कुँवारी बुर के साथ एक प्यासी चूत मिली

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मेरा नाम विनय कुमार है। मैं बिहार से हूँ. मेरी उम्र 25 साल, हाइट 6 फिट और लंड 6 इंच का है. शरीर सुडौल है।

स्कूल के दिनों में मैं बहुत शर्मीला था लेकिन छुप कर लड़कियों के उरोज देखने में मजा आता था। कई लड़कियां जानबूझ कर झुक झुक कर मुझे दिखाती भी थी।

बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। अभी तक लंड कुँवारा था। मेरा मैथ सब्जेक्ट था तब पर भी बायोलॉजी के क्लास में बैठ जाता था।

एक दिन मैम बायो में प्रजनन का चैप्टर पढ़ा रही थी। मैं भी बातें सुन कर मजे ले रहा था.

तो मैंने देखा कि एक लड़की जिसका नाम तान्या था, वो मेरी तरफ घूर घूर के देख रही थी और मुस्कुरा रही थी। उसकी हाइट ज्यादा नहीं थी, 5 फुट के करीब ही होगी. मगर उसकी चूची सुडौल और बड़ी थी।
मैंने भी उसे देखा तो उसने झुक कर पेन उठाने के बहाने अपनी दोनों चूची के दर्शन करा दिये।

घंटी ख़त्म होने के बाद जब मैं पानी पीने नल के पास गया तो वो भी पीछे से आ गयी।
मैंने पूछा- घूर घूर के क्यों देख रही थी?
तो बोली- ऐसे ही।
मैंने बोला- अपनी दोनों गेंद क्यों दिखा रही थी?
तो वो शर्मा गयी और धीरे से बोली- खेलने के लिए।

हाँ … उस कॉलेज के नाईट गॉर्ड का परिवार उसी कॉलेज के परिसर में एक कमरे में रहते थे। चौकीदार के परिवार में वो खुद 55 के थे, उनकी बीवी 50 के आस पास की होगी।
बेटा शायद बाहर रहता था और वो दिन में कोई दूसरा काम भी करता था।

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मैंने तान्या को इशारा किया कि वो कॉलेज के पीछे आये। मैं आगे बढ़ा वो भी पीछे से आ गयी. मैंने वहाँ चारों और देखा कोई नहीं था। मैंने उसे किस करना शुरू किया और हाथों से उसके चूची को दबाने लगा।
वो बोली- अभी नहीं!
मैं बोला- लंड खड़ा है.
वो बोली- कोई देख लेगा … बाद में सही जगह करेंगे।

मैंने उसे जाने दिया और मैं वापस आने लगा तो आंटी (नाईट गॉर्ड की पत्नी) ने मुझे देख कर बुला लिया.
मैं उनके पास गया तो वो बोली- तुम दोनों पीछे क्या कर रहे थे?
तो मैं बोला- कुछ नहीं।
तो वो बोली मैंने देख लिया है. प्रिंसिपल के पास शिकायत कर दूंगी।

मेरे अंदर भी डर होने लगा कि कहीं सच में शिकायत हो गयी तो कितनी बदनामी होगी।

मुझे डरा हुआ देख कर वो बोली- नल पे से एक बाल्टी पानी ला दो पहले, मुझे नहाना है।
कॉलेज होने के कारण वो अपने रूम में ही कार्नर में नहाती थी।

मैं पानी भर कर जब देने गया तो देखा तो अवाक् रह गया. आंटी ने अपनी साड़ी उतारी हुई थी, ब्लाउज भी नहीं था तो दोनों चूची साफ दिखाई दे रही थी. शरीर पे मात्र एक पेटीकोट था।
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैं बाल्टी रख कर आने लगा तो उसने मुझे बुलाया और मेरी पैंट पर हाथ रख कर बोली- मैं तेरी शिकायत नहीं करूँगी अगर तुम मुझे अपना लंड दोगे।
मैंने कहा- मैं कैसे … मुझसे नहीं होगा।
वो बोली- सोच लो. हाँ … तुम मेरे रूम में उस लड़की को भी चोद सकते हो. मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.

