरे घर ही भेज दूंगी. अब तू जा चला जा और उनकी परेशानी देख ले.
मम्मी ने मुझे भाभी के घर जाने को बोला.
मैं भाभी के घर गया, तो वो घर का कुछ काम कर रही थीं.
मुझे देखा तो भाभी ने मेरा स्वागत करते हुए कहा- आइए विक्की जी.
मैं- आप घर आई थीं, मम्मी ने बताया.
भाभी- हां, वो टैब में स्कूल की बताई हुई एप चल ही नहीं रही है.
मैं- लाइए इधर दीजिए.
ये कहते हुए मैंने भाभी के हाथ को छुआ और टैब को अपने पास लिया.
मैं- हां बताइए … कौन सी एप है?
भाभी मेरे बाजू में बैठ कर टैब पर उंगली रख कर बोलीं- यह वाली, जो स्कूल से बताई है.
मैंने बताई गई उस एप को पहले अनइंस्टाल किया और फिर से डाउनलोड किया, पर तब भी वास्तव में एप नहीं चल रहा था.
मैंने कुछ सोचा और जब समझ नहीं आया तो मैंने भाभी से पूछा- हम्म … फिर आपने क्या किया?
उन्होंने मुझे एक फोटो दिखाई, जिसमें एप को लेकर सारी विधि लिखी थी.
मैंने उस विधि के अनुसार एप चालू करके टैब भाभी को दे दिया.
भाभी तब तक मेरे बाजू में बैठी रही थीं. इस दौरान मेरे हाथ की कोहनी उनके मम्मों से भी टच छुई, पर भाभी उस बात से एकदम अनजान बन रहीं.
जब सब हो गया तो मैंने उनकी तरफ देख कर कहा- डन.
भाभी- थैंक्स और सॉरी कहा.
मैं- सॉरी क्यों?
भाभी- वो मैंने आपको अब तक पानी या चाय का कुछ पूछा ही नहीं.
मैं- नहीं, मुझे कुछ नहीं चाहिए. मैं घर से चाए पानी पीकर ही आया हूं.
भाभी- मैं कुछ ठंडा लेकर आती हूँ.
ये कह कर भाभी रसोई में चली गईं.
उनकी रसोई इधर से ही दिखती थी, तो मैं पीछे से उनके कमनीय बदन को निहारने लगा.
भाभी की मस्त गांड को देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मगर लंड सम्भाले बैठा रहा.
जब भाभी वापस आईं, तो फिर से वैसे ही मेरे बाजू में में बैठ गईं.
इस बार वो मेरे और भी करीब सट कर बैठी थीं जिससे मेरी जांघ उनकी जांघ को छू रही थी.
भाभी ने मुझे शर्बत का गिलास दिया.
इस बार मैंने दोनों हाथ से गिलास लेते वक्त उनके हाथ को पकड़ लिया.
भाभी स्माइल देते हुए अपने हाथ छुड़ाने लगीं.
तो मैंने छोड़ दिया और कहा- बहुत नर्म हाथ है.
भाभी कुछ नहीं बोलीं, पर मैं अपनी इस बात से खुद ही थोड़ा सा डर गया था.
एक दो पल मैंने शर्बत पीने में लगाए और फिर से भाभी की तरफ देखने लगा.
अब मेरी नजरें उनके मम्मों पर थीं.
बहुत बड़े बड़े दूध थे … ब्लाउज का गला गहरा था, सो आधे से ज्यादा बाहर को आ रहे थे.
उतने में ही उनका बेटा आ गया.
मैं उसे अपनी गोद में बिठा कर शर्बत दे ही रहा था कि भाभी ने मना किया और जो गिलास खुद के लिए लाई थीं, वो उसे दे दिया.
फिर जैसे ही सब ठीक हो गया, वैसे ही उन्होंने मुझसे पूछा- आप क्या काम करते हो?
मैं- जॉब करता हूं.
भाभी- अच्छा, मेरे वो भी जॉब करते हैं.
मैं- गुड और आप?
भाभी- हम तो आप जो देख रहे हो, यही घर का काम करती हूं.
मैं- आपको ज्यादा देखा नहीं कभी?
भाभी- हां, आप तो जैसे रोज देखने मिल जाते हो! आप भी तो नहीं दिखते मुझे?
मैं हंसते हुए बोला- ठीक है, अब रोज मिलने आ जाया करूंगा. अब तो मेरी चीज भी आपके पास है.
