मोहल्ले की माल लौंडिया की सीलतोड़ चूत चुदाई

देसी गर्ल न्यू चूत कहानी में पढ़ें कि मैं पड़ोस की कई चूतें मार चुका हूँ. एक दिन मैंने एक नई लड़की को देखा तो पड़ोस की भाभी से उसके बारे में बात की.

फ्रेंड्स, मेरा नाम के के है. मेरी उम्र 24 साल है. मैं मथुरा का रहने वाला हूँ और में शास्त्रीय संगीत सीख रहा हूँ.

मेरा रंग थोड़ा सांवला है कद 5 फुट 11 इंच और बॉडी एक एथलीट जैसी है. मुझे फिट रहना बहुत पसंद है ताकि कि मैं हर उस लड़की को संतुष्ट कर सकूं, जो मेरे साथ संभोग करना चाहती या जिसके साथ में चुदाई करना चाहता हूँ.

वैसे तो मैं अब तक कई बार सेक्स का मज़ा ले चुका हूँ, पर सेक्स में हर बार एक अलग ही नशा रहता है … ये तो आप जानते ही हैं.

New Desi Girl Chut Kahani में आगे:

यह बात अभी एक हफ्ते पहले की ही है.
मैं दिन भर की दिमागी थकान मिटाने के लिए रोज़ शाम को 6-8 बजे के करीब अपनी छत पर घूमने जाता हूँ.

सच बात तो ये है कि मेरा घर मेरे मोहल्ले के एकदम बीचों बीच है.
इसी वजह से मेरी छत से लगभग सभी की छत दिखती है और उन छतों पर घूमती हुई सुंदर सुंदर मनमोहक सुंदरियां रहती हैं.

एक तरह से मैं चारों तरफ से लड़कियों से घिरा रहता हूँ. उधर मुझे 20 से लेकर 60 तक माल देखने को मिल जाता है.

सभी मुझे केवल संभोग की नज़र से देखती हैं क्योंकि सबको मेरी रासलीलाओं के बारे में पता है और सभी से मेरी अच्छी जान पहचान भी है.
उनमें से मैं कइयों के साथ सेक्स कर भी चुका हूँ.

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खैर … उस दिन मैंने एक नई लड़की को देखा. उसकी उम्र 19-20 की रही होगी.
वो काफ़ी मॉडर्न लग रही थी. चश्मा लगाई हुई थी.
उसने ऊपर ब्लैक टॉप और नीचे पीले रंग का शॉर्ट्स पहना हुआ था.
चश्मा बालों पर टिका था तो उसकी आंखों में लगा काजल साफ़ दिख रहा था.

वो शायद मोबाइल पर गाने सुन रही थी.
मैंने ध्यान से देखा तो उसका फिगर एकदम टाइट था, जैसे बहुत एक्सर्साइज़ करती हो, एकदम पर्फेक्ट दूध, तने हुए और गांड एकदम उठी हुई.

जैसे ही मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया.
उसने भी शायद मुझे देख लिया था.

मैं थोड़ा नजरअंदाज करने की एक्टिंग करने लगा.

बाद में मैंने अपनी एक पड़ोसन सुनीता से उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि ये जैन साहब की छोटी वाली लड़की है जो पुणे में फैशन डिज़ाइनिंग का कोर्स कर रही है.
अभी लॉकडाउन में घर आई हुई है.

उसका नाम मनु जैन है और सुना है कि अभी तक वर्जिन है.
मैंने तुरंत मन बना लिया कि इस न्यू चूत की सील तो मैं ही तोड़ूँगा चाहे कुछ भी करना पड़े.

मैंने अपनी पड़ोसन सुनीता से कहा- कुछ करो यार, मुझे इससे मिलवाओ.
सुनीता मुझसे चुद चुकी थी, वो मेरे मन की बात समझ चुकी थी.

उसने कहा- देखो केके, उसे पुराने गाने बहुत पसंद हैं. तुम कुछ पुराने गाने सीखो, आगे में देखती हूँ.