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मैं नर्वस था तो बोला- मुझे कल तक के लिए मौका चाहिए।

घर वापस आया मैं … एक बार मुठ मार कर पानी निकाल फिर सोचा कि एक तीर से दो दो निशाने … मतलब चोदने जगह भी मिल गयी और दो दो बुर (चूत) भी।

अगले दिन कॉलेज जाने से पहले कंडोम ख़रीदा, डिब्बा फेंक कर कंडोम जेब में रख लिया।
आज तान्या फिर मेरे से मिलने आयी थी घंटी के बीच में … तो एक कागज पे लिख कर उसे क्वार्टर के पास आने को बोला।

मैं पहले गया, वो भी पीछे से आयी.
मैंने आंटी से बोला- मुझे मंजूर है।

मैं अंदर गया, तान्या को भी अंदर बुलाया.
वो अंदर आ गयी।

मैं बोला- आंटी, मैं पहले अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स करूँगा, तब तक आप बाहर चली जाओ।
आंटी बोली- बीटा, शरमाते क्यों हो? करो न मेरे सामने … मैं सब सिखा दूँगी।

लेकिन तान्या कुछ असहज महसूस कर रही थी।

आंटी ने गेट लगाया. उनके गेट लगाते ही मैं तान्या को किस करने लगा और हाथ से उसकी चूची कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा।
मैंने देखा कि आंटी अपना कुछ काम कर रही है।

मैंने तान्या के टॉप को उतार दिया. वो ब्रा में मस्त लग रही थी. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूची चूसने, मसलने लगा. वो सिसकारी ले रही थी।
उसके बाद मैंने उसे बोला- तुम मेरे कपड़े उतारो.
तो उसने मेरा टीशर्ट उतारी।

मैंने तान्या की ब्रा का हुक खोल कर उसकी दोनों चूची को ब्रा से आजाद कर दी और उसके गुलाबी निप्पल को चूसने लगा। दूसरी चूची को मैं हाथ से मसलने लगा.
तान्या को बहुत मजा आ रहा था, उसकी सिसकारियां निकल रही थी अह … उम्म्ह … हाह … हाँ!
उसने एक हाथ मेरे सर पर रख लिया था और उसे दबा रही थी.

फिर मैंने उसकी दूसरी चूची के निप्पल को चूसना शुरू किया. मैं अपने दोनों हाथ उसके कूल्हों पर ले गया जो अभी उसकी पैंट में बंद थे.
दोनों चूचुकों को खूब चूसने के बाद मैं उसकी जीन्स का बटन खोलने लगा तो वो मुझे रोकने लगी.

लेकिन चुदाई तो होनी ही थी और बिना पैंट उतरे चुदाई हो नहीं सकती थी तो मैंने उसकी जीन्स खोल कर उतार दी।
अब मेरी गर्लफ्रेंड केवल पैंटी में मस्त लग रही थी.

मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर पे किस किया तो वो सिहर गयी। मैंने उसकी पैंटी में पीछे से अपने दोनों हाथ घुसा लिए और उसके चूतड़ों को मसलने लगा. सामने से मैं अपने होठों से पैंटी में कैद गर्लफ्रेंड की कुंवारी बुर को चूम रहा था.

तान्या की कामवासना पूरे उफान पर थी, वो अपने चूतड़ हिला हिला कर मजा ले रही थी, उसके मुख से वासना से लबालब सिसकारियां उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल रही थी. वो पूरी गर्म हो चुकी थी.