भाभी ने हंसते हुए कहा- हां हां क्यों नहीं … आप अपनी चीज को रोज देखने आ जाया करो.
उनकी इस बात का अर्थ मेरी समझ में आ गया था.
मैंने मुस्कान दी और वहां से निकल कर घर आ गया.
दूसरे दिन भाभी घर पर आईं, मैं तब भी घर नहीं था.
मुझे ध्यान आया कि उस टैब में मेरे कुछ अश्लील वीडियो रह गए थे.
मैंने उनके घर पहुंच कर आवाज लगाई- भाभी?
उतने में भाभी बाहर आईं.
मेरी नजर भाभी कमर पर पड़ी, तो भाभी ने साड़ी का पल्लू कमर में खौंस रखा था.
मुझे देख कर भाभी ने पल्लू खोल दिया.
भाभी- वो मैं आपसे व्हाट्सैप के लिए पूछने आई थी कि क्या वो मैं इसमें यूज कर सकती हूँ … अगर आपको एतराज न हो तो!
मैं- हां क्यों नहीं … लाइए मैं चालू कर देता हूं.
भाभी मेरे बाजू में बैठते हुए और टैब देते हुए बोलीं- लीजिए.
मैं अपनी कोहनी से भाभी के मम्मे को दबाता हुआ बोला- नंबर बताएं.
उन्होंने नंबर बताया तो उनके पास भी व्हाट्सैप चालू हो गया.
मैंने पहले अपना नंबर सेव करके उनका नंबर लेने के लिए हाय का मैसेज कर दिया.
इस पर भाभी मुस्कुरा दीं.
अब मैंने उठने का यत्न किया, तो भाभी ने मेरे हाथ को पकड़ते हुए मुझे वापस बिठा दिया.
भाभी- आज आपका कोई बहाना नहीं चलेगा, आज आपको मेरे हाथ की चाय पीकर ही जाना पड़ेगा.
मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि मुझे वो वीडियो डिलीट करनी थी.
भाभी जैसे अन्दर गईं, मैंने टैब ऑन करके वीडियो सर्च करने लगा.
मेरा ध्यान वीडियो डिलीट करने में था. पता नहीं भाभी कब मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई थीं.
मैंने सब डिलीट तो कर दिया, पर जब एक हाईड फोल्डर ओपन किया तो गलती से एक वीडियो ओपन हो गया.
जब मैंने आजू-बाजू देखा, तो भाभी पीछे खड़ी थीं.
मैंने तुरंत टैब की लाइट ऑफ़ की, पर मैं बहुत लेट हो चुका था.
भाभी ने देख कर होंठ दबाए और एक कटीली मुस्कान देते हुए अन्दर चली गईं.
फिर वो दो कप चाय लेकर आईं और मुझे देते हुए मेरे बाजू में बैठ गईं.
मैं उनसे आंखें नहीं मिला पा रहा था.
भाभी- कब से देखते हो ये सब?
मैंने घबराते हुए कहा- जी हाईस्कूल में था … तब से.
भाभी- गर्लफ्रेंड है या नहीं?
मैंने थोड़ा सहज होते हुए कहा- पहले तो थी … पर अब नहीं है.
भाभी- क्यों अब नहीं है?
मैं- उसकी शादी हो गई है.
भाभी- कोई और नहीं मिली?
मैं- नहीं मिली, ढूंढ रहा हूँ. आपके ध्यान में कोई हो तो बताओ?
भाभी ने मजाक करते हुए कहा- हां हां ज़रूर.
मैंने थोड़ा खुलते हुए कहा- आपका कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
भाभी मेरी पीठ पर एक धौल मार कर बोलीं- नहीं है यार … शादी के बाद तो पति ही सब कुछ हैं.
मैं- तो अब बना लो. मैं कैसा लगता हूँ आपको?
भाभी- अरे नहीं, आपको तो मुझसे भी अच्छी मिल जाएगी.
मैं- ठीक है और ऑनलाइन पढ़ाई का टाईम क्या होता है?
भाभी- वो कुछ 9-12 के बीच में होता है.
उन्होंने मेरा इशारा समझ लिया.
रात को मैंने मैसेज किया- गुड नाईट.
पांच मिनट में रिप्लाई आया- गुड नाईट.
मैं बहुत खुश हुआ.
अगले दिन मैंने मैसेज किया- गुड मॉर्निंग.
करीब सवा बारह बजे भाभी का मैसेज आया- गुड आफ्टरनून.
मैंने तुरंत मैसेज किया- हाय.
भाभी ने भी जवाब भेजा- हाय.