अब मैंने रोजाना घर पर पुराने गानों को गाने का रियाज़ शुरू कर दिया.
मैं जानबूझ कर तेज तेज गाता था ताकि उसको भी सुनाई दे जाए.

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यही हुआ.

उसने मेरा गाना सुन लिया था.
ऊपर वाले की कृपा से मैं काफ़ी अच्छा गा भी लेता था तो ये मामला तो मेरे लिए सुगम दिखने लगा था.

अगले ही दिन वो सुनीता के साथ मेरे घर पर आई लेकिन कुछ और बहाने से.

सुनीता की आवाज आई तो मैंने उसे ऊपर से झांका और उसके साथ मनु को आया देख कर खुश हो गया.

उस समय मैं अपनी रियाज कर रहा था.
तो मनु ने मेरी मां से पूछा- आंटी ये कौन गा रहा है, बहुत सुंदर गाता है.
मां ने कहा- बेटा तुम खुद ही देख आओ, मेरा बेटा है.

मेरी मां के मंदिर जाने का समय हो गया था और वो तीन घंटा वापस आने वाली नहीं थीं.

सुनीता और मनु एकदम से मेरे कमरे में आ गईं.
वो मेरे पीछे से आई थीं. मैं अपने गाने में मगन था.

फिर जब मुड़कर देखा तो देखता ही रह गया.
मनु किसी अप्सरा के जैसी लग रही थी. काले रंग का सूट और वो भी एकदम टाइट, डीप नेक का … और चुनरी थी ही नहीं.

दस सेकंड के लिए मैं हिल ही नहीं पाया शायद मनु मेरे मन के विचार समझ गई थी.

सुनीता ने हम दोनों का परिचय कराया.

मनु ने मेरे गाने की बहुत तारीफ की.
वो कहने लगी- मुझे आपसे पुराने गाने सीखने हैं.
मैंने कहा- ठीक है, आप कल से रोज 7 के बाद आ जाना.

अगले दिन में नहा धोकर बड़ी बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रहा था.
मैंने कमरा साफ कर लिया था, बिस्तर पर नई बेडशीट बिछा दी थी.

वो ठीक समय पर आ गई, पर आज वो जींस टॉप पहनी हुई थी.
एकदम चुस्त कपड़े पहन कर आई थी.

उसे देखते ही मेरा लंड तड़पने लगा था. मेरे होंठ उसके होंठों को चूसने के लिए तड़प रहे थे.

वो भी समझ गई थी कि कुछ न कुछ माजरा है.

खैर … मैं संगीत के लिए बहुत ज्यादा गम्भीर हूँ, इसलिए संगीत के समय कुछ और नहीं सोचता.
इसलिए मैं उसे गंभीर होकर सिखाने लगा.

उस दिन मैंने देखा कि वो बहुत ज्यादा मिलनसार है और हंसी मज़ाक करती है.
वो मज़ाक मज़ाक में बार बार मुझे छू रही थी.

उस दिन तो कुछ होने नहीं वाला था.

पर अगले दिन वो बहुत ज्यादा तैयार होकर आई थी.
पीले रंग का बिना बाजू का टॉप और गहरे नीले रंग की जींस, एकदम टाइट. उसके कपड़े काफी चुस्त थे.
उसका सारा माल बाहर से ही ऐसे झलक रहा था मानो उसका शरीर मुझे भोगने का आमंत्रण दे रहा हो.

वो कहने लगी- मुझे गाने के साथ हार्मोनियम बजाना भी सीखना है.
मैंने कहा- ठीक है, इधर को आओ, मैं उंगलियां रखना बता देता हूँ. फिर तुम्हारे ऊपर है, जितनी रियाज करोगी, उतनी जल्दी सीख जाओगी.

मनु मेरे करीब आ गई और हार्मोनियम को लेकर बैठ गई.
मैं उसे बताने लगा, पर उसे समझ नहीं आ रहा था.

