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हाय दोस्तो, मेरा नाम हिमानी शर्मा है.. सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।
आप सभी जानते ही हैं कि मैं 26 साल की हूँ और आज मेरा फिगर 32-30-34 का है.. बहुत से लड़के मुझ पर आज भी मरते हैं.. उस वक्त मेरा गोरा बदन.. 28-24-28 का मोहक फिगर.. उम्र 20 की थी, मेरा पूरा बदन भरा-पूरा था, मेरे काले घने बाल लेकिन छोटे थे।
मेरी पहली कहानी पहली बार की चूत चुदाई स्कूल में आप सबने पढ़ी और उसके लिए मुझे बहुत प्यार दिया.. धन्यवाद।
मित्रो.. उस दिन जो मेरा हाल हुआ था.. वो मुझे ही पता था.. मैं चल नहीं पा रही थी। ऐसा लग रहा था कि पता नहीं मैंने उस दिन कितना काम किया था। खैर.. मैं आगे आती हूँ.. कि उसके बाद क्या हुआ।
उसके बाद अनुराग ने मुझे घर छोड़ा। मैं घर गई तो मम्मी बोलीं- क्या हुआ.. ऐसे क्यों चल रही है?
मैंने मम्मी को बोला- गिर गई थी..
मैंने दवाई ली और सो गई.. शाम 6 बजे के आस-पास मुझे लगा कोई मेरी मुन्नी को सहला रहा है..
मैं एकदम से उठ गई, देखा कि दिव्या है और वो मेरी मुन्नी को सहला रही थी।
मैं उठ कर बैठ गई और बोली- इसका यह हाल तेरी ही वजह से ही हुआ है..
दिव्या बोली- कमीनी थैंक्स बोल मुझको की तुझे मैंने आज जवान बना दिया।
मैं बहुत ज़ोर से हँसी..
उसके बाद बोली- जब शेव की थी.. तो ब्रेड के जैसी लग रही थी.. लेकिन अब तो सेब जैसी लाल और मोटी हो गई है।
यह बोल कर उसने मेरी मुन्नी में उंगली डाल दी।
कसम से उस टाइम मन कर रहा था कि उसका चोदन करवा दूँ लेकिन बहुत प्यारी दोस्त थी मेरी.. सो मैंने उसको कुछ नहीं कहा।
फिर हम बात करने लगे। मैंने उसको बताया कि कैसे कैसे मेरा आज कांड हुआ।
हम दोनों खुल कर बात करते हैं.. चाहे जैसी भी हो.. और आज के चूत ओपनिंग कांड के बाद तो हम दोनों के बीच में कुछ बाकी रह ही नहीं गया था।
मैंने उसको बोला- लेकिन यार पेन बहुत हो रहा है।
तो वो रसोई में गई.. वहाँ से बरफ ले कर आई और उसने मेरी मुन्नी की उस बर्फ से सिकाई करने लगी। उससे मुझे बहुत आराम मिला.. थोड़ी देर में उसने 1 उंगली मेरी बैक होल में डाल दी।
मैं तो कुढ़ गई जैसे पता नहीं क्या हो गया हो।
वो फिर हँसने लगी.. बोली- लगता है मुन्नी की सेवा हुई है.. अभी पीछे की नहीं हुई है।
मैंने मना कर दिया और बोली- बस आगे की सेवा ही बहुत है.. मर गई थी।
वो बोली- मेरी रानी.. अनु तेरी बैक तो पक्का मारेगा.. चाहे तू कुछ भी कर ले।
मैं बोली- ऐसा नहीं होगा..
बस यही सब बातें करते-करते सारी बात ख़तम हुई।
उसके बाद मेरी अनु से भी कुछ दिन तक कोई बात नहीं हुई। उसके कुछ टाइम बाद अनु फिर से मेरे पास आने लगा और फिर से सब नॉर्मल हो गया। बस बीच-बीच में किस और मेरे मम्मों को दबाना चलता रहा।
कुछ टाइम बाद मेरी मम्मी बोलीं- हिमानी बेटे.. पार्लर चलते हैं.. तेरे हेयर भी कट कर वाने हैं.. बहुत बड़े हो गए हैं।
मैं- ठीक है मम्मी..
और हम दोनों पार्लर में चले गए.. वहाँ पहले से ही भीड़ थी तो आंटी ने हमको अन्दर घर में बिठा दिया और मम्मी का हेयर कट और फेसियल वगैरह वहीं करने लगीं।
तभी अनु आ गया और बोला- अरे हिमानी.. कैसी हो?
