दोस्त की बीवी को उसके घर जाकर चोदा

बिग गांड वाली भाभी को सेट करके उसी के घर में उसकी चूत मारी, गांड मारी. उसका पति मेरा दोस्त था. ये सब कैसे संभव हुआ? खुद पढ़ कर आनन्द लें.

दोस्तो, मेरा नाम रवि खन्ना है. मैं हरियाणा से हूं. मैं एमए पास हूं और मेरी हाइट 5 फुट दस इंच की है.
लड़कियां बोलती हैं कि मेरा लंड मजेदार लज्जतदार है.

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मेरे बचपन के दोस्त विनोद मेरे बड़े करीब था. उसकी बीवी का नाम राखी है.
राखी भाभी दिखने में मस्त माल है. वो एकदम गोरी-चिट्टी और भरे हुए शरीर की मालकिन है.

उसकी शक्ल अमीषा पटेल से काफी मिलती है.
जब मैंने पहली बार उसको देखा था, तब उसने मेरे सामने घूंघट ले रखा था क्योंकि मैं उसके हसबैंड से उम्र में बड़ा था.

ये सब घूंघट वगैरह उसको मजबूरी में करना पड़ता था जो उसने मुझको बाद में बताया था.
उसकी शादी के बाद पहली बार जब मैंने राखी को देखा, तो बस देखता ही रह गया.

उस दिन मैंने उसको अन्दर जाते समय देखा था तो सच में यार राखी के क्या चूतड़ थे … उफ्फ … मेरे लंड को तो मार ही डाला था जालिम ने!
पहली ही नजर में मुझको लगने लगा था कि अभी के अभी इसको पटक कर चोद दूँ.

चूंकि विनोद के घर की भैंसें मेरे घर के सामने ही एक कमरे में बंधती थीं. उधर उसकी बीवी राखी रोज भैंसों का चारा आदि के लिए आती थी.

मैं अब इस गुंताड़े में रहने लगा था कि राखी की जवानी को अपनी आंखों से कैसे चोद सकूँ.

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जब वो भैसों के काम से अपने घर से निकल कर हमारे घर के सामने वाले कमरे पर आती थी तो मैं उसी टाइम घर के बाहर बैठ जाता था.

अभी उसकी शादी को एक साल ही हुआ था और उसने घर से निकलना शुरू ही किया था.
जो लोग गांव के होंगे वो इस बात को जानते ही होंगे कि नई नई बहू को गांव में जल्दी निकलने नहीं देते हैं.

ये तो भैंसों का कमरा घर से अलग था, जिस वजह से भाभी को निकलने दिया जाने लगा था.
अब मैं उसको रोज देखने लगा.

कुछ ही दिनों में मैंने अपनी आंखों के स्कैनर से बिग गांड वाली भाभी की पूरी देह के उठाव और कटाव का हर एंगल से नाप ले लिया था.

समय बीतते देर नहीं लगती है.
भाभी को अब तक एक लड़की हो चुकी थी.
वो अभी तीन महीने की हो गई थी.

भाभी की बॉडी ज्यादा मोटी नहीं थी और दुबली पतली भी नहीं थी.
उसका फिगर एकदम परफेक्ट था.

राखी का फिगर लगभग 34-30-38 का रहा होगा.
भाभी के चूतड़ चौड़े कम थे पर मोटे होने की वजह से तोप से उठे हुए थे.

अब जब मैं लगभग रोज उसे देखने लगा तो राम श्याम भी होने लगी.
वो भी मुझको देखती थी. वो रोज लगभग एक ही समय पर आती थी.

वो मुझको अच्छे से जानती थी क्योंकि उसका पति मेरा लंगोटिया यार था.

मेरे दोस्त ने ही उसको बताया हुआ था कि गांव में एक बस रवि ही उसका ऐसा दोस्त है, जो हर मजबूरी में मेरा काम चलाता है.

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यहां तक कि उसने अपनी बीवी से ये भी कहा था कि जिस फ़ोन को वो यूज़ करता है, वो उसके दोस्त रवि यानि मैंने ही उसे दिलवाया था.
जब राखी आ गई तो उसके लिए भी फ़ोन मैंने ही दिलवाया था.