उधर आंटी अपना काम ख़त्म कर चुकी थी, वो भी हमारे पास आ गयी और हम दोनों अनाड़ियों को सेक्स करते देखने लगी।

तब मैंने तान्या की पैंटी भी उतार दी। मेरी गर्लफ्रेंड की बुर पे हल्के हल्के बाल भी थे, मैं जीभ से अनछुई जवान बुर को चाटने लगा।
तभी आंटी बोली- साले … लड़की को तो नंगी कर दिया, खुद कपड़े पहने हुए है अभी तक?

आंटी ने मेरी जीन्स उतार दी, अंडर पैंट भी उतार दी, मेरा लौड़ा फुफकार मारने लगा. आंटी मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
मैं तान्या की बुर चाट रहा था।

तभी तान्या बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा … आगे भी तो कुछ करो!
मैंने कंडोम निकाला तो आंटी बोली- अबे … कंडोम लगा के कुंवारी लड़की की सील तोड़ेगा? नासमझ ऐसे ही चोद नंगे लंड से!

फिर आंटी ने तान्या से पीरियड्स के समय के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी माहवारी 2 दिन पहले की ख़त्म हुई है.
तो आंटी बोली- कर लो ऐसे ही, कुछ नहीं होगा। पेट से भी नहीं हो सकती अभी।

आंटी ने मेरा लंड पकड़ा और लड़की की चूत के पास ले गयी. आंटी ने लड़की की कमर के नीचे तकिया रख दिया और मुझे बोली- धीरे से अंदर डाल!

मैंने अपना लंड अपनी गर्लफ्रेंड की बुर के छेद पर टिकाया और थोड़ा सा झटका दिया तो इतने से ही तान्या चीखने लगी. उसके मुंह पे आंटी ने हाथ रख दिया, बोली- धीरे धीरे आगे पीछे कर … पर थोड़ा ही।
तो मैंने धीरे धीरे आंटी के कहे अनुसार अपना लंड तान्या की कुंवारी बुर में अंदर बाहर करना शुरू किया.

फिर आंटी ने मुझे आँखों से इशारा किया. मैं समझ गया और मैंने जोर से झटका दिया तो मेरा लंड तान्या की बुर को फाड़ते हुए अंदर घुस गया.
वो छटपटाने लगी।
मुझे भी कुछ दर्द हुआ. देखा तो खून निकल रहा था।

कुछ ही मिनट के बाद मैं झड़ गया और तान्या की हालत खराब थी। हम दोनों का कौमार्य भंग हुआ था।

आंटी ने तान्या को साफ़ कपड़ा दिया, तान्या ने अपनी खून से लथपथ चूत साफ की और अपने कपड़े पहन कर चली गयी।

मैं भी चलने लगा तो आंटी बोली- अबे … मेरी प्यास कौन बुझायेगा?
तो मैं बोला- आंटी, आज नहीं, कल करूंगा. आज लेट हो रहा है और लंड में भी दर्द है।

तो वो बोली- ना … ऐसे नहीं जाने दूंगी. तू मेरी चूत को चाट कर मेरी प्यास बुझा.
इतना कहा कर आंटी ने अपनी साड़ी उठा दी.

मैंने देखा कि वो पैंटी नहीं पहनी है.
मैं झांट भरी चूत में उंगली डाल कर, थोड़ी देर चाट कर उन्हें 5 मिनट में झड़वा करके घर वापस आ गया.

मैं विनय फिर हाजिर हूँ आपकी खिदमत में!
आपने मेरी सेक्स स्टोरी के पिछले भाग

में पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी क्लासमेट और गर्लफ्रेंड तान्या की सील तोड़ी और आंटी की चूत चाटी।

मैं अगले दिन कॉलेज नहीं गया. उसके अगले दिन जब गया तो देखा आंटी देख के मुस्कुरा रही है।

मैंने मैथ्स की क्लास की और जब बायो की क्लास होने वाली थी तो चल दिया।

मैं लड़कों के कॉमन रूम की तरफ जा रहा था तो आंटी ने इशारा किया।

मैं उनके पास गया तो उन्होंने मुझे अपने कमरे के अंदर बुलाया। मैं चला गया.