उसने मम्मी को नमस्ते बोला और अन्दर जाने लगा।
तभी उसकी मम्मी ने बोला- अनु क्या कर रहा है?
वो बोला- कुछ नहीं।
आंटी बोलीं- शॉप पर बहुत भीड़ है.. थोड़ा हेल्प कर दे।
वो बोला- ठीक है।
आंटी बोली- शॉप से कवर ले आ और हिमानी को हेयर कट के लिए रेडी कर दे, जब तक मैं बहन जी का काम कर देती हूँ।
वो बिना कुछ बोले अन्दर गया और कवर लेकर आ गया और मुझे कवर कर दिया। मैं उस टाइम बहुत अजीब सा फील कर रही थी लेकिन क्या कर सकती थी। मॉम साथ में थीं.. तभी उसने स्प्रे की बोतल ली और मेरे बालों को गीला किया और मेरे बालों में कंघी करने लगा..
वो बोला- मम्मी हो गया।
आंटी बोलीं- एक काम कर साइड के बाल छोटे कर दे..
मैं बोली- आंटी प्लीज़ आप कर दो.. ये खराब कर देगा।
आंटी हँसने लगीं.. बोली- बच्चे.. ये हेयर कट करता है.. तू आराम से बैठ।
मैं क्या करती.. बैठ गई।
उसने मेरा हेयर कट करना स्टार्ट किया।
अभी पीछे के बाल ही काटे थे कि मेरे कान के पास आकर बोला- मेडम, शेव भी करनी है क्या?
मैं बोली- क्या?
बोला- तेरी मुन्नी को भी शेव करना है.. या नहीं?
उफ.. मैं कुछ नहीं बोल पाई।
इतने में आंटी आईं और मेरा हेयर कट करने लगीं।
अभी वो मेरा हेयर कट कर ही रही थीं कि मम्मी बोलीं- मैं जा रही हूँ.. तू आराम से आ जाना।
मैं बोली- ओके मम्मी..
और मॉम वहाँ से चली गईं।
इतने मैं आंटी को कॉल आया.. उनको कहीं जाना था.. सो आंटी अनु को बोलीं- बाबू इस को फिनिशिंग टच दे दे और रेज़र से नेप (गर्दन के पीछे के हिस्से) को शेव कर देना।
आंटी चली गईं.. जाते हुए आंटी पार्लर भी बन्द कर गईं क्योंकि वहाँ अब कोई नहीं बचा था और अब पार्लर को कौन देखता।
अब मैं और अनु घर पर अकेले थे। क्योंकि आंटी को पता था हम बचपन से साथ ही खेल और बड़े हुए थे.. तो उनकी नज़र में कोई इश्यू नहीं था। लेकिन यहाँ तो सब कुछ हो चुका था..
आंटी के जाते ही अनु आया और बोला- चल अन्दर चल.. वहाँ करता हूँ तेरा हेयर कट.. यहाँ कोई नहीं है ना.. अब पार्लर भी फ्री है।
मैंने कहा- ठीक है।
उसने मुझे अनपैक किया और मैं पार्लर में आ गई, मैं बैठ गई.. वो भी आ गया और मेरे बालों मैं कँघी करने लगा।
मैं बोला- अनु कवर तो कर.. नहीं तो मेरे कपड़े में बाल लग जाएंगे..
वो हँसा ओर बोला- उतार दे इनको।
मैं बोली- पागल है।
वो बोला- देख हिमानी.. सब कुछ तो हो चुका है.. तूने मुझे नंगा देखा है.. मैंने तुझे.. अब क्या शरम?
मैं बोली- जो हो गया.. सो हो गया लेकिन अब नहीं प्लीज़..
वो नहीं माना और उसने कैंची से मेरे बाल एक साइड से काट दिए। मैं सोच रही थी क्या किया इसने.. मैं रोने लगी।
वो बोला- देख हिमानी.. जो बोलता हूँ.. वो कर.. नहीं तो ऐसे ही घर जा..