ये सब बाद में राखी ने ही मुझको बताया था.

दोस्तो, जिसकी ऐसी तारीफ खुद उसका पति करे, उसका मेरी तरफ आकर्षित होने लाजिमी था.
उसको रोजाना देखते हुए यूं ही दो महीने गुजर गए.

इस बीच उसको पता चल गया था कि मैं उसकी गांड पर फिदा हूँ. न जाने क्यों अब जब भी उसकी कमर मेरी तरफ होती, तो उसकी चाल बदल जाती.
उसके दो दो किलो के चूतड़ जोर जोर से उछल उछल कर मुझको आमंत्रित करने लगे थे.

मुझे लगता था जैसे उसके चूतड़ कह रहे हों कि आ जा, कब तक देख कर मुठ ही मरता रहेगा.

उसको अपने चूतड़ों का कमाल पता था, जिस वजह से मुझे लगता था कि ऐसा नहीं हो सकता था कि विवाह से पहले उसके ब्वॉयफ्रेंड नहीं रहे हों.

भाभी जैसी गजब माल ने शादी से पहले भी बहुत कमाल किए होंगे. मां कसम जो भी उसको चोदता होगा, उसकी तो बल्ले बल्ले हुई होगी.
वो साला भाभी की गांड के ऊपर से उतरता ही नहीं होगा.

खैर … इतने दिन हो गए थे. पर ना उसने कोई पहल की और ना मैंने.

दोस्ती का मामला था इसलिए मैं डरता था कि कहीं मेरे दोस्त को कुछ पता ना चल जाए.
वो भी शायद इस बात से डरती थी कि मैं कहीं उसके पति से ना बोल दूँ.

ऐसे ही करते करते मेरी भी शादी हो गई.
बीवी भी मस्त आ गयी.

पहली रात में मैंने उसकी खूब ली, फिर हर रात लौड़े को चूत का मजा मिलने लगा.
पहली विदाई में बीवी अपने पीहर चली गई.

अपन फिर अपने पुराने माल पर नजर गड़ाने आ गए.

उस दिन राखी के आने के टाइम पर बाहर बैठ गया.

ठीक समय पर राखी आती दिखी.
मैंने ध्यान से देखा कि वो घूंघट हंस रही थी, मुझे उसकी मुस्कराहट साफ़ दिख रही थी.
उसके जाते ही मैं मुठ मारनी चालू कर दी. उस समय मेरे मन में राखी की गांड ही घूम रही थी.

उस रात 9 बजे के करीब एक मैसेज आया. ये एक अंजान नंबर से आया था.

‘भाई साहब वो आपके साथ में खुश है क्या?’
मैं- आप कौन?

राखी- मैं राखी.
मैंने जानपूछ कर पूछा- कौन राखी?

वो हंसती हुई बोली- जिसको आप डेली देखने बाहर आ जाते हो, आपके दोस्त की बीवी. वो जरा बाहर निकल गए हैं, तो मैंने सोचा कि आपसे बात ही कर लूं.
मैं- जी भाभी जी.

वो- आपको शादी मुबारक हो.
मैं- धन्यवाद भाभी जी.

वो बोली- कैसी लगी देवरानी?
मैं- भाभी जी, आप बहुत सुंदर हो.
राखी- क्या आपकी बीवी सुंदर नहीं है?

मैं- है, पर उसके पास ना आपके जैसी ना तो अदा है और ना ही नजाकत!
वो बोली- आपको लगता है ऐसा … आपको पता है कि शादी के समय ही ऐसा लगता है. बच्चे पैदा होने के बाद पति को, बीवी ना तो सुंदर लगती है और ना उसमें कोई नजाकत दिखती है.
मैं- नहीं भाभी, वो तो कोई चूतिया ही होगा, जिसको आप में नजाकत और सेक्सी लुक नहीं दिख रहा होगा.

मैंने जोर देकर सेक्सी वर्ड लिख दिए.

