लॉकडाउन में फंसकर मस्त चूत चोदने को मिली

लॉकडाउन भाभी सेक्स का मजा मुझे मिला एक अकेली भाभी के साथ. लॉकडाउन में ऑनलाइन गेम खेलते हुए उससे दोस्ती हुई. फिर कुछ समय बाद हम मिले.

दोस्तो, मैं लंड खड़े कर देने वाली सेक्स कहानी सुनाकर लड़कियों और भाभियों को चूत टपकाने का काम करने वाला आपका अरुण, एक बार फिर से हाजिर हूँ.

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को भाभियों ने बहुत प्यार दिया, जिसमें से दो भाभी तो मेरे साथ सेक्स करने के लिए भी तैयार हो गई थीं.
उनमें से एक के साथ तो मैं पलंग तोड़ कबड्डी खेल भी चुका हूँ.
उस भाभी की चुदाई की कहानी आप सभी के सामने मैं ज़रूर रखूँगा.

साथ ही कुछ भाइयों के मेल भी मिले हैं, जो अपनी कहानी लिखने के लिए बोल रहे हैं.
वो सेक्स कहानी भी जल्द ही आपकी सेवा में पेश करूंगा.

अभी मर्द अपने लंड को हिलाने और लौंडियां अपनी चूत में उंगली डालने के लिए तैयार हो जाएं

यह एकदम सच्ची सेक्स कहानी है. इस Lockdown Bhabhi Sex Story में किसी भी तरह की कोई बनावट नहीं है.
हां कहानी को कामुक बनाने के लिए इसमें शब्दों का मसाला जरूर होगा.

यह कहानी अप्रैल 2020 की है. उस समय के लॉकडाउन की याद तो सभी को होगी.
वो समय मुझे कुछ ज़्यादा अच्छे से याद है क्योंकि घर पर होने के कारण जीवन बिल्कुल फीका सा हो गया था.

इस फीकी जिन्दगी में हमारे ऑनलाइन गेमिंग एप ने थोड़ा मसाला डाला.
जिसमें हम ऑनलाइन रह कर नए नए दोस्तों के साथ गेम खेलने के साथ साथ ऑनलाइन चैट भी कर लिया करते थे.

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इसमें होता ये था कि बस गेम खेलना चालू किया और मजा आना शुरू हो गया.
ये गेम भी मैंने सिर्फ़ फीमेल को सिलेक्ट करके खेला.

इसी एप से बहुत सी लड़कियों और भाभियों से चैट स्टार्ट हुई.
यदि गिनती करूँ, तो मैंने 40 से 50 महिलाओं से चैट की होगी.

इनमें से कुछ दिल्ली की भी थीं.
दिल्ली वाली भाभियों और लड़कियों से बहुत अच्छे से पटती थी क्योंकि लोकल लोकेशन होने का फायदा जो था.

इसी दौरान एक लड़की के साथ गेम खेलना हुआ.
उसका नाम पूनम था.

गेम खेलते हुए हम दोनों माइक पर बात भी कर रहे थे.
हमारी बातें सामान्य ही चल रही थीं.

दोनों को ही बातों में मजा आने लगा तो गेम को छोड़कर हम दोनों मैसेज में और माइक से बात करने लगे.

दोनों ने अपने अपने बारे में बताया और एक दूसरे को समझा जिससे हमारे बीच दोस्ती और भी गहरी हो गई.

हमारी बातें 7 महीने तक चलीं.
इन 7 महीनों में हम दोनों ने अनेकों बार फोन सेक्स का मजा भी लिया था.

फिर एक दिन मिलने का मौका आया. वो 12 नवम्बर 2020 की तारीख थी.
मैं पूनम से पहली बार मिलने जा रहा था.
उस दिन लौड़ा सुबह से ही खड़ा हो गया था.