मैंने सोचा कि यही सही मौका है.
मैं उसके पीछे गया और उसका हाथ पकड़कर सिखाने लगा.

मैं लगभग उससे पूरा चिपक ही गया था. मेरा लंड खड़ा हो चुका था और उसके पास से भी गर्म सांसें आ रही थीं.
जैसे ही मैंने उसका हाथ पकड़ा तो वो कांप गई, पर मैंने हाथ हटाया नहीं और सिखाता रहा.

कुछ मिनट बाद मैंने देखा कि मेरे पैर पर कुछ चिपचिपा लग रहा है. मैंने ध्यान से देखा तो मनु के पैरों के बीच जींस में से धीरे धीरे पानी झलक रहा था.
मैं समझ गया कि इसकी चूत गीली हो गई है … मतलब ये भी सेक्स के लिए सोच रही है.

मैं उसे देखने लगा, वो भी देखने लगी.
मैंने हल्के से उसके होंठों पर एक किस कर दिया और उसका प्रतिभाव देखने के लिए रुक गया.

उसने अपनी आंखें बंद कर रखी थीं.
मैं समझ गया था कि रास्ता साफ़ है और इसकी तरफ से हरी झंडी है.
तो मैं वापस उसे किस करने लगा.

दो मिनट बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.

मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और किस करते करते अपने बेड पर ले गया.
मेरा रूम छत पर था और मैं हमेशा गेट बंद ही रखता था इसलिए कोई डिस्टर्ब करने वाला नहीं था.

मैंने धीरे से उसके टॉप में पीछे से हाथ डाल दिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा.
अब हम दोनों फ्रेंच किस करने लगे.

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वो मेरी और मैं उसकी जीभ को ऐसे चूस रहे थे, जैसे लॉलीपॉप का मजा ले रहे हों.

तभी मैंने टॉप ऊपर करके उसकी ब्रा खोल दी और देखा कि उसके चूचुक काफी बड़े थे और एकदम खड़े हुए थे.
मैं तो सीन देख कर पागल ही हो गया.

मैंने जल्दी से उसका टॉप और ब्रा को उतारा और उसके बोबों को चूसने लगा.
मैं कभी एक को चूसता, तो कभी दूसरे को.

वो भी बहुत ज्यादा आहें भर रही थी. साथ ही थोड़ा नाटक भी कर रही थी- उन्ह मत करो … प्लीज़ नहीं करो!
मैं कहां रुकने वाला था.

कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए.

अब उसने भी मेरी टी-शर्ट उतार दी और वो मेरी छाती देखती ही रह गई.
मेरे सिक्स पैक एब्स थे. सीना 48 इंच का था.

वो मुझे फिर से किस करने लगी.
मैंने एक हाथ धीरे से उसकी जींस के पीछे से उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी गांड दबाने लगा.

कुछ देर बाद मैं बिस्तर पर गिर गया और वो मेरे ऊपर आ गई.

मैंने धीरे से उसकी जींस का बटन खोला और उसकी जींस उतार दी.
मैंने देखा कि वो सफेद रंग की पैंटी पहनी हुई थी और पैंटी के बगल से चूत का पानी रिस रहा था.

मैं इससे पहले कुछ करता या बोलता, वो खुद ही मेरे बदन को चूमने लगी.
मेरी गर्दन से होते हुए मेरे सीने पर आ गई और मेरे सीने पर मेरी अकड़ी हुई घुंडियों को चूसने लगी.

उस दिन मुझे पता चला कि मर्द को भी अपने सीने की घुंडियों को चुसवाने में मज़ा आता है.

अब उसने नीचे को सरक कर मेरी जींस उतार दी और मैं उसके सामने एक चड्डी में रह गया.
मैंने जॉकी की जांघों तक आने वाली चड्डी पहनी हुई थी.

वो कामवासना से भरी हुई आंखों से मुस्कुराने लगी क्योंकि मेरी चड्डी भी पूरी गीली हो चुकी थी और मेरे खड़े लंड से एकदम फटी जा रही थी.