राखी पढ़ी लिखी कम थी, शायद 12 वीं पास होगी. मैंने उससे पूछा नहीं कभी, पर दिखता था कि वो दिमाग से ज्यादा स्मार्ट नहीं थी, भोली मासूम थी.

उसने कहा- अच्छा मैं सेक्सी दिखती हूँ?
मैं- हां बिल्कुल.

वो- अच्छा बताओ तो जरा कि मैं आपको सेक्सी कहां से लगती हूँ?
बस फिर क्या था, मैंने बताना स्टार्ट कर दिया- भाभी आपकी आंखें बड़ी ही नशीली हैं, चेहरा ऐसा कि अमीषा पटेल भी फेल है. आपके गाल कश्मीरी सेब जैसे लाल हैं, गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ, एकदम लाल लाल रस से भरे … और आपकी वो …’
ये कह कर मैं चुप हो गया.

एक मिनट बाद उसका मैसेज आया- बस हो ली तारीफ, देखा मैं सेक्सी नहीं हूँ … क्योंकि फेस सुंदर हो सकता है, सेक्सी नहीं. सेक्सी बॉडी होती है … कभी डाल कर महसूस किया उसमें?
मुझको समझने में देर नहीं लगी बेटा रवि, आज भाभी मूड में लग रही है.

मैं- भाभी आपकी बॉडी तो एकदम कयामत है … पर मैं कहने में शर्मा रहा था कि कहीं आपको बुरा ना लग जाए.
उसी दरमियान मैंने दोस्त को भी कॉल और ये जानने के लिए फोन लगाया कि कहीं वो ही तो राखी बन कर पर मैसेज नहीं कर रहा.

फोन से मालूम हुआ कि वो रात की ड्यूटी पर था.
इसका मतलब राखी झूठ बोल रही थी कि वो घर ही है और अभी घर से बाहर कहीं निकला हुआ है.

मुझको ये भी समझने में देर नहीं लगी कि सारा माजरा क्या है.
मेरे मैसेज के जवाब में उसने लिखा- नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी, आप बेधड़क बोलो.

मैं- भाभी अभी आपके वो आ जाएंगे. कल जब वो घर पर नहीं रहेगा, तब बताता हूं.
वो- नहीं, वो घर पर नहीं हैं. वो ड्यूटी पर हैं, बताओ तुम.

मैं- आपकी सासू मां, जब वो घर पर नहीं रहता, तो वो आपके पास ऊपर चौबारे में सोती हैं न!
वो- नहीं, आज दादी की तबीयत खराब है … तो मैं अकेली हूँ. टाइम पास नहीं हो रहा था तो सोचा आपसे बात कर लेती हूँ.

मैं- तो क्यों ना कॉल पर बताऊं!
उसने कुछ सोच कर कहा- ओके, करो कॉल.

मैंने कॉल की, उधर से बहुत मीठी आवाज आई- हैलो.
जैसी वो थी, उससे बढ़ कर आवाज.

इधर उधर की बातें होना शुरू हुईं.
करीब 30 मिनट तक बकचोदी चलती रही.

उसने वही सब कहा कि उसको उसके पति ने सब बताया हुआ है, वो आपको बहुत मानते हैं. मुझको भी आपने फ़ोन दे दिलाया.

भाभी वही सब बातें कर रही थीं.
जब उसको लगा मैं असल बात स्टार्ट नहीं कर रहा हूँ, तो खुद से बोली- अब बताओ न … मैं कहां से सेक्सी दिखती हूँ?
मैं बोला- पक्की बात … बताना ही है!

वो बोली- हां शर्माना कैसा, बहुत शर्मा लिए इतने दिन. अब तो आपकी भी शादी हो गई है. आप सब जानते हो और मैं भी जानना चाहती हूँ कि मेरे बारे में आप कितना जानते हो.
मैं- ठीक है, फिर सुनो. आपकी चैस्ट 35 या 36 है.
वो बोली- हां 36 है.