मैं अपनी गाड़ी में बैठा और पूनम से मिलने लाजपत नगर के लिए निकल गया.
पन्द्रह मिनट वेट करने के बाद पूनम ने ऐप पर ही माइक में बात की और मेट्रो के पास बुलाया.

मेट्रो के सामने मैंने गाड़ी लगाई और गाड़ी में से बाहर निकल कर फिर से पूनम से माइक पर ही बात की.
मजे की बात तो ये हुई कि हम दोनों अगल बगल में खड़े होकर बात कर रहे थे.

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जब हमने एक दूसरे को देखा तो मैं तो हैरान हो गया क्योंकि पूनम साड़ी पहनी हुई थी.
वो एक शादीशुदा भाभी थी.

हमारी आपने सामने से हाय हैलो हुई.
फिर हम दोनों गाड़ी में बैठ गए और खाना खाने चल दिए.

पूनम गाड़ी में मेरे बाजू में बैठी थी.
मैंने पूनम से पूछा कि तुम तो शादीशुदा हो … ये तुमने कभी बताया क्यों नहीं?

पूनम ने कहा- मुझे लगा कि अगर मैं ये बात तुमको पहले बता देती, तो शायद तुम मुझसे बात नहीं करते.
मुझे इस बात पर हंसी आ गई.

पूनम ने पूछा कि क्या हुआ?
मैंने उसको बताया कि अरे यार मैं भी शादीशुदा हूँ.
पूनम ने कहा- हां मुझे पता था कि तुम शादीशुदा हो.

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मैंने पूछा, तो उसने बताया कि गाड़ी पर आपके बच्चों का नाम लिखा है. मैंने गाड़ी पर पढ़ लिया था.

खाने के लिए होटल पहुंचने तक हमारी सामान्य बातें चलती रहीं.
मुरथल पहुंच कर हम दोनों ने सुखदेव ढाबे में खाना खाया और पार्किंग में लगी अपनी गाड़ी में बैठ कर बातें करने लगे.

अब हमारी बातें धीरे धीरे गर्म होने लगी थीं.
मैंने भी पूनम को धीरे धीरे छेड़ना शुरू कर दिया था.

सबसे पहले मेरा हाथ पूनम के हाथों को रगड़ रहे थे, फिर धीरे धीरे जांघों पर आ गए.

मैं खूब अच्छे से उसकी जांघों को सहला रहा था.
पूनम इस पल को एन्जॉय कर रही थी.

फिर मैं धीरे से अपना हाथ उसकी चूत की तरफ़ ले गया.
चूत को छूते ही पता लगा कि उसकी चूत तो गीली हो चुकी है.
पूछने पर पूनम ने बताया कि बहुत दिनों के बाद किसी मर्द में मेरी चूत को छुआ है.

ये बात सुनकर मैंने पूनम से पूछा- तुम तो शादीशुदा हो, तो पति चोदता नहीं है क्या?
उसने बात को टाल दिया और मुझको अपनी ओर खींचती हुई बोली- आओ मुझे किस करो.

बस मौका ठीक देखते ही मैंने पूनम को खींचते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और हम दोनों अच्छे से चूसने में लग गए.

मुझे लग रहा था कि मैं ही चूत का प्यासा हूँ मगर पूनम तो मुझसे भी ज़्यादा लंड की प्यासी थी.

उसने तुरंत ही मेरी पैंट के ऊपर से मेरा लंड पकड़ा और हिलाने लगी.
हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों को ही कुछ मिनट तक लाल करते रहे.

पूनम का एक हाथ मेरे लंड पर था, दूसरा मेरे बालों में था.
मेरा लेफ्ट हाथ सीट को पकड़े हुआ था और दूसरा हाथ पूनम की चूचियां नाप रहा था.