अब हमारी बातें चालू हो गईं.
इस तरह से हम दोनों चैट करने लगे. काफी खुल कर बात होने लगी.
कुछ ही दिनों में भाभी मेरी गर्लफ्रेंड जैसी बन गई थीं.
मैं और वो थोड़ी थोड़ी देर में ऑनलाइन वाला किस भी देते लेते रहते थे.
एक दिन में दोपहर में उनके घर अचानक से पहुंच गया.
भाभी टैबलेट देख रही थीं, वो मेरी आवाज़ सुनते ही चौंक गईं.
मैं भी अन्दर आते हुए पास वाली कुर्सी पर बैठ गया.
भाभी- आप इस समय और यहां?
मैं- क्यों नहीं आ सकता?
भाभी- कुछ बताया नहीं कि आप आने वाले हो … इसलिए पूछा.
मैं- बस इच्छा हुई तो आ गया.
भाभी टैब को रख कर पानी लेने चली गईं.
मैं सोफे पर बैठ गया.
भाभी टैब में मेरे अनहाइड वीडियो देख रही थीं, जो मुझे टैब को ऑन करके पता चल गया था.
तभी भाभी पानी का गिलास लेकर आने लगीं और मुझे टैब के साथ देख लिया.
मैं- कैसी लगी वीडियो?
भाभी थोड़ी शर्मा गईं और बोलीं- अच्छी थी … तभी तो देख रहे थे, उतने में आप आ गए.
मैं- तो चलिए साथ में देख लेते हैं.
मैंने भाभी का हाथ खींच कर अपने बगल में बिठाया और वीडियो ऑन कर दिया.
भाभी- नहीं, मैं नहीं देख सकूंगी … मुझे शर्म आ रही है.
मैं- मैं तो देखूंगा.
मैंने वीडियो ऑन किया और हल्की सी आवाज को भी खोल दिया.
भाभी- आवाज धीमी कर लो यार … कोई सुन लेगा तो बदनामी होगी.
ये कहते हुए भाभी ने टैब हाथ से ले लिया.
मैं- लाइए, आवाज नहीं खोलूंगा.
ये कहते हुए मैंने भाभी का हाथ खींच लिया.
भाभी का एकदम से बैलेंस बिगड़ा और वो मुझ पर गिर गईं.
मैंने भाभी को कसके पकड़ लिया और उनकी आंखों में देखने लगा.
वो भी जैसे प्यासी हों, वैसे मुझे देखने लगीं.
मुझसे रहा नहीं गया … तो मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए. मैं उनके होंठ चूमने लगा.
भाभी मेरा साथ नहीं दे रही थीं.
भाभी ने कुछ देर बाद मुझे अलग किया और कहा- ये सब सही नहीं है.
मैंने उन्हें अभी अपनी पकड़ में ही रखा और कहा- आप मुझे प्यार नहीं करती हो क्या?
भाभी शर्म से कुछ नहीं बोलीं.
मैंने फिर से उनके होंठों से होंठ मिलाए और चूमने लगा.
इस बार उन्होंने मेरा दिल से साथ दिया.
मैंने पकड़ पर ढील देकर एक हाथ गर्दन पर लगाया और भाभी के होंठों के किस का पूरा मजा लेने लगा.
अब भाभी भी मजा ले रही थीं.
फिर मैंने भाभी का पल्लू नीचे कर दिया और उनके मम्मों को देखने लगा. भाभी की चूचियां बहुत भरी और भारी थीं.
भाभी ने कहा- अब देखना छोड़ो और जल्दी से कुछ करो.
मैं ब्लाउज के ऊपर से ही भाभी के मम्मों को दबाने लगा.
भाभी की कामुक सीत्कारें निकलने लगीं.
फिर भाभी ने खुद ही ब्लाउज खोल दिया. अब ब्रा ही बाकी थी. मैं भाभी की ब्रा के ऊपर से ही मुँह से मम्मों को दबाकर मजा ले रहा था.
मैंने उनकी पीठ पर हाथ ले जाकर ब्रा का हुक खोल दिया.
ब्रा ढीली हो गई थी लेकिन ये अभी भी भाभी के मम्मों पर ही थी.
मैंने उनकी तरफ देखा और एक निप्पल को मींजा, तो भाभी ने खुली और ढीली ब्रा को उतार दिया.
भाभी चुदने के लिए बहुत ज्यादा उतावली लग रही थीं.
मैं भी कहां कम था. मैं इतने दिनों बाद मिले माल को ऐसे ही नहीं जाने देना चाहता था.