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मैं- गुड और क्या चाहिए किसी को! आपका फिगर भी मस्त है. कमर 30 की.
वो बोली- हां, मैं योगा करती हूं.
ये कह कर वो हंस दी.

फिर मैं जानबूझ कर इधर उधर की बात करने लगा.
उसको गुस्सा आ गया. शायद ये जानकर कि उसकी बॉडी में जो चीज सबसे ज्यादा मस्त है, मैंने उसका नाम ही नहीं लिया.

उसने गुस्से में मुँह फुला लिया और हुंह कहने लगी.
मैं समझ गया.

अब मैंने कहा- भाभी आपके पास एक और चीज भी है, जो मैंने आज तक किसी के पास नहीं देखी. किसी हीरोइन के पास भी नहीं.
वो धीरे से बोली- क्या?

मैं बोला- आपके चूतड़, जो शायद 38 के हैं. मैं सबसे ज्यादा आपके उनको ही पसन्द करता हूँ. ऐसे आइटम मैंने अब तक जिंदगी में कभी किसी के नहीं देखे.
मैंने जैसे उसके मन की बात बोल दी हो.

वो बोली- हां पता है मुझको, तुम डेली उनको ही देखते हो.
मैं- बिल्कुल भाभी, वो कयामत हैं, उनको देख कर मेरी जान निकल जाती है. उनको देख कर बहुत लोगों का हार्ट अटैक भी हुआ होगा.

हमारी बातें अब सीरियस हो रही थीं, दोनों ही गहरी सांसें ले रहे थे.

वो- तुम्हारा तो नहीं हुआ हार्ट फेल आज तक!
मैं बोला- हो जाता भाभी … पर मैं अपना ब्लड प्रेशर हाई होने के बाद उसे लो कर लेता था.
वो बोली- कैसे?
मैं- हाथ चला कर.

वो बोली- क्यों कोई लड़की दोस्त नहीं थी?
मैं- हमारी किस्मत ऐसी बढ़िया कहां है भाभी जी.

वो बोली- मैं जानती थी, तुम मेरे पिछवाड़े को ही देखते थे.
मैं- तभी आप उनको मटका कर चलती थीं न!
वो- नहीं, ऐसी बात नहीं … खुद ही वो हिलते हिलते पता नहीं कैसे इतने बड़े हो गए!

मुझको लगा कि लोहा गर्म है.

मैं- भाभी एक बात कहूँ. बुरा ना मानो तो … फिर पता नहीं आपसे बात करने ला मौका मिले न मिले.
वो धीरे से बोली- हां बोलो.

मैं- आई लव यू भाभी, मैं आप से उसी दिन से प्यार करता हूँ, जबसे आपको देखा है.
वो कुछ नहीं बोली और उसने फ़ोन काट दिया.

मैंने सोचा कि शायद उसकी सासू मां आ गयी होंगी. मैंने यही सोच कर कॉल बैक नहीं की.

दस मिनट तक जब उसकी कॉल नहीं आई तो मैंने हिम्मत करके कॉल की.
उसका फ़ोन ऑफ जा रहा था.

मैं डर गया और उससे माफी मांगने के लिए मैंने 5 मैसेज कर दिए, पर उसका कोई जवाब नहीं आया.

फिर 30 मिनट बाद मैं सोने को हो ही रहा था.

तभी उसका मैसेज आया- रवि आई लव यू टू … मैं उसी दिन से आपको प्यार करती हूँ, जिस दिन से मैंने अपने पति से आपके बारे में जाना था. वो मेरी पहली ही रात का वाकिया था. तुम कितने केयरिंग हो. अपने पति के मुँह से पहली ही रात तुम्हारी उतनी तारीफ सुन कर मैं बड़ी खुश थी. और ये जानकर कि मुझको सुहागरात पर मिलने वाला गिफ्ट भी तुम लेकर आए हो. तो उस रात मुझको लगा कि जैसे सारी रात मैं उसके साथ नहीं, तुम्हारे साथ थी.

राखी का ये मैसेज पढ़ते ही मैंने उसे कॉल की और बिना बोले- आओ लव यू राखी जानू मेरी शोना मोना.
मैं न जाने क्या क्या बोलता रहा. वो बस किस करती रही. फ़ोन पर उम्माह उम्म्हा करती रही.