बहुत बहस होने के बाद मैं रेडी हो गई।
उसके बाद मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी, अब मैं सिर्फ जीन्स और समीज़ में थी।
वो बोला- हिमानी पूरा उतार सब कुछ।
वो मान ही नहीं रहा था। अब मैं भी फंस चुकी थी। चूत में भी चुनचुनी होने लगी थी.. तो मैंने उसको बोला- पहले तू उतार फिर मैं उतारूँगी।
उसने देर नहीं की.. और वो बस चड्डी में रह गया था। मैं सोच ही रही थी कि मेरी समीज़ उसके हाथ में थी। उसके बाद जीन्स के बाद मैं पैन्टी और ब्रा में थी।
उसने जल्दी से मेरा हेयर कट किया। पहले से मेरे बाल कुछ छोटे हो गए थे.. लेकिन मुझे अच्छा लगा।
उसके बाद अनु बोला- रुक मैं आता हूँ उसके हाथ में एक बॉक्स था।
वो बोला- हिमानी गरदन नीचे कर.. और उसने रेज़र से मेरी गरदन के बाल साफ़ किए।
उसके बाद मैं जाने लगी.. तो कान में बोला- अभी पूरा कहाँ हुआ है..
मैंने बोला- हेयर कट हो तो गया है।
वो बोला- मुन्नी की शेव रह गई है।
मैं उसको मना किया.. लेकिन वो नहीं माना.. उसका लण्ड भी खड़ा हुआ साफ़ दिख रहा था।
अब मैं भी गरम हो गई थी.. पता तो था ही.. आज बिना चुदे नहीं जा पाऊँगी.. तो मैंने कहा- ठीक है.. लेकिन जल्दी करना।
यह सुन कर उसने मेरी पैन्टी और ब्रा भी उतार दी.. मेरे मम्मों को चूसा और मेरी टांगों को सामने वाले काँच के काउन्टर पर रख दिए और मेरी टांगों के बीच में आ गया।
मैं बोली- अनु ये सही नहीं है.. मैं नंगी हूँ.. तो तुम अब भी कपड़ों में हो।
मैंने भी उसका अंडरवियर उतार दिया, उसका लण्ड तेज़ी से मेरी चूत पर आकर लगा, हम दोनों हँस पड़े।
उसने शेविंग क्रीम मेरी मुन्नी पर लगाई.. पानी और ब्रश से बहुत अच्छे से घुमाया.. फिर रेज़र लेकर मुन्नी की शेविंग की।
क्या बताऊँ.. उस टाइम शर्म और चुदने का ख्याल कैसे होता है।
उसके बाद मैंने बोला- हो गया?
वो बोला- हाँ..
मैंने बोला- जाऊँ?
बोला- यार अभी तो काम स्टार्ट हुआ है और तुम जाने को बोल रही हो..
‘मतलब..?’
वो बोला- बस एक राउंड.. पीछे वाले में..
मैंने कहा- ना बाबा ना.. आगे कर लो.. पीछे नहीं..
बहुत देर बाद वो मान गया और मेरी मुन्नी में अपना लौड़ा डालने लगा।
मैंने बोला- अनु कण्डोम के साथ.. बिना उसके नहीं..
वो बोला- ओके..
वो अन्दर गया.. कण्डोम लाया और बोला- हिमानी ले लगा इसको।
मैंने उसके लण्ड पर कण्डोम चढ़ा दिया। उसके बाद उसने मेरी मुन्नी में 3 या 4 धक्कों में ही अपने पूरा लण्ड डाल दिया.. पेन हुआ.. लेकिन पहले वाला नहीं।
वो आराम-आराम से मेरी चूत का बैंड बज़ा रहा था और मैं आराम से मज़े ले रही थी।
उसके बाद मेरे चूचे को उसने चूसे और बहुत काटा, धकापेल चुदाई चल रही थी। मैं दो बार झड़ चुकी थी और वो लगातार तेजी से मेरी चूत का काम-तमाम करने में लगा था, ‘फच्च..फच्च..’ करके मेरी चूत का बाज़ा बजा रहा था।
लगभग 10 मिनट बाद वो ओर में झड़ गए, बहुत मज़ा आया।
उसके बाद हम दोनों अलग हुए.. उसने मेरा हेयर कट सही किया। पूरे बदन पर बाल लग गए थे.. उसको साफ़ किया और मुझे अपने हाथों से कपड़े पहनाए और उसके बाद मैं घर आ गई।
घर आते ही मम्मी बोलीं- इस बार हेयर कट सही किया है। मैं बोलती हूँ ना.. शॉर्ट हेयर ही रखा कर। मैं बोलूँगी अनु की मम्मी को कि इसका हेयर कट आगे से शॉर्ट ही करना..
मैं मम्मी से बोली- हाँ मम्मी.. मैं अब शॉर्ट ही करवाऊँगी।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी.. आगे आप सभी को बहुत सी घटनाएं बतानी हैं। मुझे अपने कमेंट्स जरूर भेजिएगा।