कुछ देर के बाद पूनम अलग हो गई और मुझसे बोली- अरुण मैं तुम्हारे साथ सेक्स करने के लिए गर्म हो गई हूँ, लेकिन हम यहाँ अच्छे से कुछ नहीं कर पाएंगे. हमारे घर भी दूर हैं और होटल में जाएंगे तो घर के लिए देरी हो जाएगी. एक काम करो, तुम मेरी चूत में अच्छे से उंगली कर दो … और मैं भी तुम्हारे लंड को हिलाकर पानी निकाल देती हूँ.

मैं ये सब बातें सोच भी नहीं सकता था कि पहली मुलाक़ात में ही हमारे बीच इतना कुछ होगा.
मजा तो मुझे भी आ रहा था और मन तो मेरा भी पूनम को चोदने का था.

बस मैंने भी देर ना करते हुए एक उंगली पूनम की गीली चूत में अन्दर तक पेल दी.
इसका मजा पूनम अपनी कमर उठा कर लेने लगी थी.

अब पूनम ने भी मेरी पैंट की ज़िप खोली और लंड को बाहर निकाल कर अच्छे से हिलाना शुरू कर दिया.

कुछ मिनट अच्छे से लंड हिलाने के बाद मैंने पूनम से कहा- मेरा निकलने वाला है, थोड़ा और तेज़ करो.
उधर पूनम इतनी देर में दो बार अपनी चूत से पानी छोड़ चुकी थी.

पूनम को जैसे ही मेरा लंड चरम पर आता सा लगा, उसने तुरंत झुक कर लंड को मुँह में ले लिया और लंड से निकली एक एक बूँद को गटक लिया.

मैंने पूनम से पूछा- तुमको कैसे पता लगा कि लंड से अब पानी निकालने वाला है?
उसने जवाब दिया कि मैं शादीशुदा हूँ … मैंने अपने पति का लंड बहुत चूसा है. मुझे पता है कि पानी निकलने से पहले लंड थोड़ा सख्त हो जाता है.

अब हम दोनों झड़ चुके थे और शांत हो गए थे.

मैंने पूनम से चलने का कहा.
उसने हामी भर दी और हम दोनों घर आने के लिए वापस निकल लिए थे.

कुछ समय बाद हम दोनों अपने अपने घर पर आ गए थे.

अब हम फोन पर ही बात करते थे और जब भी … और हमारी जितनी भी बात होती थी, बस चुदाई की ही होती थी.

एक दिन बातों बातों में पूनम ने बताया कि वो अपने पति से दूर अपनी मां के घर पर रहती है. मेरी मां के घर भी भाई से कुछ कहा-सुनी हो गई है. मैं अब उनसे भी अलग एक रूम रेंट पर लेकर रह रही हूँ.

मुझे ये बात सुनकर अच्छा तो नहीं लगा.
लेकिन लंड महाराज ने अंगड़ाई लेते हुए समझाया कि बेटा रास्ता एकदम साफ़ है … जाओ और पूनम की सुलगती जवानी का भोग लगा आओ.

मैंने उससे मिलने के लिए कहा तो इस बात के लिए पूनम भी तैयार हो गई.
उस दिन मैंने भी जॉब से छुट्टी ली और घर पर ऑफिस का कह कर सुबह ही निकल गया.

मैं पूनम के रूम पर 10 बजे तक पहुंच गया.

रूम में आते ही पहले हम दोनों गले मिले और एक लम्बा सा किस किया.

फिर अलग होकर हम दोनों ने कुछ बातें की.
बातों ही बातों में मैंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और वासना भरी निगाहों से पूनम को निहारना शुरू कर दिया.

पूनम अपने रूम में नाइटी में थी और उसमें से 36 इंच की चूचियों के दाने साफ़ बता रहे थे कि वो आज़ाद थे, मतलब ब्रा में क़ैद नहीं थे.

उसकी 40 इंच की गांड का उभार भी बता रहा था कि गांड भी पैंटी विहीन है.