मैं- जान ये किस बस फ़ोन पर ही दोगी?
वो- बाबू जल्द ही मिल कर भी दूँगी.

मैं- रात में तुम्हारी सासु आएगी?
वो- शायद अब नहीं. अब तक तो वो पापा जी के साथ ही सो गई होंगी.

मैं- तो मैं अभी आ रहा हूँ.
वो ‘ना ना …’ बोलती रही.

मैंने कहा- गेट खोल कर रखना मैं आ रहा हूँ.
इसी के साथ मैं फ़ोन बन्द करके पहुंच गया.

हमारे घर से चार घर छोड़ कर उसका चौबारा था. मैंने जाकर उसका गेट को धीमे से धक्का दिया.
उसने कहा- रुको ज़रा.
मैं रुक गया.

उसने बहुत टाइम बाद गेट खोला, शायद उसने कपड़े चेंज किए थे.
दरवाजा खुलते ही मैं अन्दर आ गया.

हम दोनों नीचे ही एक कमरे में आ गए.
उसके सास ससुर ऊपर के कमरे में सो रहे थे.

उसने अपनी नाईट ड्रेस के ऊपर एक दुपट्टे से घूंघट मार रखा था.
मैं घूंघट उठाने लगा, तो उसने हाथ पकड़ कर मना कर दिया.

फिर कहा- मेरी शर्म हटने तक ऐसे ही बात करो.
मैंने सोचा बातों से तो इसकी शर्म नहीं हटेगी.

मैंने उसको अपनी बांहों में भर कर उसके दुपट्टे के ऊपर से ही उसे समेट लिया और मदहोश होकर उसके होंठों को चूसने लगा. फिर दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को दबाने लगा.
उसके बड़े बड़े चूतड़ मेरे हाथों में आ ही नहीं रहे थे. फिर भी जब मैं उसके चूतड़ दबाता, तो वो उचक जाती.

दस मिनट तक मैंने उसके चूतड़ दबाए, तो तब तक अपने पंजों पर खड़ी रही.
फिर वो दूर हटी और अपनी ओढ़नी हटा कर मुझको देखती रही.

फिर वो अपने दांतों से अपने होंठ चबाती हुई वो मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी.
मैंने फिर से उसकी बिग गांड दबाई. फिर किस करते हुए उसका लोवर उतार दिया.

उसने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी.
मैंने उसको घुमाया, तो मैं घायल हो गया.

कसम से आज वो हसीन पहाड़ मेरे सामने नंगे थे, जिनके मैंने ख्वाब देखे थे.

उसके वो चूतड़ एकदम गोरे थे पर मैंने मसल मसल कर उनको लाल कर दिया था.

उसके कागजी चूतड़ों पर मेरे हाथों की उंगलियां छप चुकी थीं.

मैंने अपना लोवर उतारा.
मेरा लंड पूरा खड़ा था.
लंड कि ये हालत पिछले 5 घंटा से थी … जब मैसेज पर बात होना शुरू हुई थी, उसी टाइम से ही लंड एकदम कड़क था.

मैंने लंड को अपने हाथ से पकड़ा और राखी को वहीं खड़ी खड़ी आगे की तरफ झुका दिया.
वो बिना कुछ कहे झुक गई.

इतने बड़ी गांड के नीचे से लपलप करती हुई चूत दिख रही थी.
मैंने उसकी चूत का हाल देखा और हल्का सा थूक लगा कर लंड चूत के छेद पर लगा दिया.

राखी की चूत जरा सी मटकी, पर मैंने एक ही झटके मैं पूरा लंड अन्दर डाल दिया.

उसको अंदाज नहीं था कि उसके पीछे से डलने वाला हथियार कौन से ब्रांड का है.
उसने समझा कि छोटी मोटी तोप होगी बस … और क्या.

उसको ये नहीं पता था कि आजकल परमाणु बम का जमाना है.
उसकी फुद्दी में मेरा आठ इंच लम्बा और दो इंच मोटा लौड़ा घुसने लगा था.