वो मुझे फिर से किस करने लगी और मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरा लंड सहलाने लगी.
मैं पागल हुआ जा रहा था.

मैंने उसको अपने नीचे ले लिया और उसको चूमने लगा.
साथ ही मैंने एक हाथ से उसकी पैंटी उतार दी और धीरे से उसकी न्यू चूत सहलाने लगा.

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी तो वो थोड़ी उचक गई और कहने लगी- मैं वर्जिन हूँ, थोड़ा आराम से करो जानू!

थोड़ी देर उंगली करने के बाद उसका पानी निकल गया क्योंकि वो काफ़ी गर्म हो रही थी.
उसका पहली बार था, इसलिए उससे रहा नहीं गया था.

मैं धीरे से उसकी चूत के पास आ गया और उसकी चूत पर जीभ फेरी, तो वो पागल सी हो गई और कामुक सिसकारियां लेने लगी.

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर फेरना शुरू कर दिया.
वो मेरे बाल पकड़कर आवाज करने लगी. वो बहुत ज्यादा तड़प रही थी.

उसकी चूत में से बहुत पानी निकल रहा था. मैं सारा रस चाटता जा रहा था.

कुछ देर बाद मैं 69 की पोजीशन में आ गया, पर वो मेरा लंड मुँह में नहीं ले रही थी.
मैंने उससे कहा- जानू एक बार मेरे कहने से लेकर देखो, पसंद नहीं आए तो कहना.

उसने हिम्मत करके लंड मुँह में ले लिया.
मैं उसकी चूत चाटने में खो गया.

अपनी चूत चटवाने के कारण वो भी काफ़ी गर्म हो गई थी और मेरे लंड को काफ़ी गहराई तक लेकर चूसने लगी थी.

कुछ मिनट बाद उसने अपने पैर टाइट कर लिए और उसने एक बार फिर से अपना पानी छोड़ दिया.
मैं सारा रस पी गया.
पर मैं भी अब काफ़ी गर्म हो चुका था.

मैं अपने लंड से उसका मुँह चोदने लगा और एकदम जोश में आ गया. मैं भूल गया था कि उसने कभी मुँह में लंड नहीं लिया था.

पर जब सेक्स का जोश चढ़ जाता है, तो कुछ नहीं दिखाई देता.
वो भी कुछ विरोध नहीं कर रही थी.

मैं जोर जोर से उसका मुँह चोदने लगा और एकदम से उसके मुँह के अन्दर ही मेरा वीर्य निकल गया.

मेरा वीर्य इतना सारा निकला था कि उसकी नाक से निकल आया, पर मैंने देखा ही नहीं, बस लगा रहा.
जब तक मेरे लंड की एक एक बूँद नहीं निकल गई तब तक मैंने अपना लंड मुँह से बाहर नहीं निकाला.

जब मैं उससे अलग हुआ तो देखा और उसकी हालत देख कर उसे बहुत बार सॉरी बोला.
वो ज्यादा गुस्सा नहीं हुई और मुझे किस करने लगी.

किस करते करते मेरा लंड फिर से तैयार हो गया.
अब मैंने उसको लेटा दिया और उसके पैर फैला कर उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया.

वो मना करने लगी और कहने लगी- बहुत दर्द होगा.

मैंने उसको प्यार से एक किस किया और समझाया कि पहली बार में दर्द तो होता ही है, पर सही तरीके से किया जाए तो इतना नहीं होता. उसके बाद जो मज़ा आता है तो समझो दोनों जन्नत की सैर करने लगते हैं.

मैंने एक बार फिर से उसकी चूत चाटी ताकि वो लंड लेने के लिए थोड़ी गीली हो जाए.
जब मुझे लगा कि अब मनु की चूत मेरा लंड लेने के लिए रेडी है, तो मैंने उसकी चूत की फांकों में लंड रखकर एक धक्का लगा दिया.