मेरा लंड भी अपना रूप ले रहा था.
मैं भाभी के मम्मों से खेलने लगा. कभी एक को चूसता, तो दूसरे हाथ से दूसरे को दबाता. यही काम बदल कर दूसरे और पहले के साथ करने लगता.
भाभी चुदास भरे स्वर में बोलीं- अब चूसते ही रहोगे क्या … आगे का काम भी जल्दी से करो ना … रहा नहीं जाता.
मैंने भाभी को खड़ा किया और किस करने लगा.
किस करते करते मैंने भाभी को सामने की दीवार से सटा दिया.
भाभी मेरी शर्ट उतारने लगीं और मेरी छाती पर चूमने लगीं. साथ ही वो मेरी पैंट के ऊपर से लंड पर अपना हाथ फेरने लगीं.
मैंने भी एक हाथ मम्मे पर, एक हाथ नीचे ले जाकर साड़ी के अन्दर हाथ डाल दिया और भाभी की चुत सहलाने लगा.
चुत गीली हो गई थी.
मुझे साड़ी की वजह से चुत सहलाने में दिक्कत हो रही थी इसलिए मैंने साड़ी हटाते हुए पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.
पेटीकोट फर्श पर गिर गया और भाभी पैंटी में सामने आ गईं.
इतने में भाभी ने भी मेरी पैंट में हाथ डाल दिया और लंड पकड़कर कहने लगीं- बहुत तरसा रहे हो … मुझे जल्दी से पेल दो … अब नहीं रहा जाता.
मैंने उनकी पैंटी उतारी और चुत पर उंगली फेरी, तो भाभी ने मस्ती से आवाज करते हुए आंखें बंद कर लीं.
मैंने पहले चुत में एक, फिर दूसरी उंगली डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू कर दी.
इससे भाभी और भी तेज आवाज में सिसकारियां भरने लगीं- आह … आह!
मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
भाभी ने कहा- हां.
फिर मैंने कहा- अभी और मजा आएगा … देखती जाओ जान!
भाभी ने बोला- ठीक है दिखाओ अब … मैं तो कब से कह रही हूँ. मुझसे अब रहा नहीं जाता.
मैंने घुटनों के बल बैठ कर अपनी जीभ भाभी की चुत में घुसा दी.
तो भाभी को जैसे करंट लग गया हो, वो वैसे हिल गईं.
मैं भाभी की चुत चाटता रहा और कुछ ही देर में भाभी ने पानी छोड़ दिया.
मैंने भाभी की चुत का सारा पानी चाट लिया और खड़ा हो गया.
भाभी दीवार से टिकी हुई थीं और जोर जोर से सांसें भर रही थीं.
मैं उन्हें देखते हुए अपनी पैंट उतारी और लंड को भाभी के हाथ में दे दिया.
भाभी पहले तो लंड पकड़ कर हिलाने लगीं.
मैंने इशारे से में मुँह में लेने को कहा तो पहले वो अचकचा गईं.
मेरे पूछने पर भाभी ने कहा- अब तक कभी मुँह में लिया ही नहीं.
मैंने उनका दूध दबा कर कहा- तो अब ले लो.
वो अपना मुँह मेरे लंड के पास लाईं और सुपारे पर किस करने लगीं. फिर टोपे पर जीभ छुआ दी.
मैंने हाथ उनके बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया क्योंकि मुझे लगा कि ये मुँह में लंड नहीं लेंगी.
इसलिए मैंने बाल पकड़ कर लंड मुँह में घुसा दिया और आगे पीछे करने लगा.
भाभी पहले थोड़ा कुनमुनाईं, फिर खुद ही मजे लेने लगीं.
उन्होंने लंड को थूक से चिकना कर दिया.
मैंने अब भाभी को बिस्तर पर लेटाया और चुदाई का इशारा किया. तो भाभी ने अपने पैर खोल कर चुत पसार दी.
भाभी ने लंड का स्वागत करते हुए कहा- अब तो डाल दो … बहुत शरारती हो आप!
मैंने थूक से सना लंड चुत पर रख कर घिसा और उनकी चुत पर उनका ही थूक लगा दिया.
भाभी लंड चुत में लेने के लिए चुत ऊपर करने लगीं. मैंने थोड़ा और ललचाया लंड को चुत की दरार पर थोड़ा रगड़ा फिर चुत में डाला.