वो मुड़ी और उसने सीधे मेरे लंड पर नजर डाली.
लंड देख कर उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिया.

वो बोली- रवि ये तो मेरी जान ले लेगा.
मैं बोला- क्यों, वो नहीं चोदता तुझको?
वो बोली- चोदता तो है, पर उसका तो तुम्हारे लंड से आधा है.

मैंने उसको मनाया, किस किया और बेड पर लिटा कर खुद उसके ऊपर चढ़ गया.
मैंने उसको अपने नीचे दबोच लिया ताकि इस बार वो भागे ना.

अपना एक हाथ नीचे ले जाकर लंड को उसकी चूत के होल पर लगाया.
मेरा लंड का अगला हिस्सा नुकीला सा है. मैंने उसकी चूत मैं टोपा फंसाया और लेट कर उसके हाथों को अपने हाथ में पकड़ लिया.

फिर अपनी कमर ऊपर करके एक जोर के धक्के के साथ पूरा लंड राखी की चूत में पेल दिया.
वो ऐसे मचल उठी, जैसे बिन पानी मछली हो.

मैंने उसको छोड़ा नहीं. धक्के पर धक्का मारता चला गया.

‘अअ अअअ रवि बस आहआआ …’

दोस्तो, सच कहूँ तो मुझको लग रहा था कि जैसे मैं किसी मखमली गद्दे पर कूद रहा हूँ.
सच में इतना मजा मुझको कभी अपनी वाइफ के साथ भी नहीं आया था और शायद उसको अपने पति के साथ नहीं आया था.

तभी उसने कहा- रवि, प्लीज़ लिटा कर अन्दर तक डालो ना.

मैंने उसे वहीं उल्टा लिटाया. अब उसके चूतड़ मेरी आंखों के सामने थे.
एकदम गोरे और हद से ज्यादा मोटे.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को सहलाया और धीरे से तमाचा मार दिया.

उसकी ‘सीईई …’ निकल गई.

फिर मैंने दोनों चूतड़ों को अलग अलग हटा कर छेद देखे.
उसके दोनों छेद मस्त दिख रहे थे और चुद चुद कर एकदम गुलाबी हो चुके थे.

एक मिनट के लिए मुझको लगा इतने गहरे कुंए में मेरा लंड जाएगा कैसे.

मैं अभी सोच ही रहा था, तभी राखी ने कहा- अब डालो भी.

मेरा लंड खड़ा ही था, मैंने सही जगह पर लगा दिया और झटका देकर अन्दर पेल दिया.

राखी को मेरे लंड से एक बार को हल्का सा फर्क पड़ा और अगले ही पल से वो अपनी बिग गांड उचका उचका कर चूत चुदवाने लगी.

‘अअह अंह ओऊऊ रवि चोदते रहो … मजा आ रहा है.’

दोस्तो, राखी भाभी की चूत चोदने में बड़ा मजा आ रहा था.

कुछ पंद्रह मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
न जाने क्या हुआ कि मैं जल्दी झड़ गया जबकि मैं किसी भी चूत को कम से कम आधा घंटा से पहले नहीं छोड़ता हूँ.

मैं भाभी की चूत चोद ली थी पर मन नहीं भरा था.

सच कहूँ तो मैं शुरू से ही राखी भाभी की गांड का फैन रहा हूँ.

मैं उस समय खुद पर कन्ट्रोल नहीं कर पाया और अपना सारा वीर्य उसके चूतड़ों पर उगल दिया.

कुछ टाइम बाद मैंने उसकी गांड की सवारी की.
वो गांड तरफ से भी चालू थी.

गांड मारने के मारने के बाद मैंने उठ कर अपने कपड़े पहने और उसको भी पहनाए.

चलने से पहले मैंने भाभी को लंबा सा किस किया और अपने घर आ गया.

दोस्तो, मेरे दोस्त की बिग गांड वाली बीवी की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल से बताएं.
आपका रवि खन्ना
[email protected]

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