अंदर जाने के बाद उन्होंने गेट बंद कर दिया और अपना ब्लाउज खोले बिना मेरा सर पकड़ कर अपनी चूची के ऊपर रख कर मेरे बाल सहलाने लगी।
मैं भी उनकी दोनों बड़ी बड़ी चूची को हाथों से मसलने लगा।
तभी मैंने आंटी के निप्पल में थोड़े दाँत गड़ाये तो उनकी चीख निकली, बोली- दर्द होता है।
और ब्लाउज को खोज दिया, बोली- आराम से पियो जितना पीना है. बस दांत ना लगाना.

ब्रा में बड़े पपीते के तरह उनकी चूचियां लग रही थी। मैंने आंटी की ब्रा ऊपर सरका कर उनकी चूचियां पूरी नंगी कर ली और नन्हें बालक की तरह निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा.
थोड़ी देर चूची चुसवाने के बाद आंटी मेरा कपड़े उतारने लगी।

मेरा लौड़ा एकदम तनतनाया हुआ था। आंटी मेरे लंड को चूसने लगी. मुझे भी मजा आने लगा.

तब मैंने आंटी का पेटीकोट खोल कर उनकी पैंटी उतार दी तो पागल ही हो उठा।
आज आंटी ने अपनी चूत पर के सारे बाल साफ कर रखे थे, चूत को एकदम चिकना बना रखा था।

मैंने जीभ से आंटी की चूत को चाटना शुरू किय और उंगलियों से चूची के निप्पल मसलने लगा.

5 मिनट चूत चाटने के बाद वो सिसकारी भरते हुए बोली- अब अपनी आंटी को चोद दे मेरे राजा बेटा।

आंटी ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पे रख लिया और बोली- धक्का मार।
मैंने जैसे ही धक्का मारा कि उनकी चीख निकल गयी।

मैं धक्के लगाता रहा और वो चूत चुदाई का मजा लेती रही.

उसके बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद मेरे लंड पे बैठ कर चुदने लगी।

फिर आंटी घोड़ी बन कर मुझसे चुदी.

करीब 20 मिनट चोदने का बाद हम लोग का माल निकला। मैं और वो दोनों नंगे साथ ही लेटे रहे.

फिर कुछ देर बाद मेरा लंड खड़ा होने लगा क्योंकि आंटी उसे अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी थी।
मैं भी एक हाथ से चूची को दबा रहा था तथा दूसरे से उनकी गांड में उंगली कर रहा था.
वो बोली- बेटा, धीरे से करो!

जब मेरा लंड एकदम टाइट हो गया तो मैंने लंड को आंटी के मुँह में डाला और मुख चोदन करने लगा।
फिर मैंने कहा- आंटी मैं गांड मारूँगा आपकी।
वो बोली- ठीक है पर आराम से मारना अपनी आंटी की गांड!

उन्होंने कंडोम निकाला, मेरे लंड पे लगाया. मैंने थूक से आंटी की गांड के छेद को गीला किया और लंड गांड पे सटाया और धीरे धीरे डालने लगा.

5 मिनट में पूरा लंड आंटी की गांड के अंदर चला गया. फिर मैं जोर जोर से आगे पीछे करने लगा और वो आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह कर रही थी।
मैं भी ‘साली … रंडी!’ ऎसी ऐसी गालियां बके जा रहा था।

20 मिनट तक हमारी चुदाई चली होगी और फिर मैंने अपने लंड का पानी आंटी के मुँह पे छोड़ दिया।
आंटी बोली- कभी मेरी ऐसी चुदाई नहीं हुई। मैं तेरी दीवानी हो गयी हूँ।
अनंती ने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

मैंने खुद को आंटी से छुडाया और मैंने कपड़े पहन कर अपने क्लास रूम में आ गया।

इसी तरह मेरी आंटी और तान्या की चुदाई चलती रही.
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