मैंने आधा ही लंड अन्दर डाला बाकी का भाभी ने चुत उछाल कर पूरा लंड एक बार में ही अन्दर ले लिया.
भाभी लंड लेते ही ‘आह … मर गई ..’ की आवाज करने लगी और मुझे अपनी ओर खींच कर होंठों से होंठ लगाते हुए ऐसे चूसने लगीं जैसे बहुत प्यासी हों.
मैंने धक्का लगाने चालू कर दिए.
भाभी मेरे होंठों को छोड़ना चाह ही नहीं रही थीं.
मैंने भी उनका साथ दिया और चूमते हुए चुदाई करने लगा.
जैसे भाभी बहुत खुश हो गई हों, वैसे उनकी आंखों में दिखा. अब मेरी इच्छा उनके मम्मों से खेलने की हुई.
मैंने उनके ब्राउन निप्पल पर बाइट की तो भाभी और उत्साह से भर गईं.
फिर मैंने एक दूध पर चांटा मारा, दूसरे पर भी मारा.
तो भाभी चिल्लाते हुए बोलीं- आह क्या कर रहे हो यार … ऐसा मत करो … लगती है.
मैं धक्का लगाता रहा. भाभी भी नीचे से ऊपर को गांड उठाकर साथ दे रही थीं.
कुछ ही देर में भाभी अकड़ने लगीं और उन्होंने चुत से पानी छोड़ दिया.
उनसे मैंने पोजीशन चेंज करने को कहा, तो भाभी घोड़ी बन गईं.
मैंने भी पीछे से लंड गांड के छेद पर रखा और रगड़ा. पर अभी मेरी इच्छा चुत मारने की ही थी … तो मैंने चुत पर लंड एक बार में ही अन्दर डाल दिया.
फिर मैं भाभी की पीठ पर हाथ फेरने लगा और उन्हें अपनी तरफ खींच कर उनके कंधे पर चुम्बन करने लगा.
भाभी भी फिर से गर्म हो रही थीं.
मैं भाभी के कान के पास मुँह ले गया और पूछा- और मजा करना है?
भाभी ने सर हिलाया और हां का इशारा किया.
मैंने कान पर काटा, तो भाभी आह आउच करने लगीं. मैंने फिर से गर्दन पर काटा और हाथ से दूध दबा दिया.
इसी के साथ मैंने लंड को चुत में पूरा फंसा कर भाभी का मुँह अपनी तरफ कर लिया. उनको किस किया. हमारी ये किस सबसे लम्बी थी.
किस के बाद मैंने भाभी को नीचे झुका कर कमर पकड़ी और धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी.
अब मैं भाभी के चूतड़ों पर चांटा मारते हुए उन्हें चोद रहा था.
तभी भाभी बोलीं- आप तो बहुत शातिर खिलाड़ी निकले … मज़ा आ रहा है आह … आह … कितना अन्दर तक कर रहे हो.
भाभी की मादक आवाज सुनाई देते ही मुझमें पावर सा आ गया और अबकी बार मैंने भाभी की गांड के छेद में अंगूठा घुसेड़ दिया.
इस पर भाभी ‘आउच … ये क्या कर रहे हो ..’ चीखते हुए आगे को हो गईं.
मैंने दूसरे हाथ से दूसरे चूतड़ पर चांटा मार कर उसे लाल कर दिया.
धक्के तेज होते ही मेरा रस निकलने वाला हो गया था.
मैंने भाभी से पूछा तो उन्होंने अन्दर नहीं निकालने को कहा.
उनकी बात मान कर मैंने अपना माल गांड पर निकाल दिया और हाथ से चूतड़ों पर मल दिया.
मैं बाजू में लेट गया. भाभी मेरी छाती से चिपक गईं.
जब दस मिनट बाद मैंने टाइम देखा, तो दो घंटे हो गए थे.
मैं उठा और भाभी के मम्मों से थोड़ा खेलने लगा. मुझे बड़े दूध अच्छे लगते हैं. उनके मम्मों को चूस कर और उन पर एक एक किस करके मैं उठ गया.
फिर अपने कपड़े पहन कर वहां से अपने घर को निकल गया.
उस रात भाभी और मेरी चैट हुई और हमने फ़ोन सेक्स किया.
अब मैं टाइम मिलते ही भाभी को चोदने लगा. भाभी भी बड़े उत्साह से चुदवाती थीं.
उनकी गांड मारने की चाहत का क्या हुआ, वो मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा.
आप मुझे बताइए कि आपको ये भाभी सेक्स पोर्न कहानी कैसी लगी.
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