अभी सिर्फ़ मेरा टोपा ही चूत में गया था कि उसकी आह निकल गई.
मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.
उसे दर्द तो हुआ और वो चिहुंकी भी मगर मैंने महसूस किया कि वो दर्द होने के डर से चिहुंकी थी, उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ था.

मैंने उसे देखा तो वो घबराई सी थी मगर जब मेरी उससे आंखें मिलीं, तो वो मुस्कुरा दी.
मैंने एक और धक्का लगा दिया.

इस बार मेरा आधा लवड़ा चूत फाड़ता हुआ अन्दर चला गया था.
उसके आंसू निकल गए.
मैं रुक गया और उसको किस करने लगा.

कुछ देर बाद वो खुद ही गांड उठाकर हिलने लगी, तो मैं समझ गया कि ये लंड के लिए तैयार है.
अब मैं धकापेल शुरू हो गया और धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाता जा रहा था.

उसे भी अब काफ़ी अच्छा लग रहा था. वो बहुत मादक आवाजों को निकाल कर मस्त हो रही थी.

ताबड़तोड़ चुदाई होने लगी.

कुछ बीस मिनट बाद वो अपनी गांड उठाती हुई कहने लगी- आह … और जोर से करो.
मैं समझ गया था कि अब इसका पानी निकलने वाला है.

मैंने स्पीड बढ़ा दी और तेज़ तेज़ चुदाई करने लगा.
उसने मुझे कसकर जकड़ लिया और आंह आंह करती हुई झड़ गई.
झड़ कर वो निढाल हो गई और मुझे बहुत प्यार भरी नज़रों से देखने लगी.

मैं उसे फ्रेंच किस करने लगा.

मेरा लंड अभी शांत नहीं हुआ था.
मैंने उसे अपनी गोदी में बिठाया और उसे लेकर खड़ा हो गया, उसको हवा में उठा कर चोदने लगा.

मैंने देखा कि उसे भी बहुत आनन्द आ रहा था.
वो मेरी गर्दन में अपनी बांहें डाले मेरे लंड पर झूला झूल रही थी.

मैं किस करते करते उसे हवा में पेलता रहा.
पांच मिनट बाद जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और उसकी चूत के अन्दर मेरा पानी निकल गया.

मैं बहुत उत्तेजित हो गया था और मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.
वो भी कहने लगी कि करते रहो.

मैं भी बिना रुके चोदता रहा.
पूरे कमरे में पच पच की आवाज़ गूँज रही थी.

फिर हम दोनों ही वापस झड़ने वाले थे तो हम लेट कर साइड से चुदाई करने लगे और किस करते जा रहे थे.

कुछ ही पलों में हम दोनों साथ में ही झड़ गए.

दस मिनट तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे, एक दूसरे के होंठ और जीभ चूसते रहे.

उसी समय उसके पापा का फोन आ गया.
उसने फोन पर आने की कहा और उठ गई.

उसने अपने कपड़े पहनते हुए कहा- आई लव यू के के, पर मुझे अब जाना होगा.
मैंने कहा- ठीक है मगर अब फिर से कब आओगी?
वो कहने लगी- जब तक मथुरा में हूँ, रोज़ आऊंगी.
मैं खुश हो गया.

उसने अपने कपड़े पहने और जाने से पहले हम दोनों लम्बी किस की.
वो चली गई.

अगले 15 दिनों तक हम दोनों ने बहुत चुदाई की.

फिर वो पुणे लौट गई और मैं उसे याद करने लगा.

अब हम जब भी मिलते हैं तो चुदाई का मजा करते हैं और शहर घूमने निकल जाते हैं.
हम दोनों काफी मस्ती करते हैं.

दोस्तो, ये मेरी पहली और सच्ची सेक्स कहानी है, मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको देसी गर्ल न्यू चूत कहानी में मजा आया होगा.
आप कमेंट्स करें.
मैं एक बार फिर जल्द अपनी अगली सेक्स कहानी लेकर आऊंगा.
तब तक के लिए नमस्ते.

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