अब पूनम मेरे पास सरक आई और बोली- बस अब निहारोगे ही या कुछ करने का भी इरादा है?
मैंने तुरंत पूनम का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा और उसके रसीले होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

मुझे चूसते हुए अभी कुछ मिनट ही हुए थे कि पूनम एकदम से उछली और अपनी टांगों को कैंची बनाते हुए मेरी कमर पर लटक गई.
हम दोनों ही गर्म हो चले थे.

पूनम मेरी गोद में थी तो मैं भी उसकी गांड को नाइटी ऊपर करके सहला रहा था, साथ में चूत में भी उंगली कर दे रहा था.
फिर पूनम नीचे उतरी और उसने अपनी नाइटी खुद उतार दी.

पूनम मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी.

अब मैं भी अपनी शर्ट उतार रहा था.
पूनम आगे आकर घुटनों के बल बैठ गई और उसने मेरी पैंट को अंडरवियर के साथ ही उतार दिया.

अचानक से अंडरवियर को नीचे खींचने से लंड झटके से बाहर निकल कर फुंफकार मारने लगा.
अब तक मैं अपनी शर्ट और बनियान भी उतार चुका था.

पूनम ने मेरे लंड को पकड़ लिया और नीचे ज़मीन पर लगे हुए बिस्तर पर मुझे धकेल कर लिटा दिया.
उसने खुद मेरे लंड को मुँह में लेकर अच्छे से चूसना शुरू कर दिया.
मुझे उससे लंड चुसवाने में बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.

मैंने भी पूनम की गांड को अपनी तरफ़ घुमाया और 69 की पोज़िशन में आकर एक दूसरे को चूसने लगे.
पूनम अपनी कमर को ऐसे हिला रही थी जैसे समुंदर में पानी की लहरें हिल रही हों.

दस मिनट बाद पूनम मेरे बगल में आकर बोली- आज कुछ मत सोचना … और जिस तरह से भी तुम्हारा मन करे, मुझे चोद देना और जब तक चाहो तब तक चोद लेना. मैं एकदम से तैयार हूँ.

उसकी बातें सुनकर मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.
पूनम को मैंने पीठ के बल लिटाया और उसके ऊपर आ गया.

मैंने पूनम की चूत के दाने के ऊपर 8-10 बार लंड रगड़ा, फिर एक ही झटके में पूनम की चूत के अन्दर पेल दिया.
तगड़े झटके से लंड अन्दर डालते ही पूनम के मुँह से एक ‘आअहह …’ निकली और उसने मेरी कमर को कसके पकड़ लिया.

मैं अब धीरे धीरे झटके देने लगा.
पूनम सीधी लेट गई और लंड का मजा लेने लगी.
मैंने भी झटकों की स्पीड को टॉप गेयर में डाल दिया था.

पूनम बस सिसकारियों में ‘आह सीसी आह आआहह …’ किए जा रही थी.
वो जितना आआह हहहा करती, मैं उतना ही तेज़ी से झटका लगा देता.

ये पहली चुदाई दस मिनट तक चली और इसमें पूनम दो बार झड़ गई.
उसके बाद हम दोनों फ्रेश हुए और साथ में खाना खाया.

उस दिन हम दोनों ने 4 बार और चुदाई की.
अंतिम बार में पूनम बेहोश सी हो गई थी; उसकी चूत भी सूज चुकी थी.

इसके बाद तो मैं रोज ही पूनम को रूम पर जाकर उसकी दो तीन बार चुदाई कर देता था.
हम दोनों ने एक साल तक खूब लॉकडाउन भाभी सेक्स का आनन्द लिया.

उस एक साल में क्या क्या गुल खिले … उस पर मैं अगली सेक्स स्टोरी में चर्चा करूंगा.
अभी के लिए बस इतना ही.

मैं आशा करता हूँ कि भाईयो और भाभियो का प्यार मुझ पर बना रहेगा. आप मेरी लॉकडाउन भाभी सेक्स कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया मुझे मेल पर ज़रूर देंगे.
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